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पीएम मोदी और शेख हसीना के बीच वार्ता सम्मेलन अहम कदम : विशेषज्ञ

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 17 दिसंबर को बांग्लादेशी प्रधानमंत्री शेख हसीना के साथ डिजिटल माध्यम से शिखर वार्ता करेंगे. इस बैठक को लेकर विशेषज्ञों का कहना है कि यह वर्चुअल शिखर सम्मेलन दोनों देशों के संबंधों के लिए एक बहुत ही अहम और सकारात्मक कदम है.

पीएम मोदी और शेख हसीना
पीएम मोदी और शेख हसीना
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Published : Dec 14, 2020, 10:49 PM IST

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 17 दिसंबर को बांग्लादेशी प्रधानमंत्री शेख हसीना के साथ डिजिटल माध्यम से शिखर वार्ता करेंगे. दोनों नेता द्विपक्षीय संबंधों के संपूर्ण आयामों पर व्यापक चर्चा करेंगे. विदेश मंत्रालय ने सोमवार को यह जानकारी दी. विदेश मंत्रालय द्वारा जारी बयान के अनुसार दोनों नेताओं के बीच वार्ता के केंद्र में कोविड-19 के बाद सहयोग को और मजबूत बनाना भी होगा.

मंत्रालय ने कहा, 'शिखर बैठक के दौरान दोनों नेता द्विपक्षीय संबंधों के सम्पूर्ण आयामों पर व्यापक चर्चा करेंगे, जिसमें कोविड-19 के बाद सहयोग को और मजबूत बनाने पर भी जोर होगा.'

बयान के अनुसार दोनों देशों ने नियमित रूप से उच्च स्तरीय संवाद एवं आदान प्रदान जारी रखा है और इसमें पिछले वर्ष अक्तूबर में हसीना की आधिकारिक भारत यात्रा और मार्च में मुजीब वर्ष के ऐतिहासिक अवसर पर मोदी के वीडियो संदेश का जिक्र किया गया.

इस मामले में एक विशेषज्ञ ने कहा कि बांग्लादेश एक महत्वपूर्ण देश है और भविष्य में भारत के साथ जुड़ाव जारी रखने के लिए वर्चुअल शिखर सम्मेलन एक बहुत ही सकारात्मक विकास है.

ईटीवी भारत से बात करते हुए पर्यवेक्षक रिसर्च फाउंडेशन (ओआरएफ) के वरिष्ठ फेलो जोइता भट्टाचार्जी ने कहा कि आभासी बैठक हमें मुद्दों पर चर्चा करने के लिए महामारी की स्थिति को देखते हुए एक विकल्प प्रदान करती है. यह शिखर मार्च 2021 में आगामी द्विपक्षीय यात्रा के लिए एक रन-अप है.

इस तरह यह रिश्ता जारी रखने के लिए एक बहुत ही सकारात्मक कदम है. यह वर्ष बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह मुजीब बोरशो और बांग्लादेश जल्द ही लिबरेशन युद्ध की अपनी स्वर्ण जयंती और उनकी स्वतंत्रता का जश्न मनाएगा. इस बात को ध्यान में रखते हुए वर्चुअल मीटिंग अधिक जुड़ाव और सहयोग का मार्ग प्रशस्त करेगी.

भट्टाचार्जी का कहना है जहां तक दोनों देशों के द्विपक्षीय मुद्दों की बात होती है, तो हमेशा भारत-बांग्लादेश के रिश्ते को किसी भी देश से स्वतंत्र माने जाते हैं.

उन्होंने कहा कि यह शिखर सम्मेलन द्विपक्षीय होगा. भारत और बांग्लादेश के मंत्रियों की समय-समय पर डिजिटल प्लेटफॉर्म पर बैठक होती रही है और एक साथ कई परियोजनाओं का उद्घाटन हुआ है.

जोइता ने कहा कि बैठकें चर्चा की गति को दर्शाती हैं और राजनयिक स्तर पर बातचीत हुई है, जिसमें विदेश सचिव की बांग्लादेश यात्रा, नियमित बातचीत शामिल है.

भारत और बांग्लादेश ने उच्चतम स्तर पर नियमित आदान-प्रदान को जारी रखा है. प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अक्टूबर 2019 में भारत की आधिकारिक यात्रा की थी.

MEA ने एक बयान में कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने मार्च 2020 में मुजीब बोरशो के ऐतिहासिक अवसर पर एक वीडियो संदेश दिया. दोनों नेता कोरोना महामारी के दौरान नियमित संपर्क में बने हुए हैं.

इससे पहले रविवार को बांग्लादेश के विदेश मंत्री डॉ ए के अब्दुल मोमन ने कहा कि शिखर सम्मेलन के दौरान दोनों पक्ष प्रमुख मुद्दों को उठाएंगे, जिनमें पानी और सीमा शामिल हैं.

पढ़ें- बांध परियोजना से एशिया में धौंस जमाने की ताक में चीन

जोइता ने कहा कि शिखर स्तर पर आभासी बैठक एक दिशा देती है कि कैसे भारत-बांग्लादेश एक साथ अपने भविष्य के संबंध को आकार देंगे. यह अतिरिक्त ध्यान केंद्रित करता है और रिश्ते को आगे बढ़ाता है.

यह दर्शाता है कि भारत बांग्लादेश के साथ कितना करीब है और भारत एक साथ काम करने के लिए बांग्लादेश को एक भागीदार के रूप में कैसे देखता है.

गौरतलब है कि बांग्लादेश साल 202-21 को अपने देश के संस्थापक शेख मुजीबुर रहमान की 100वीं जयंती के अवसर पर मुजीब वर्ष के रूप में मना रहा है.

मंत्रालय ने कहा कि पिछले कुछ वर्षो में भारत और बांग्लादेश के संबंध और प्रगाढ़ हुए हैं. दोनों देशों ने सम्पर्क एवं आधारभूत ढांचे से जुड़ी अनेक परियोजनाओं को लागू करने के अलावा कारोबार और आर्थिक सहयोग को आगे बढ़ाया है.

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 17 दिसंबर को बांग्लादेशी प्रधानमंत्री शेख हसीना के साथ डिजिटल माध्यम से शिखर वार्ता करेंगे. दोनों नेता द्विपक्षीय संबंधों के संपूर्ण आयामों पर व्यापक चर्चा करेंगे. विदेश मंत्रालय ने सोमवार को यह जानकारी दी. विदेश मंत्रालय द्वारा जारी बयान के अनुसार दोनों नेताओं के बीच वार्ता के केंद्र में कोविड-19 के बाद सहयोग को और मजबूत बनाना भी होगा.

मंत्रालय ने कहा, 'शिखर बैठक के दौरान दोनों नेता द्विपक्षीय संबंधों के सम्पूर्ण आयामों पर व्यापक चर्चा करेंगे, जिसमें कोविड-19 के बाद सहयोग को और मजबूत बनाने पर भी जोर होगा.'

बयान के अनुसार दोनों देशों ने नियमित रूप से उच्च स्तरीय संवाद एवं आदान प्रदान जारी रखा है और इसमें पिछले वर्ष अक्तूबर में हसीना की आधिकारिक भारत यात्रा और मार्च में मुजीब वर्ष के ऐतिहासिक अवसर पर मोदी के वीडियो संदेश का जिक्र किया गया.

इस मामले में एक विशेषज्ञ ने कहा कि बांग्लादेश एक महत्वपूर्ण देश है और भविष्य में भारत के साथ जुड़ाव जारी रखने के लिए वर्चुअल शिखर सम्मेलन एक बहुत ही सकारात्मक विकास है.

ईटीवी भारत से बात करते हुए पर्यवेक्षक रिसर्च फाउंडेशन (ओआरएफ) के वरिष्ठ फेलो जोइता भट्टाचार्जी ने कहा कि आभासी बैठक हमें मुद्दों पर चर्चा करने के लिए महामारी की स्थिति को देखते हुए एक विकल्प प्रदान करती है. यह शिखर मार्च 2021 में आगामी द्विपक्षीय यात्रा के लिए एक रन-अप है.

इस तरह यह रिश्ता जारी रखने के लिए एक बहुत ही सकारात्मक कदम है. यह वर्ष बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह मुजीब बोरशो और बांग्लादेश जल्द ही लिबरेशन युद्ध की अपनी स्वर्ण जयंती और उनकी स्वतंत्रता का जश्न मनाएगा. इस बात को ध्यान में रखते हुए वर्चुअल मीटिंग अधिक जुड़ाव और सहयोग का मार्ग प्रशस्त करेगी.

भट्टाचार्जी का कहना है जहां तक दोनों देशों के द्विपक्षीय मुद्दों की बात होती है, तो हमेशा भारत-बांग्लादेश के रिश्ते को किसी भी देश से स्वतंत्र माने जाते हैं.

उन्होंने कहा कि यह शिखर सम्मेलन द्विपक्षीय होगा. भारत और बांग्लादेश के मंत्रियों की समय-समय पर डिजिटल प्लेटफॉर्म पर बैठक होती रही है और एक साथ कई परियोजनाओं का उद्घाटन हुआ है.

जोइता ने कहा कि बैठकें चर्चा की गति को दर्शाती हैं और राजनयिक स्तर पर बातचीत हुई है, जिसमें विदेश सचिव की बांग्लादेश यात्रा, नियमित बातचीत शामिल है.

भारत और बांग्लादेश ने उच्चतम स्तर पर नियमित आदान-प्रदान को जारी रखा है. प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अक्टूबर 2019 में भारत की आधिकारिक यात्रा की थी.

MEA ने एक बयान में कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने मार्च 2020 में मुजीब बोरशो के ऐतिहासिक अवसर पर एक वीडियो संदेश दिया. दोनों नेता कोरोना महामारी के दौरान नियमित संपर्क में बने हुए हैं.

इससे पहले रविवार को बांग्लादेश के विदेश मंत्री डॉ ए के अब्दुल मोमन ने कहा कि शिखर सम्मेलन के दौरान दोनों पक्ष प्रमुख मुद्दों को उठाएंगे, जिनमें पानी और सीमा शामिल हैं.

पढ़ें- बांध परियोजना से एशिया में धौंस जमाने की ताक में चीन

जोइता ने कहा कि शिखर स्तर पर आभासी बैठक एक दिशा देती है कि कैसे भारत-बांग्लादेश एक साथ अपने भविष्य के संबंध को आकार देंगे. यह अतिरिक्त ध्यान केंद्रित करता है और रिश्ते को आगे बढ़ाता है.

यह दर्शाता है कि भारत बांग्लादेश के साथ कितना करीब है और भारत एक साथ काम करने के लिए बांग्लादेश को एक भागीदार के रूप में कैसे देखता है.

गौरतलब है कि बांग्लादेश साल 202-21 को अपने देश के संस्थापक शेख मुजीबुर रहमान की 100वीं जयंती के अवसर पर मुजीब वर्ष के रूप में मना रहा है.

मंत्रालय ने कहा कि पिछले कुछ वर्षो में भारत और बांग्लादेश के संबंध और प्रगाढ़ हुए हैं. दोनों देशों ने सम्पर्क एवं आधारभूत ढांचे से जुड़ी अनेक परियोजनाओं को लागू करने के अलावा कारोबार और आर्थिक सहयोग को आगे बढ़ाया है.

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