न्यू यॉर्क (यूएस) : यूएनएससी में भारत ने शुक्रवार को कहा कि यूक्रेन संघर्ष के लिए उसका दृष्टिकोण जन-केंद्रित बना रहेगा क्योंकि नई दिल्ली (भारत) भोजन, ईंधन और उर्वरक की कीमतों में वृद्धि से प्रभावित देशों का समर्थन करना जारी रखेगी. अपने बयान में भारत ने कहा कि यूक्रेन संघर्ष के लिए भारत का दृष्टिकोण जन-केंद्रित बना रहेगा. हम आर्थिक संकट में वैश्विक दक्षिण में अपने कुछ पड़ोसियों को यूक्रेन को मानवीय सहायता और आर्थिक सहायता दोनों प्रदान कर रहे हैं.
भले ही वे भोजन की बढ़ती लागत को घूर रहे हों, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में उप स्थायी प्रतिनिधि राजदूत आर रवींद्र ने संयुक्त राष्ट्र में कहा कि ईंधन और उर्वरक जो चल रहे संघर्ष का परिणामी नतीजा रहा है. यूक्रेन पर सुरक्षा परिषद की ब्रीफिंग. इससे पहले, भारत को उम्मीद थी कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय मानवीय सहायता के आह्वान पर सकारात्मक प्रतिक्रिया देना जारी रखेगा. भारत ने यूक्रेन को मानवीय सहायता की खेप भेजी है.
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यह मानवीय सहायता और सहायता भारत सरकार के मानव-केंद्रित दृष्टिकोण के अनुरूप थी. रूस ने इस साल फरवरी के अंतिम सप्ताह में यूक्रेन में अपना सैन्य अभियान शुरू किया, जिसके परिणामस्वरूप बड़े पैमाने पर मानवीय स्थिति पैदा हुई. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था कि COVID-19, जलवायु परिवर्तन और रूस-यूक्रेन संघर्ष के कारण अनिश्चित वैश्विक परिदृश्य के बावजूद, भारत दुनिया भर में मजबूत व्यापारिक भावना को प्रदर्शित कर रहा है.
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जयशंकर ने 77वीं संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने संबोधन में कहा कि हम उन लोगों के पक्ष में हैं, जो अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, भले ही वे भोजन, ईंधन और उर्वरकों की बढ़ती लागत को देखते हों. उन्होंने कहा कि इसलिए यह हमारे सामूहिक हित में है कि हम संयुक्त राष्ट्र के भीतर और बाहर, इस संघर्ष का शीघ्र समाधान निकालने के लिए रचनात्मक रूप से काम करें. भारत ने संघर्ष की शुरुआत के बाद से लगातार यह कायम रखा है कि वैश्विक व्यवस्था संयुक्त राष्ट्र चार्टर के सिद्धांतों, अंतर्राष्ट्रीय कानून और सभी राज्यों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के सम्मान में टिकी हुई है. क्रीमिया रोड ब्रिज पर हाल ही में एक ट्रक के फटने के बाद रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध तेज हो गया है, जिससे क्रीमिया प्रायद्वीप की ओर जा रही एक ट्रेन के सात ईंधन टैंक में आग लग गई.
(एएनआई)