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लद्दाख गतिरोध : भारत-चीन ने बैठक में शेष मुद्दे का जल्द समाधान तलाशने पर जताई सहमति

पूर्वी लद्दाख में जारी गतिरोध के बीच भारत -चीन ने को सीमा मामलों पर परामर्श और समन्वय के लिए कार्य तंत्र की बैठक की. बैठक में दोनों देशों ने वास्तविक नियंत्रण रेखा पर शेष मुददों के जल्द समाधान तलाशने की जरूरत पर सहमति जताई. विस्तार से पढ़ें पूरी खबर...

लद्दाख गतिरोध
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Published : Jun 25, 2021, 8:31 PM IST

नई दिल्ली : पूर्वी लद्दाख ( eastern Ladakh) में जारी गतिरोध के बीच भारत और चीन (India and China) ने शुक्रवार को सीमा मामलों पर परामर्श और समन्वय के लिए कार्य तंत्र (डब्ल्यूएमसीसी) की बैठक की और दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच बनी सहमति के अनुरूप सीमावर्ती क्षेत्रों में वास्तविक नियंत्रण रेखा (Line of Actual Control) (एलएसी) पर शेष मुददों के जल्द समाधान तलाशने की जरूरत पर सहमति जताई.

विदेश मंत्रालय के बयान के अनुसार, शुक्रवार 25 जून को भारत और चीन के बीच सीमा मामलों पर परामर्श और समन्वय के लिए कार्य तंत्र (डब्ल्यूएमसीसी) की 22 वीं बैठक हुई. इसमें दोनों पक्षों ने पश्चिमी सेक्टर में सीमावर्ती इलाकों में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) से जुड़ी स्थितियों पर खुलकर विचारों का आदान-प्रदान किया.

मंत्रालय के अनुसार, 'दोनों पक्षों ने सितंबर 2020 में दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच बनी सहमति के अनुरूप पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर शेष मुद्दों के जल्द समाधान की जरूरत पर सहमति व्यक्त की. विदेश मंत्रालय ने कहा कि इस संबंध में दोनों पक्षों ने राजनयिक एवं सैन्य तंत्र के माध्यम से वार्ता एवं संवाद जारी रखने पर सहमति व्यक्त की, ताकि संघर्ष वाले सभी क्षेत्रों से पूरी तरह से पीछे हटने के लिये आपसी सहमति के आधार पर रास्ता निकाला जा सके, जिससे पूरी तरह से शांति एवं समरसता बहाल हो और द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति का मार्ग प्रशस्त हो.

बयान के अनुसार, दोनों पक्षों ने सहमति व्यक्त की कि तब तक दोनों पक्ष जमीनी स्तर पर स्थिरता बनाये रखना और कोई अप्रिय घटना रोकना सुनिश्चित करना जारी रखेंगे.

मंत्रालय ने कहा कि दोनों पक्ष अगले (12 वें) दौर की वरिष्ठ कमांडर स्तर की वार्ता जल्द किसी तिथि पर करने पर सहमत हुए ताकि मौजूदा द्विपक्षीय समझौतों एवं प्रोटोकॉल के आधार पर पश्चिमी सेक्टर में एलएसी पर संघर्ष के सभी क्षेत्रों से पूरी तरह पीछे हटने के उद्देश्य को हासिल किया जा सके.

सीमा मामलों पर परामर्श और समन्वय के लिए कार्य तंत्र (डब्ल्यूएमसीसी) की बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व विदेश मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव (पूर्वी एशिया) ने किया. चीनी शिष्टमंडल का प्रतिनिधित्व वहां के विदेश मंत्रालय में सीमा और सागरीय विभाग के महानिदेशक ने किया.

यह भी पढ़ें-लद्दाख गतिरोध : इस सप्ताह मिल सकते हैं भारत-चीन के कमांडर

उल्लेखनीय है कि भारत और चीन के बीच पिछले वर्ष मई की शुरुआत से पूर्वी लद्दाख में सीमा पर सैन्य गतिरोध है. हालांकि, दोनों पक्षों ने कई दौर की सैन्य एवं राजनयिक वार्ता के बाद फरवरी में पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी किनारों से सैनिकों को हटाने की प्रक्रिया पूरी की थी.

समझा जाता है कि कुछ क्षेत्रों में सैनिकों के पीछे हटने को लेकर अभी भी गतिरोध बरकरार है.

(पीटीआई भाषा)

नई दिल्ली : पूर्वी लद्दाख ( eastern Ladakh) में जारी गतिरोध के बीच भारत और चीन (India and China) ने शुक्रवार को सीमा मामलों पर परामर्श और समन्वय के लिए कार्य तंत्र (डब्ल्यूएमसीसी) की बैठक की और दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच बनी सहमति के अनुरूप सीमावर्ती क्षेत्रों में वास्तविक नियंत्रण रेखा (Line of Actual Control) (एलएसी) पर शेष मुददों के जल्द समाधान तलाशने की जरूरत पर सहमति जताई.

विदेश मंत्रालय के बयान के अनुसार, शुक्रवार 25 जून को भारत और चीन के बीच सीमा मामलों पर परामर्श और समन्वय के लिए कार्य तंत्र (डब्ल्यूएमसीसी) की 22 वीं बैठक हुई. इसमें दोनों पक्षों ने पश्चिमी सेक्टर में सीमावर्ती इलाकों में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) से जुड़ी स्थितियों पर खुलकर विचारों का आदान-प्रदान किया.

मंत्रालय के अनुसार, 'दोनों पक्षों ने सितंबर 2020 में दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच बनी सहमति के अनुरूप पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर शेष मुद्दों के जल्द समाधान की जरूरत पर सहमति व्यक्त की. विदेश मंत्रालय ने कहा कि इस संबंध में दोनों पक्षों ने राजनयिक एवं सैन्य तंत्र के माध्यम से वार्ता एवं संवाद जारी रखने पर सहमति व्यक्त की, ताकि संघर्ष वाले सभी क्षेत्रों से पूरी तरह से पीछे हटने के लिये आपसी सहमति के आधार पर रास्ता निकाला जा सके, जिससे पूरी तरह से शांति एवं समरसता बहाल हो और द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति का मार्ग प्रशस्त हो.

बयान के अनुसार, दोनों पक्षों ने सहमति व्यक्त की कि तब तक दोनों पक्ष जमीनी स्तर पर स्थिरता बनाये रखना और कोई अप्रिय घटना रोकना सुनिश्चित करना जारी रखेंगे.

मंत्रालय ने कहा कि दोनों पक्ष अगले (12 वें) दौर की वरिष्ठ कमांडर स्तर की वार्ता जल्द किसी तिथि पर करने पर सहमत हुए ताकि मौजूदा द्विपक्षीय समझौतों एवं प्रोटोकॉल के आधार पर पश्चिमी सेक्टर में एलएसी पर संघर्ष के सभी क्षेत्रों से पूरी तरह पीछे हटने के उद्देश्य को हासिल किया जा सके.

सीमा मामलों पर परामर्श और समन्वय के लिए कार्य तंत्र (डब्ल्यूएमसीसी) की बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व विदेश मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव (पूर्वी एशिया) ने किया. चीनी शिष्टमंडल का प्रतिनिधित्व वहां के विदेश मंत्रालय में सीमा और सागरीय विभाग के महानिदेशक ने किया.

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उल्लेखनीय है कि भारत और चीन के बीच पिछले वर्ष मई की शुरुआत से पूर्वी लद्दाख में सीमा पर सैन्य गतिरोध है. हालांकि, दोनों पक्षों ने कई दौर की सैन्य एवं राजनयिक वार्ता के बाद फरवरी में पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी किनारों से सैनिकों को हटाने की प्रक्रिया पूरी की थी.

समझा जाता है कि कुछ क्षेत्रों में सैनिकों के पीछे हटने को लेकर अभी भी गतिरोध बरकरार है.

(पीटीआई भाषा)

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