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Agricultural Scientist MS Swaminathan Passed Away: कृषि वैज्ञानिक एम एस स्वामीनाथन का 98 साल की उम्र में निधन

भारत के कृषि वैज्ञानिक एम एस स्वामीनाथन का चेन्नई में निधन हो गया. उन्होंने 98 साल की उम्र में आखिरी सांस ली.

Agricultural Scientist MS Swaminathan Passed Away
कृषि वैज्ञानिक एम एस स्वामीनाथन का निधन
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 28, 2023, 12:32 PM IST

Updated : Sep 28, 2023, 1:42 PM IST

चेन्नई: भारत के कृषि वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन का आज यानी गुरुवार को निधन हो गया. उन्होंने 98 साल की उम्र में आखिरी सांस ली. बता दें, तमिलनाडु के चेन्नई में सुबह 11.20 बजे उनका निधन हुआ. एमएस स्वामीनाथन का जन्म 7 अगस्त, 1925 को हुआ था. जानकारी के मुताबिक लंबी उम्र के चलते कृषि वैज्ञानिक एम एस स्वामीनाथन का निधन हुआ है. एम एस स्वामीनाथन डिपार्टमेंट ऑफ एग्रीकल्चरल के साइंटिस्ट थे.

  • Iconic agricultural scientist M S Swaminathan dies following illness

    — Press Trust of India (@PTI_News) September 28, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

तमिलनाडु के कुंभकोणम में हुआ था जन्म
एमएस स्वामीनाथन का जन्म 7 अगस्त, 1925 को तमिलनाडु के कुंभकोणम में हुआ था. उनके पिता एक सर्जन थे. स्वामीनाथन ने 1972 से लेकर 1979 तक इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चरल रिसर्च के चीफ के तौर पर काम किया था. भारत सरकार ने उन्हें कृषि के क्षेत्र में अविस्मरणीय योगदान के लिए पद्म भूषण से सम्मानित किया था. बता दें, स्वामीनाथन ने धान की फसलों पर काफी काम किया. उन्होंने देश के गरीब किसानों को ज्यादा धान कैसे पैदा हो इसके लिए जागरूक किया.

स्वामीनाथन ने बदले देश के हालात
कृषि वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन को देश में हरित क्रांति के लिए भी जाना जाता है. उन्होंने दो केंद्रीय मंत्रियों के साथ भी काम किया है. उनकी हरित क्रांति के चलते देश अनाज के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बना है. हरित क्रांति के बदौलत हमारे देश की दशा और दिशा बदली. अपने जीवनकाल में उन्हें पद्म भूषण के आलाव तमाम पुरस्कार भी मिल चुके हैं.

  • #WATCH | Dr Soumya Swaminathan, former Chief Scientist and former Deputy Director General at the WHO and daughter of MS Swaminathan, says, "...He was not keeping well for the last few days... His end came very peacefully this morning... Till the end, he was committed to the… https://t.co/n8B313Q2et pic.twitter.com/0BKDqqXbse

    — ANI (@ANI) September 28, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

बेटी ने किया याद
डब्ल्यूएचओ की पूर्व मुख्य वैज्ञानिक और पूर्व उप महानिदेशक और एमएस स्वामीनाथन की बेटी डॉ. सौम्या स्वामीनाथन ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से उनकी तबीयत ठीक नहीं थी. आज सुबह उनका बहुत शांति से निधन हो गया. वे अंत तक, किसानों के कल्याण और समाज के सबसे गरीब लोगों के उत्थान के लिए प्रतिबद्ध थे. परिवार की ओर से, मैं उन सभी को धन्यवाद देना चाहती हूं, जिन्होंने अपनी इच्छाएं व्यक्त कीं.

उन्होंने कहा कि मुझे आशा है कि हम तीनों बेटियां उस विरासत को जारी रखेंगे, जो मेरे पिता और मेरी मां मीना स्वामीनाथन ने हमें दिखाई है. मेरे पिता उन कुछ लोगों में से एक थे जिन्होंने माना कि कृषि में महिलाओं की उपेक्षा की जाती है. उन्होंने महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए कई पहल की थीं. उनके विचारों ने महिला सशक्तिकरण योजना जैसे कार्यक्रमों को जन्म दिया, जिसका उद्देश्य महिला किसानों का समर्थन करना था. जब वह छठे योजना आयोग के सदस्य थे, तो पहली बार लिंग और पर्यावरण पर एक अध्याय शामिल था. ये दो योगदान हैं जिन पर उन्हें बहुत गर्व था...'

चेन्नई: भारत के कृषि वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन का आज यानी गुरुवार को निधन हो गया. उन्होंने 98 साल की उम्र में आखिरी सांस ली. बता दें, तमिलनाडु के चेन्नई में सुबह 11.20 बजे उनका निधन हुआ. एमएस स्वामीनाथन का जन्म 7 अगस्त, 1925 को हुआ था. जानकारी के मुताबिक लंबी उम्र के चलते कृषि वैज्ञानिक एम एस स्वामीनाथन का निधन हुआ है. एम एस स्वामीनाथन डिपार्टमेंट ऑफ एग्रीकल्चरल के साइंटिस्ट थे.

  • Iconic agricultural scientist M S Swaminathan dies following illness

    — Press Trust of India (@PTI_News) September 28, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

तमिलनाडु के कुंभकोणम में हुआ था जन्म
एमएस स्वामीनाथन का जन्म 7 अगस्त, 1925 को तमिलनाडु के कुंभकोणम में हुआ था. उनके पिता एक सर्जन थे. स्वामीनाथन ने 1972 से लेकर 1979 तक इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चरल रिसर्च के चीफ के तौर पर काम किया था. भारत सरकार ने उन्हें कृषि के क्षेत्र में अविस्मरणीय योगदान के लिए पद्म भूषण से सम्मानित किया था. बता दें, स्वामीनाथन ने धान की फसलों पर काफी काम किया. उन्होंने देश के गरीब किसानों को ज्यादा धान कैसे पैदा हो इसके लिए जागरूक किया.

स्वामीनाथन ने बदले देश के हालात
कृषि वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन को देश में हरित क्रांति के लिए भी जाना जाता है. उन्होंने दो केंद्रीय मंत्रियों के साथ भी काम किया है. उनकी हरित क्रांति के चलते देश अनाज के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बना है. हरित क्रांति के बदौलत हमारे देश की दशा और दिशा बदली. अपने जीवनकाल में उन्हें पद्म भूषण के आलाव तमाम पुरस्कार भी मिल चुके हैं.

  • #WATCH | Dr Soumya Swaminathan, former Chief Scientist and former Deputy Director General at the WHO and daughter of MS Swaminathan, says, "...He was not keeping well for the last few days... His end came very peacefully this morning... Till the end, he was committed to the… https://t.co/n8B313Q2et pic.twitter.com/0BKDqqXbse

    — ANI (@ANI) September 28, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

बेटी ने किया याद
डब्ल्यूएचओ की पूर्व मुख्य वैज्ञानिक और पूर्व उप महानिदेशक और एमएस स्वामीनाथन की बेटी डॉ. सौम्या स्वामीनाथन ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से उनकी तबीयत ठीक नहीं थी. आज सुबह उनका बहुत शांति से निधन हो गया. वे अंत तक, किसानों के कल्याण और समाज के सबसे गरीब लोगों के उत्थान के लिए प्रतिबद्ध थे. परिवार की ओर से, मैं उन सभी को धन्यवाद देना चाहती हूं, जिन्होंने अपनी इच्छाएं व्यक्त कीं.

उन्होंने कहा कि मुझे आशा है कि हम तीनों बेटियां उस विरासत को जारी रखेंगे, जो मेरे पिता और मेरी मां मीना स्वामीनाथन ने हमें दिखाई है. मेरे पिता उन कुछ लोगों में से एक थे जिन्होंने माना कि कृषि में महिलाओं की उपेक्षा की जाती है. उन्होंने महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए कई पहल की थीं. उनके विचारों ने महिला सशक्तिकरण योजना जैसे कार्यक्रमों को जन्म दिया, जिसका उद्देश्य महिला किसानों का समर्थन करना था. जब वह छठे योजना आयोग के सदस्य थे, तो पहली बार लिंग और पर्यावरण पर एक अध्याय शामिल था. ये दो योगदान हैं जिन पर उन्हें बहुत गर्व था...'

Last Updated : Sep 28, 2023, 1:42 PM IST
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