नई दिल्ली : आयकर विभाग ने आकलन वर्ष 2020-21 के लिये लंबित कर वापसी (रिफंड) का निपटान तेजी से करने के लिये करदाताओं से शीघ्रता से 'ऑनलाइन' जवाब भेजने को कहा है.
रविवार को जारी आधिकारिक बयान के अनुसार आकलन वर्ष 2020-21 के लिये भरे गये आयकर रिटर्न में किये गये कर वापसी दावों में से अब तक 93 प्रतिशत का निपटान कर दिया गया है.
बयान के अनुसार, 'पिछले सप्ताहकर वापसी के रूप में 15,269 करोड़ रुपये जारी किये गये. इसे जल्दी करदाताओं के खातों में भेजा जाएगा.'
इसमें कहा गया है कि आकलन वर्ष 2020-21 के लंबित रिफंड के समाधान के लिये विभाग करदाताओं से संपर्क करने की प्रक्रिया में है, जहां नोटिस का मामला है तथा करदाताओं से जवाब की जरूरत है. ये वे मामले हैं जहां आयकर कानून की धारा 245 के तहत समायोजन, गलत समायोजन और बैंक खातों के मिलान की समस्या के कारण कर रिफंड नहीं हो पाया है.
बयान के अनुसार, 'विभाग ने करदाताओं से 'ऑनलाइन' शीघ्रता से जवाब देने को कहा है ताकि आकलन वर्ष 2020-21 के लिये आईटीआर का प्रसंस्करण तेजी से हो सके.'
कर विभाग ने यह भी कहा कि उसने आकलन वर्ष 2021-22 के लिये आईटीआर 1 और 4 का प्रसंस्करण और रिफंड शुरू किया है. अगर कोई कर वापसी का मामला है तो उसे करदाता के बैंक खाते में डाल दिया जाएगा.
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बयान के अनुसार, 'वित्त वर्ष 2021-22 के लिये आयकर विभाग ने 23 अगस्त तक 51,531 करोड़ रुपये रिफंड जारी किये हैं.'
इसमें 21,70,134 मामलों में 14,835 करोड़ रुपये का आयकर रिफंड तथा 1,28,870 मामलों में 36,696 करोड़ रुपये का कंपनी कर रिफंड शामिल हैं.
पिछले वित्त वर्ष 2020-21 में 2.62 लाख करोड़ रुपये 2.37 करोड़ से अधिक करदाताओं को लौटाये गये थे. यह वित्त वर्ष 2019-20 के मुकाबले 42 प्रतिशत अधिक है.
(पीटीआई-भाषा)