जयपुर : गहलोत मंत्रीमंडल के पुर्नगठन (Gehlot Cabinet Reorganisation) के बाद 6 विधायकों को सलाहकार नियुक्त किया गया है. मुख्यमंत्री के सलाहकार के रूप में निर्दलीय विधायक रामकेश मीणा की भी नियुक्त हुई है.
ईटीवी भारत से बातचीत में रामकेश मीणा ने बड़ा बयान दिया है. मीणा ने आरोप लगाया कि निर्दलीय विधायकों को सचिन पायलट के कहने पर मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया. वहीं उन्होंने कहा कि अगर 2018 की तरह सचिन पायलट को फिर से चुनावी कमान सौंपी गई तो पार्टी को इसका खामियाजा उठाना पड़ेगा.
रामकेश मीणा ने कहा कि अगर ऐसा हुआ तो मैं और निर्दलीय विधायक ही नहीं बल्कि प्रदेश के 40 से ज्यादा विधायक कांग्रेस आलाकमान से मिलकर शिकायत करेंगे. रामकेश मीणा ने निर्दलीय और बसपा से कांग्रेस में आए विधायकों को मंत्री नहीं बनाने के लिए पायलट को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि सचिन पायलट का मकसद पार्टी को कमजोर करना है. ऐसे लोग जो सरकार गिराने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा चुके हैं. वह वापस आकर उन विधायकों को रोकने का काम कर रहे हैं.
हम निर्दलीय क्योंकि पायलट ने हमारे टिकट काटे
रामकेश ने कहा कि जिन्होंने 34 दिन तक सरकार (Gehlot Government) के साथ रहकर उसको संकट से बचाया. हम निर्दलीय विधायक इसलिए हैं क्योंकि हमारे टिकट सचिन पायलट ने ही काटे थे. इसी का नतीजा था कि हम लोग निर्दलीय लड़े लेकिन हम कांग्रेस पार्टी से निष्ठा से जुड़े हुए हैं और क्या हमने कांग्रेस के पक्ष में खड़ा होकर कोई गुनाह किया.
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ऐसे व्यक्ति की कांग्रेस में जरूरत नहीं
उन्होंने कहा कि सचिन पायलट ने निर्दलीयों को मंत्री नहीं बनने देने के लिए मुहिम चलाई थी. रामकेश ने कहा कि 2018 में जिस सचिन पायलट के नेतृत्व में चुनाव लड़ा गया अगर 2023 में भी उन्हें आगे रखा गया तो यह पार्टी के लिए बुरी बात हो सकती है. रामकेश मीणा ने कहा कि जो उनसे थोड़ा भी मतभेद रखते थे या उनकी विचारधारा से सहमत नहीं थे. वैसे लोगों का सचिन पायलट ने जानबूझकर टिकट काटा. अब ऐसे व्यक्ति की कांग्रेस में जरूरत नहीं है.
रामकेश मीणा ने कहा कि मंत्री बनाना या नहीं बनाना मुख्यमंत्री (CM Gehlot) और आलाकमान का विशेष अधिकार है. उन्होंने मुझे जो जिम्मेदारी दी है उसका निर्वहन करूंगा. समय आने पर हो सकता है हमें कोई पद मिले लेकिन अब हम उसकी उम्मीद नहीं रखते हैं.
मैं पायलट की बात गंभीरता से नहीं लेता
उन्होंने कहा कि मैं सचिन पायलट की बात को गंभीरता से नहीं लेता क्योंकि उन्होंने जो नुकसान पहुंचाया वह सबके सामने है. अगर 2018 की तरह सचिन पायलट को चुनाव में आगे रखा गया तो 2023 (Rajasthan Election 2023) में पार्टी के हालात खराब होंगे. उन्होंने कहा कि अगर ऐसा हुआ तो वह ही नहीं बल्कि 40 से ज्यादा विधायक आलाकमान को इसकी शिकायत करेंगे.