श्रीनगर: कश्मीर घाटी में बच्चों में कैंसर के दो सौ सत्तर नए मामले सामने आए हैं. कैंसर जैसी घातक बीमारी से पीड़ित बच्चों की संख्या लगभग चार हजार तक पहुंच गई है और इस तरह दर्ज मामलों की संख्या बढ़कर लगभग चार हजार हो गई है. विशेषज्ञों के अनुसार, बच्चों में सबसे आम प्रकार के कैंसर वे होते हैं जो वंशानुगत होते हैं. इसमें 75 प्रतिशत बच्चों को ब्लड कैंसर होता है और ये सभी बच्चे ठीक हो जाते हैं. बच्चों में सबसे आम प्रकार के कैंसर में ब्रेन कैंसर, ब्लड कैंसर और ट्यूमर शामिल है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी नवीनतम सर्वेक्षण के अनुसार, पिछले वर्ष भारत में विभिन्न प्रकार के कैंसर से 75,000 बच्चे प्रभावित हुए थे. इनमें सबसे ज्यादा बच्चे ब्लड कैंसर की चपेट में आए. दूसरे देशों की तरह यहां भी बच्चों में कैंसर होना आम बात हो गई है. कैंसर गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों के बच्चों को प्रभावित कर रहा है, और इनमें से अधिकांश बच्चों को वंशानुगत रोग होते हैं. इनमें से अधिकांश बच्चों को बाद में कैंसर का पता चलता है.
विशेषज्ञों का कहना है कि कैंसर से पीड़ित 5 से 14 साल के लगभग सभी बच्चे पूरी तरह से ठीक हो चुके हैं. विश्व बचपन कैंसर दिवस के अवसर पर शार ए कश्मीर आयुर्विज्ञान संस्थान सौरा में एक समारोह का आयोजन किया गया. इसमें मुख्य अतिथि के रूप में स्किम्स के निदेशक डॉ. परवेज अहमद कौल ने शिरकत की. वहीं, आयोजन में ऑन्कोलॉजी विभाग के विशेषज्ञ व अस्पताल अधीक्षक व अन्य विशेषज्ञ भी मौजूद रहे. जागरूकता कैसर के लिए सबसे बड़ा निदान है. यदि समये रहते इसका पता चल जाए तो इसपर काबू पाया जा सकता है.
उधर, शेर ए कश्मीर आयुर्विज्ञान संस्थान सौरा के रेडियो ऑन्कोलॉजी विभाग ने पिछले साल 2022 के आंकड़े पेश किए हैं. इसके मुताबिक रेडियो ऑन्कोलॉजी में ओपीडी सेवाओं के जरिए 1240 बड़े मरीजों का इलाज किया जा रहा है.