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34 साल पहले पुराने लखनऊ की खाक छान रहे थे इमरान खान, जानिए क्यों - क्रिकेटर इमरान खान

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान 34 साल पहले लखनऊ आए थे. इस दौरान उन्होंने पुराने लखनऊ में शिया मस्जिदों और इमामबाड़ा का दौरा किया था. मकसद था किताब लिखने का. उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ क्रिकेटर अशोक बॉम्बी ने इमरान खान को लखनऊ की सैर कराई थी.

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Published : May 11, 2023, 2:12 PM IST

34 साल पहले पुराने लखनऊ की खाक छान रहे थे इमरान खान.

लखनऊ : पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान आज जेल में है. जिसके विरोध में पूरे पाकिस्तान में जमकर बवाल हो रहे हैं. अपने जमाने के विश्वविख्यात क्रिकेटर इमरान खान अब से करीब 34 साल पहले पुराने लखनऊ की खाक छान रहे थे. यह बात साल 1989 की है जब वे लखनऊ में श्रीलंका के खिलाफ नेहरू मेमोरियल वर्ल्ड सीरीज कप खेलने के लिए लखनऊ आए हुए थे. यह मैच केडी सिंह बाबू स्टेडियम में खेला गया था. जहां नजदीकी मुकाबले में पाकिस्तान ने श्रीलंका को हरा दिया था. इमरान उस वक्त टीम के कप्तान थे. लोकल मैनेजर की तौर पर उनको लखनऊ में पूर्व रणजी खिलाड़ी और उत्तर प्रदेश के वरिष्ठतम क्रिकेटरों में से एक अशोक बॉम्बी मिले थे.

अशोक बॉम्बी ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा की है. जिसमें उन्होंने बताया है कि किस तरह से इमरान खान भले ही एक तानाशाह की तरह अपनी टीम को संचालित करते थे. जिताने के लिए भरसक प्रयास करते थे. लखनऊ आने पर उन्होंने पुराने लखनऊ में शिया मस्जिदों और इमामबाड़ा का दौरा किया था क्योंकि उनको इस संबंध में किताब लिखनी थी. ईटीवी भारत को अशोक बॉम्बी ने बताया कि इमरान की तानाशाही का पहला उदाहरण मैंने बस में ही देखा है जब मैं उन्हें एयरपोर्ट से होटल ले जा रहा था. उन्होंने विनम्रतापूर्वक, लेकिन दृढ़ता से मुझसे कहा कि वह कल लखनऊ के ऐतिहासिक स्थलों को देखना चाहते हैं. मैंने पूछा कि क्या कोई हमारे साथ जाने में दिलचस्पी रखता है. इमरान खान ने साफ तौर पर एलान किया कि वह अकेले जाएंगे और बाकी खिलाड़ी होटल में आराम करेंगे. बस में इमरान खान के एलान के बाद पिन ड्रॉप साइलेंस था.

पुराने लखनऊ के दौरे के दौरान उन्होंने ज्यादा बात नहीं की, लेकिन मुझसे हमारे नवाबी शहर के इतिहास और ऐतिहासिक जगहों के बारे में पूछा. मैंने उन्हें दोपहर का भोजन करने और लखनवी भोजन का स्वाद लेने की पेशकश की, लेकिन उन्होंने विनम्रता से मना कर दिया, क्योंकि वह अपने आहार के प्रति बहुत सचेत थे. छह घंटे के व्यस्त दौरे के बाद उन्होंने मुझे बहुत-बहुत धन्यवाद दिया. उन्होंने बताया कि जब इमरान और आसपास होते थे तो पाकिस्तानी खिलाड़ी कभी बात नहीं करते थे. उनकी उपस्थिति के दौरान टीम के मैनेजर इंतिखाब आलम सहित किसी की भी ड्रेसिंग रूम में एक भी शब्द कहने की हिम्मत नहीं थी. उन्होंने अब्दुल कादिर को चेतावनी भी दी कि वह टीम में अपनी जगह को लेकर सचेत रहें.

ख़ुशमिज़ाज इमरान दुनिया भर में सुंदरियों के बीच बहुत लोकप्रिय थे और भारत की प्रसिद्ध सुंदरियां कोई अपवाद नहीं थीं. उनके नेतृत्व गुणों के बारे में कोई संदेह नहीं था और क्रिकेट में अपने आखिरी दिनों तक हमेशा आगे बढ़कर नेतृत्व करते थे. जब उन्होंने राजनीति में प्रवेश करने का फैसला किया तो मुझे 1989 के लखनऊ दौरे में ही लग गया था उनमें यह गुण था. मुझे कहना होगा कि वह जन्मजात नेता थे. इमरान खान सीधी बात करने वाले, अपने दृष्टिकोण के पक्के और ईमानदार व्यक्ति थे. मुझे विश्वास है कि वह बहुत जल्द सत्ता में आएंगे.

यह भी पढ़ें : Centre Vs Delhi Govt Dispute : दिल्ली मामले पर SC का फैसला, चुनी हुई सरकार के पास अधिकारियों की तैनाती का अधिकार

34 साल पहले पुराने लखनऊ की खाक छान रहे थे इमरान खान.

लखनऊ : पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान आज जेल में है. जिसके विरोध में पूरे पाकिस्तान में जमकर बवाल हो रहे हैं. अपने जमाने के विश्वविख्यात क्रिकेटर इमरान खान अब से करीब 34 साल पहले पुराने लखनऊ की खाक छान रहे थे. यह बात साल 1989 की है जब वे लखनऊ में श्रीलंका के खिलाफ नेहरू मेमोरियल वर्ल्ड सीरीज कप खेलने के लिए लखनऊ आए हुए थे. यह मैच केडी सिंह बाबू स्टेडियम में खेला गया था. जहां नजदीकी मुकाबले में पाकिस्तान ने श्रीलंका को हरा दिया था. इमरान उस वक्त टीम के कप्तान थे. लोकल मैनेजर की तौर पर उनको लखनऊ में पूर्व रणजी खिलाड़ी और उत्तर प्रदेश के वरिष्ठतम क्रिकेटरों में से एक अशोक बॉम्बी मिले थे.

अशोक बॉम्बी ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा की है. जिसमें उन्होंने बताया है कि किस तरह से इमरान खान भले ही एक तानाशाह की तरह अपनी टीम को संचालित करते थे. जिताने के लिए भरसक प्रयास करते थे. लखनऊ आने पर उन्होंने पुराने लखनऊ में शिया मस्जिदों और इमामबाड़ा का दौरा किया था क्योंकि उनको इस संबंध में किताब लिखनी थी. ईटीवी भारत को अशोक बॉम्बी ने बताया कि इमरान की तानाशाही का पहला उदाहरण मैंने बस में ही देखा है जब मैं उन्हें एयरपोर्ट से होटल ले जा रहा था. उन्होंने विनम्रतापूर्वक, लेकिन दृढ़ता से मुझसे कहा कि वह कल लखनऊ के ऐतिहासिक स्थलों को देखना चाहते हैं. मैंने पूछा कि क्या कोई हमारे साथ जाने में दिलचस्पी रखता है. इमरान खान ने साफ तौर पर एलान किया कि वह अकेले जाएंगे और बाकी खिलाड़ी होटल में आराम करेंगे. बस में इमरान खान के एलान के बाद पिन ड्रॉप साइलेंस था.

पुराने लखनऊ के दौरे के दौरान उन्होंने ज्यादा बात नहीं की, लेकिन मुझसे हमारे नवाबी शहर के इतिहास और ऐतिहासिक जगहों के बारे में पूछा. मैंने उन्हें दोपहर का भोजन करने और लखनवी भोजन का स्वाद लेने की पेशकश की, लेकिन उन्होंने विनम्रता से मना कर दिया, क्योंकि वह अपने आहार के प्रति बहुत सचेत थे. छह घंटे के व्यस्त दौरे के बाद उन्होंने मुझे बहुत-बहुत धन्यवाद दिया. उन्होंने बताया कि जब इमरान और आसपास होते थे तो पाकिस्तानी खिलाड़ी कभी बात नहीं करते थे. उनकी उपस्थिति के दौरान टीम के मैनेजर इंतिखाब आलम सहित किसी की भी ड्रेसिंग रूम में एक भी शब्द कहने की हिम्मत नहीं थी. उन्होंने अब्दुल कादिर को चेतावनी भी दी कि वह टीम में अपनी जगह को लेकर सचेत रहें.

ख़ुशमिज़ाज इमरान दुनिया भर में सुंदरियों के बीच बहुत लोकप्रिय थे और भारत की प्रसिद्ध सुंदरियां कोई अपवाद नहीं थीं. उनके नेतृत्व गुणों के बारे में कोई संदेह नहीं था और क्रिकेट में अपने आखिरी दिनों तक हमेशा आगे बढ़कर नेतृत्व करते थे. जब उन्होंने राजनीति में प्रवेश करने का फैसला किया तो मुझे 1989 के लखनऊ दौरे में ही लग गया था उनमें यह गुण था. मुझे कहना होगा कि वह जन्मजात नेता थे. इमरान खान सीधी बात करने वाले, अपने दृष्टिकोण के पक्के और ईमानदार व्यक्ति थे. मुझे विश्वास है कि वह बहुत जल्द सत्ता में आएंगे.

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