वाशिंगटन: अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने ग्लासगो में आयोजित हुए सीओपी26 (COP26) शिखर सम्मेलन में जलवायु परिवर्तन संबंधी चुनौतियों से निपटने के लिए भारत द्वारा की गई घोषणा का बृहस्पतिवार को स्वागत किया.
आईएमएफ (IMF) के संचार विभाग के निदेशक गैरी राइस ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि आईएमएफ 2070 तक शून्य लक्ष्य तक पहुंचाने के अनुकूल ढलने समेत नवीकरणीय ऊर्जा पर निर्भरता बढ़ाने और अपनी अर्थव्यवस्था पर कार्बन की महत्ता को कम करने के नए लक्ष्यों को लेकर सीओपी26 में भारत के द्वारा की गई घोषणा का स्वागत करता है.
उन्होंने कहा, ‘जैसा कि आप जानते हैं कि भारत इस समय दुनिया के सबसे बड़े उत्सर्जकों में से एक है. वह बिजली उत्पादन के लिए अब भी कोयले पर अत्यधिक निर्भर है, इसलिए भारत के द्वारा उठाए गए कदम अन्य उभरती अर्थव्यवस्थाओं को भी कार्बन उत्सर्जन में कमी के कदम उठाने के लिए प्रेरित कर सकता है’.
राइस ने एक सवाल के जवाब में कहा कि नवीकरणीय ऊर्जा और जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए भारत का उल्लेखनीय निवेश संकेत देता है कि वह अपने नए लक्ष्य तक पहुंचने के लिए आगे की ओर कदम उठाने को पूरी तरह तैयार है.
ये पढ़ें: क्या ग्लासगो में सोलर ग्रिड का आइडिया बनाएगा भारत को ग्लोबल लीडर?
उन्होंने यह भी कहा कि आईएमएफ वैश्विक स्तर पर कार्बन उत्सर्जन में कमी करने के कदमों की तत्काल आवश्यकता के मद्देनजर वर्तमान दशक में भारत के उठाए कदमों की प्रशंसा करता है. हाल ही में ग्लासगो में जलवायु परिवर्तन पर आयोजित सम्मेलन को संबोधित करते हुए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि भारत 2070 तक अपने कार्बन उत्सर्जन को शून्य स्तर तक कर देगा.
(पीटीआई-भाषा)