इंदौर। श्री बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर स्थित बावड़ी में गिरने से 36 लोगों की मौत हो गई. अब नगर निगम द्वारा मंदिर परिसर को अवैध मानते हुए धराशाई कर दिया गया है. इस कार्रवाई में 5 पोकलेन मशीनों को लगाया गया. बता दें कि इस भीषण हादसे के बाद सीएम शिवराज ने अवैध निर्माण को ध्वस्त करने के आदेश दिए थे. इसके साथ ही प्रशासन ने शहर के कुछ और स्थानों पर कुएं और बावड़ियों पर अवैध कब्जों को चिह्नित किया है. जल्द ही इन स्थानों पर भी सख्त कार्रवाई करने की तैयारी है.
विरोध करने वालों पर सख्ती : बेलेश्वर मंदिर में सोमवार तड़के ही प्रशासन की टीमें भारी पुलिस बल के साथ पहुंच गईं. अवैध कब्जे हटाने के लिए शहर के 4 थाना पुलिस को यहां तैनात किया गया. इसके बाद अवैध कब्जे हटाने की कार्रवाई शुरू की गई. नगर निगम की टीम ने मंदिर परिसर में अवैध कब्जों को 5 पोकलेन मशीनों की मदद से हटाया. सुबह 6 बजे मंदिर में अवैध रूप से बनाई गईं दीवारें ध्वस्त की गईं. इसके बाद मंदिर से मूर्तियां हटाई गईं. बेलेश्वर महादेव मंदिर पर अवैध कब्जों को हटाने के लिए रविवार को रात में 12 बजे नोटिस चस्पा किया गया. सोमवार सुबह जब भक्त यहां दर्शन करने के लिए पहुंचे तो उन्हें बाहर ही रोक दिया गया. इस दौरान लोगों को जैसे ही अवैध कब्जे हटाने की सूचना मिली तो हिंदूवादी संगठन मौके पर पहुंचे और विरोध करने लगे. अवैध कब्जा हटाने का विरोध कर रहे लोगों को पुलिस ने सख्ती से हटाया.
ये है मामला : रामनवमी के दिन 30 मार्च 2023 को इंदौर स्थित बेलेश्वर महादेव में हवन चल रहा था. इस दौरान मंदिर में भक्तों की भीड़ थी. हवन के दौरान ही बावड़ी की छत धंसने से करीब 55 लोग उसमें गिर गए. इससे हड़कंप मच गया. रेस्क्यू के दौरान 18 लोगों को बचा लिया गया, लेकिन 36 लोग मौत का शिकार हो गए. 24 घंटे चले रेस्क्यू में स्थानीय पुलिस के अलावा एनडीआरएफ, एसडीआरएफ ने कड़ी मशक्कत की. अंत में सेना की मदद लेनी पड़ी. इसके बाद राज्य सरकार ने पीड़ित परिजनों को 5-5 लाख रुपये और केंद्र सरकार ने 2-2 लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की थी.