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बंजर जमीन को खेती योग्य बनाएंगे आईआईटी कानपुर के विशेषज्ञ, प्रोफेसर ने तैयार किया विशेष प्लान - Vinod Tare

आईआईटी कानपुर (IIT Kanpur) के वरिष्ठ प्रोफेसर विनोद तारे (Vinod Tare) ने यह प्लना तैयार किया है. इससे पहले उन्होंने देश की प्रमुख नदियों को संरक्षित करने की दिशा में तमाम दिग्गजों संग काम किया था. आईए जानते हैं इस प्लान में क्या खास है.

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 9, 2023, 6:48 PM IST

कानपुर: धरा पर जीवन के लिए जितना जल उपयोगी है, कमोबेश उतनी ही जमीन भी. आईआईटी कानपुर के विशेषज्ञों ने कई माह पहले देश की गंगा समेत अन्य प्रमुख नदियों को जब संरक्षित करने का प्लान बनाया था, तभी उनके सामने देश के कई राज्यों में बंजर जमीनों का ग्राफ ऊभरकर सामने आया था. फिर क्या था, विशेषज्ञों ने बिना देरी किए जमीनों की सेहत सुधारने का भी बीड़ा उठा लिया. आईआईटी कानपुर के वरिष्ठ प्रोफेसर विनोद तारे ने इस संबंध में अपना प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेज दिया है, जिसमें देश के तमाम राज्यों में बंजर जमीनों को स्वस्थ बनाने की तैयारी है.

आईआईटी कानपुर के वरिष्ठ प्रोफेसर विनोद तारे ने केंद्र सरकार को भेजा प्रस्ताव
आईआईटी कानपुर के वरिष्ठ प्रोफेसर विनोद तारे ने केंद्र सरकार को भेजा प्रस्ताव

आर्गेनिक मैटर मिलाना और कार्बन कंटेंट बढ़ाना होगा: प्रो.तारे ने ईटीवी भारत संवाददाता से विशेष बातचीत में बताया कि जल और जमीन एक दूसरे के पूरक हैं. जमीन के साथ ही जल का उपयोग भी बहुत अधिक जरूरी है. लेकिन, चिंताजनक स्थिति यह है कि देश के तमाम हिस्सों में जमीनें बंजर हो चुकी हैं. उत्तर प्रदेश में तो कुल क्षेत्रफल का करीब 25 से 30 प्रतिशत प्रोडक्टिव लैंड अब बंजर हो चुका है. जो लोग पराली जलाते हैं, सीवेज के स्लज को बर्बाद करते हैं, उन्हें अब इस संबंध में बहुत सतर्कता बरतनी होगी. जब हम जमीनों के अंदर कार्बन कंटेंट बढ़ा देंगे, उनमें आर्गेनिक मैटर अधिक से अधिक मिला देंगे तो निश्चित तौर पर जमीन की सेहत सुधर जाएगी.

IIT Kanpur
आईआईटी कानपुर का मुख्य गेट

अच्छी संख्या में केंचुओं को स्थान देना होगा: प्रो.तारे ने बताया कि जो लोग खेती-किसानी करते हैं, उन्हें अपनी जमीनों को अधिक ऊपजाऊ बनाने के लिए अच्छी संख्या में केंचुओं को स्थान देना चाहिए. हम भी कई राज्यों में जल्द यह प्रयोग करेंगे. इसके साथ ही सॉयल मॉश्चर के प्रतिशत को भी देखना होगा. अगर जमीन की सेहत अच्छी होगी, तो हम काफी हद तक खेती में प्रयोग होने वाले पानी को भी बचा सकेंगे.

IIT Kanpur
आईआईटी कानपुर के वरिष्ठ प्रोफेसर विनोद तारे

इन प्रमुख नदियों को संरक्षित करने की दिशा में कवायद शुरू: गंगा, मंदाकिनी, गरहारा, चंद्रावल, रिंद, गुंची, सिहू, श्याम, अर्जुन, वरुणा, गंता व पटहरी, काली, सरयू, ककवन, राप्ती, रोहिणी, महानदी, गोदावरी, पेरियर, नर्मदा आदि.

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