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IIT कानपुर ने तैयार किया एसी एयर प्यूरीफायर, धूल के कणों को हटा शुद्ध करता हवा - आईआईटी कानपुर की ताजी न्यूज

IIT कानपुर ने एसी के लिए खास एयर प्यूरीफायर तैयार किया है. चलिए जानते हैं इसकी खूबियों के बारे में.

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Published : Aug 12, 2023, 9:02 AM IST

आईआईटी में तैयार किया गया एसी का एयर प्यूरीफायर.

कानपुर: घरों या आफिसों में जो एसी लगे होते हैं, वह ठंडी हवा तो देते हैं लेकिन, अक्सर ऐसा देखने और सुनने को मिल जाता है कि जहां एसी लगे होते हैं वहां धूल के कणों की अधिकता के चलते लोगों को सांस लेने में समस्या आ रही है. उन्हें शुद्ध हवा नहीं मिल पा रही है. ऐसे में आईआईटी कानपुर के एक स्टार्टअप ने ऐसा एयर प्यूरीफायर फिल्टर तैयार किया है जो एसी की हवा को दो घंटे के अंदर 90 प्रतिशत से अधिक शुद्ध कर देगा.

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एक नजर.

आईआईटी कानपुर व आईआईटी दिल्ली की प्रयोगशाला में इसका सफल परीक्षण भी हो चुका है. साथ ही यह वेबसाइट पर भी उपलब्ध करा दिया गया है. ऐसे में आमजन के लिए कम रुपयों में घर की हवा को शुद्ध रखने के लिए आईआईटी का यह एयर प्यूरीफायर एक बेहतर विकल्प होगा. वैसे भी शहर में आए दिन ही वायु प्रदूषण की मात्रा मानक से अधिक रहती है. लोगों को इस प्रदूषण के चलते सांस की बीमारियां हो रही हैं, जिनसे बचने के लिए वह अधिक से अधिक मास्क का उपयोग करते हैं.

आईआईटी कानपुर के इंक्यूबेटर रवि कौशिक ने दावा किया है कि जब हम इस एयर प्यूरीफायर का उपयोग करते हैं तो हमारे कमरे या ऑफिस रूम में मौजूद पार्टिकुलेटेड मैटर 2.5 (धूल के महीन कण) व पीएम-1 स्तर के कण और बैक्टीरिया पूरी तरह से खत्म हो जाते हैं. इससे हवा शुद्ध हो जाती है. उन्होंने कहा कि वह दिल्ली के रहने वाले हैं. बचपन से ही देख रहे हैं कि प्रदूषण कैसे लोगों के जीवन को समाप्त कर रहा है. बोले, सभी घरों में एयर प्यूरीफायर लगाना संभव नहीं है, पर एसी लगभग सभी घरों में है. ऐसे में इस तरह का फिल्टर बनाया है, जिसे लगाते ही सामान्य एसी भी एयर प्यूरीफायर एसी बन जाता है.


रवि ने बताया कि इस एयर प्यूरीफायर का परीक्षण आईआईटी कानपुर के वरिष्ठ प्रोफेसर सच्चिदानंद की प्रयोगशाला में किया गया. उन्होंने दिल्ली, कानपुर व गाजियाबाद में होने वाले प्रदूषण से अधिक प्रदूषित एयरोसोल के साथ इस फिल्टर का परीक्षण किया. बताया कि एसी का फिल्टर 90 प्रतिशत तक प्रदूषण कम करने में सक्षम मिला. उन्होंने बताया कि अब कॉमर्शियल बिल्डिंग में लगे सेंट्रलाइज एसी के फिल्टर को बनाने पर काम चल रहा है.

ये भी पढ़ेंः मणिपुर की घटना अडानी को फायदा दिलाने का प्लेटफार्म, सीएम-पीएम की चुप्पी इसका बड़ा सबूत: मेधा पाटकर

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आईआईटी में तैयार किया गया एसी का एयर प्यूरीफायर.

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आईआईटी कानपुर व आईआईटी दिल्ली की प्रयोगशाला में इसका सफल परीक्षण भी हो चुका है. साथ ही यह वेबसाइट पर भी उपलब्ध करा दिया गया है. ऐसे में आमजन के लिए कम रुपयों में घर की हवा को शुद्ध रखने के लिए आईआईटी का यह एयर प्यूरीफायर एक बेहतर विकल्प होगा. वैसे भी शहर में आए दिन ही वायु प्रदूषण की मात्रा मानक से अधिक रहती है. लोगों को इस प्रदूषण के चलते सांस की बीमारियां हो रही हैं, जिनसे बचने के लिए वह अधिक से अधिक मास्क का उपयोग करते हैं.

आईआईटी कानपुर के इंक्यूबेटर रवि कौशिक ने दावा किया है कि जब हम इस एयर प्यूरीफायर का उपयोग करते हैं तो हमारे कमरे या ऑफिस रूम में मौजूद पार्टिकुलेटेड मैटर 2.5 (धूल के महीन कण) व पीएम-1 स्तर के कण और बैक्टीरिया पूरी तरह से खत्म हो जाते हैं. इससे हवा शुद्ध हो जाती है. उन्होंने कहा कि वह दिल्ली के रहने वाले हैं. बचपन से ही देख रहे हैं कि प्रदूषण कैसे लोगों के जीवन को समाप्त कर रहा है. बोले, सभी घरों में एयर प्यूरीफायर लगाना संभव नहीं है, पर एसी लगभग सभी घरों में है. ऐसे में इस तरह का फिल्टर बनाया है, जिसे लगाते ही सामान्य एसी भी एयर प्यूरीफायर एसी बन जाता है.


रवि ने बताया कि इस एयर प्यूरीफायर का परीक्षण आईआईटी कानपुर के वरिष्ठ प्रोफेसर सच्चिदानंद की प्रयोगशाला में किया गया. उन्होंने दिल्ली, कानपुर व गाजियाबाद में होने वाले प्रदूषण से अधिक प्रदूषित एयरोसोल के साथ इस फिल्टर का परीक्षण किया. बताया कि एसी का फिल्टर 90 प्रतिशत तक प्रदूषण कम करने में सक्षम मिला. उन्होंने बताया कि अब कॉमर्शियल बिल्डिंग में लगे सेंट्रलाइज एसी के फिल्टर को बनाने पर काम चल रहा है.

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