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IIT कानपुर ने कोरोना की तीसरी लहर पर किया शोध

कोरोना की तीसरी लहर (Third Wave Of Covid 19) को लेकर आईआईटी कानपुर (IIT Kanpur) ने एक स्टडी की है, जिसके मुताबिक इस साल सितंबर-अक्टूबर तक यह अपने चरम पर पहुंच सकता है. इस स्टडी से यह जाहिर हो रहा कि देश को दूसरी लहर जैसा दिन फिर न देखना पड़े, इसके लिए कोविड अनुकूल बर्ताव बहुत ही आवश्यक है. उस शोध से पता चला है कि तीसरी लहर दूसरी लहर की अपेक्षा ज्यादा भयावह स्थिति व्यक्त कर सकती है.

IIT कानपुर
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Published : Jun 24, 2021, 9:38 AM IST

कानपुर : कोरोना की तीसरी लहर (Third Wave Of Covid 19) को लेकर आईआईटी कानपुर (IIT Kanpur) ने एक शोध किया है, जिसके मुताबिक इस साल सितंबर-अक्टूबर तक यह अपने चरम पर पहुंच सकता है. इस शोध में तीन तरह के संभावित परिदृश्य बताए गए हैं और उसी के मुताबिक अनुमान जाहिर किए गए हैं. हालांकि, इसमें वैक्सीनेशन (vaccination) के अलावा कुछ और ताजे आंकड़े नहीं जोड़े गए हैं, जिस पर अभी काम चल रहा है और अगले हफ्ते एक और शोध जारी किए जाने की उम्मीद है. इस स्टडी से यह जाहिर हो रहा कि देश को दूसरी लहर जैसा दिन फिर न देखना पड़े, इसके लिए कोविड अनुकूल बर्ताव बहुत ही आवश्यक है.

प्रोफेसर राजेश रंजन ने दी जानकारी.

सर्वाधिक केस अक्टूबर में आने का अनुमान
आईआईटी कानपुर (iit kanpur ) के प्रोफेसर राजेश रंजन और महेंद्र वर्मा व उनकी टीम ने मिलकर कोविड-19 की तीसरी लहर को लेकर एक बहुत ही गंभीर शोध किया है. उस शोध से पता चला है कि तीसरी लहर दूसरी लहर की अपेक्षा ज्यादा भयावह स्थिति व्यक्त कर सकती है और साथ ही उन्होंने इस बात की भी पुष्टि की है कि तीसरी लहर में सितंबर माह में सर्वाधिक केस आने की आशंका है. उन्होंने इस बात की भी पुष्टि की है कि लोगों द्वारा कोविड-19 का सही ढंग से पालन न करने पर एक दिन में 500000 से ज्यादा संक्रमित मामले सामने आ सकते हैं. सर्वाधिक केस अक्टूबर में आने का अनुमान उन्होंने व्यक्त किया है. उन्होंने बताया कि इस वायरस के म्यूटेशन के रूप बदलने पर दूसरी लहर से भी ज्यादा भयानक स्थिति हो सकती है. कई प्रदेशों में तीसरी लहर को लेकर शोध जारी किए जा चुके हैं.

पढ़ें- जम्मू-कश्मीर में 'डेल्टा प्लस वैरिएंट' का पहला मामला मिला

कानपुर आईआईटी विशेषज्ञ अन्य प्रदेशों में तीसरी लहर की स्थिति पर शोध भी कर रहे हैं और वहां का डाटा भी जुटाया जा रहा है. लॉकडाउन प्रदेश में पूरी तरह हटने पर गणितीय आकलन कर सकेंगे और इसमें पता लगाया जा सकेगा कि कोरोनावायरस से हुई मौतों व उससे सही होने वालों की रिपोर्ट तैयार की जा रही है. आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर राजेश रंजन ने बताया कि दूसरी लहर के वायरस के बर्ताव को देखते हुए शोध किया गया है. दूसरी लहर के मामलों को संज्ञान में रखते हुए 15 जुलाई के समय को लिया गया है और इसमें तीन तरह से अनुमान लगाया गया है.

पहला यह है कि 15 जुलाई को देश में सब कुछ खुल जाएगा. लोग जनवरी 2021 की तरह फिर से अपनी इच्छा के अनुसार जिंदगी जी पाएंगे, जैसे कि दूसरी लहर के आने से पहले वह जी रहे थे और इस और इस स्थिति को देखते हुए संक्रमण की स्थिति अक्टूबर के पहले हफ्ते में आ सकती है. एक दिन में करीब तीन लाख से ज्यादा केस आने का अनुमान भी लगाया जा सकता है.

पढ़ें- देश में कोरोना के मामलों में आई अचानक गिरावट से विवाद

दूसरा यह है कि वायरस के म्यूटेशन होने पर 15 सितंबर के आसपास तीसरी लहर आने का अनुमान लगाया जा सकता है. लोगों द्वारा अपनी इच्छा के अनुसार, मास्क न लगाने पर व संक्रमण में ढील होने के अनुसार, एक दिन में 500000 से अधिक संक्रमित आएंगे.

तीसरा यह है कि कोविड-19 का सावधानी से पालन न करने पर कोरोना जैसी महामारी की तीसरी लहर एक नवंबर को आ सकती है और एक दिन में करीब डेढ़ लाख केस मिल सकते हैं. आईआईटी कानपुर के प्रोफेसरों का और विशेषज्ञों का अनुमान है कि लॉक डाउन की आवश्यकता कम है, लेकिन लोगों की जागरूकता आवश्यक है. नियमों का पालन भी आवश्यक है और वहीं टीकाकरण की वजह से कोरोना की तीसरी लहर भी कमजोर पड़ सकती है और इस स्थिति में लॉकडाउन की जरूरत भी नहीं पड़ेगी.

कानपुर : कोरोना की तीसरी लहर (Third Wave Of Covid 19) को लेकर आईआईटी कानपुर (IIT Kanpur) ने एक शोध किया है, जिसके मुताबिक इस साल सितंबर-अक्टूबर तक यह अपने चरम पर पहुंच सकता है. इस शोध में तीन तरह के संभावित परिदृश्य बताए गए हैं और उसी के मुताबिक अनुमान जाहिर किए गए हैं. हालांकि, इसमें वैक्सीनेशन (vaccination) के अलावा कुछ और ताजे आंकड़े नहीं जोड़े गए हैं, जिस पर अभी काम चल रहा है और अगले हफ्ते एक और शोध जारी किए जाने की उम्मीद है. इस स्टडी से यह जाहिर हो रहा कि देश को दूसरी लहर जैसा दिन फिर न देखना पड़े, इसके लिए कोविड अनुकूल बर्ताव बहुत ही आवश्यक है.

प्रोफेसर राजेश रंजन ने दी जानकारी.

सर्वाधिक केस अक्टूबर में आने का अनुमान
आईआईटी कानपुर (iit kanpur ) के प्रोफेसर राजेश रंजन और महेंद्र वर्मा व उनकी टीम ने मिलकर कोविड-19 की तीसरी लहर को लेकर एक बहुत ही गंभीर शोध किया है. उस शोध से पता चला है कि तीसरी लहर दूसरी लहर की अपेक्षा ज्यादा भयावह स्थिति व्यक्त कर सकती है और साथ ही उन्होंने इस बात की भी पुष्टि की है कि तीसरी लहर में सितंबर माह में सर्वाधिक केस आने की आशंका है. उन्होंने इस बात की भी पुष्टि की है कि लोगों द्वारा कोविड-19 का सही ढंग से पालन न करने पर एक दिन में 500000 से ज्यादा संक्रमित मामले सामने आ सकते हैं. सर्वाधिक केस अक्टूबर में आने का अनुमान उन्होंने व्यक्त किया है. उन्होंने बताया कि इस वायरस के म्यूटेशन के रूप बदलने पर दूसरी लहर से भी ज्यादा भयानक स्थिति हो सकती है. कई प्रदेशों में तीसरी लहर को लेकर शोध जारी किए जा चुके हैं.

पढ़ें- जम्मू-कश्मीर में 'डेल्टा प्लस वैरिएंट' का पहला मामला मिला

कानपुर आईआईटी विशेषज्ञ अन्य प्रदेशों में तीसरी लहर की स्थिति पर शोध भी कर रहे हैं और वहां का डाटा भी जुटाया जा रहा है. लॉकडाउन प्रदेश में पूरी तरह हटने पर गणितीय आकलन कर सकेंगे और इसमें पता लगाया जा सकेगा कि कोरोनावायरस से हुई मौतों व उससे सही होने वालों की रिपोर्ट तैयार की जा रही है. आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर राजेश रंजन ने बताया कि दूसरी लहर के वायरस के बर्ताव को देखते हुए शोध किया गया है. दूसरी लहर के मामलों को संज्ञान में रखते हुए 15 जुलाई के समय को लिया गया है और इसमें तीन तरह से अनुमान लगाया गया है.

पहला यह है कि 15 जुलाई को देश में सब कुछ खुल जाएगा. लोग जनवरी 2021 की तरह फिर से अपनी इच्छा के अनुसार जिंदगी जी पाएंगे, जैसे कि दूसरी लहर के आने से पहले वह जी रहे थे और इस और इस स्थिति को देखते हुए संक्रमण की स्थिति अक्टूबर के पहले हफ्ते में आ सकती है. एक दिन में करीब तीन लाख से ज्यादा केस आने का अनुमान भी लगाया जा सकता है.

पढ़ें- देश में कोरोना के मामलों में आई अचानक गिरावट से विवाद

दूसरा यह है कि वायरस के म्यूटेशन होने पर 15 सितंबर के आसपास तीसरी लहर आने का अनुमान लगाया जा सकता है. लोगों द्वारा अपनी इच्छा के अनुसार, मास्क न लगाने पर व संक्रमण में ढील होने के अनुसार, एक दिन में 500000 से अधिक संक्रमित आएंगे.

तीसरा यह है कि कोविड-19 का सावधानी से पालन न करने पर कोरोना जैसी महामारी की तीसरी लहर एक नवंबर को आ सकती है और एक दिन में करीब डेढ़ लाख केस मिल सकते हैं. आईआईटी कानपुर के प्रोफेसरों का और विशेषज्ञों का अनुमान है कि लॉक डाउन की आवश्यकता कम है, लेकिन लोगों की जागरूकता आवश्यक है. नियमों का पालन भी आवश्यक है और वहीं टीकाकरण की वजह से कोरोना की तीसरी लहर भी कमजोर पड़ सकती है और इस स्थिति में लॉकडाउन की जरूरत भी नहीं पड़ेगी.

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