लखनऊ : इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ इनफर्मेशन टेक्नोलॉजी लखनऊ के दूसरे दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की अध्यक्षता में शुरू हुआ. समारोह में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उपस्थित हैं. दीक्षांत समारोह में कुल 315 छात्राओं को डिग्री प्रदान की गईं. जिसमें 61 छात्राएं व 254 छात्र शामिल हैं. समारोह में वर्ष 2018, 2019, 2020 व 2021 के पास आउट छात्रों को डिग्रियां भी प्रदान की जाएंगी. इसके अलावा बीटेक सहित विभिन्न विभागों के 7 टॉपर्स को गोल्ड मेडल दिया गया.
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भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (IIIT), लखनऊ के दूसरे दीक्षांत समारोह में सम्मिलित होतीं माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु जी एवं माननीय राज्यपाल श्रीमती @anandibenpatel जी व #UPCM @myogiadityanath https://t.co/Hg15PSq572
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आईआईआईटी का सफर : आईआईआईटी के डायरेक्टर अरुण मोहन शैरी ने बताया कि 2015-2016 में केवल 50 छात्रों से संस्थान का सफर शुरू हुआ था. आज 2023 में यहां 1150 से अधिक छात्र छात्राएं पढ़ रहे हैं. अपने शुरुआती समय में बीटेक एआई, कंप्यूटर साइंस जैसे विषयों की पढ़ाई शुरू हुई थी. अब इमरजिंग सेक्टर जैसे डाटा साइंस, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे कोर्स यहां शुरू हुए हैं. हमें आईआईटी कानपुर सहित देश विदेश के कई संस्थानों के साथ एमओयू किया है. आईआईआईटी लखनऊ में इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए भी काम कर रहा है. बीते चार वर्षों में संस्थान से पढ़ कर निकले बीटेक के सभी स्टूडेंट्स के 100 फीसदी प्लेसमेंट कराने में हमें सफलता मिली है. साथ ही साल दर साल छात्रों को मिलने वाले पैकेज में भी लगातार ग्रोथ हुआ है. आईआईआईटी लखनऊ के बोर्ड ऑफ गवर्नेंस के चैयरमैन इनोवेशन, एंटरप्रेन्योरशिप जैसे पिल्लर इस संस्थान को मजबूती देती है. हमने संस्थान को देश और विदेश के टॉप संस्थानों के साथ जोड़ कर यहां के सभी छात्रों के ग्रोथ को बढ़ावा देने का काम किया. यहां के सभी छात्रों को इन्नोवेशन के फील्ड में काम करने को हमेशा से फोकस रखा है. जिसे छात्र देश और प्रदेश के ग्रोथ में अपना सहयोग दे सके.
कई बैच के छात्र-छात्राओं की दी गईं डिग्रियां : दीक्षांत समारोह में बीटेक इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी में 2018 बैच में कुल 65 छात्रों को डिग्रियां प्रदान की गईं. जिसमें आठ छात्राएं और 57 छात्र शामिल हैं. वर्ष 2019 बैच में बीटेक इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी और कंप्यूटर साइंस के कुल 147 स्टूडेंट्स को डिग्रियां प्रदान की गईं. जिसमें दोनों साल को मिलाकर कुल 25 छात्राएं और 122 छात्र शामिल हैं. वर्ष 2020 के बैच कंप्यूटर साइंस के 23 छात्रों को डिग्रियां दी गईं. जिसमें तीन छात्राएं और 20 छात्र शामिल हैं. एमटेक कंप्यूटर साइंस 2021 बैच के कुल 27 छात्रों को डिग्री अवार्ड हुई. जिनमें 9 छात्राएं और 18 छात्र शामिल रहे. एमबीए डिजिटल बिजनेस 2020 बैच के 22 छात्रों को डिग्री मिली. एमबीए डिजिटल बिजनेस 2021 में 20 छात्रों को डिग्री प्रदान की गई. वर्ष 2020 व 2021 के पीजी डिप्लोमा इन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एंड मशीन लर्निंग में कुल दो छात्रों को डिग्री दी गई. पीजी डिप्लोमा इन डाटा साइंस के सत्र 2020 व 2021 तीन छात्रों और पीजी डिप्लोमा इन बिजनेस स्टडी के सत्र 2020 व 2021 छह छात्रों को डिग्री प्रदान की गई.
हर समस्या के रचनात्मक हल ढूंढने होंगे : राष्ट्रपति
मुख्य अतिथि राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने कहा कि यहां विभिन्न पाठ्यक्रमों में डिग्री प्राप्त करने वाले 315 विद्यार्थियों को बधाई देती हूं. मैंने अभी देखा कि आपका संस्थान के आदर्श वाक्य विद्या विनय देती है विनय से पात्रता आती है, इस श्लोक की दूसरी पंक्ति यहां उल्लेख करना चाहती हूं कि पात्रता से धन आता है, धन से धर्म आता और धर्म से सुख प्राप्त होता है. मुझे आशा है कि आप सब अपने संस्थान के आदर्श वाक्य के अनुकूल आचरण करते हुए नैतिकता के साथ समाज और देश के सशक्त और समृद्ध भविष्य के लिए कार्य करेंगे.
ट्रिपल आईटी लखनऊ को नेशनल ऑफ इंपॉर्टेंस का दर्जा
राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने कहा-मुझे बताया गया है कि ट्रिपल आईटी लखनऊ को संसद के अधिनियम द्वारा नेशनल ऑफ इंपॉर्टेंस का दर्जा दिया गया है. यह दर्जा आपकी योग्यता समर्थ और दक्षता का परिचायक है. इस स्टेट्स के साथ देश और समाज आपसे आशा करता है कि आप शिक्षा के क्षेत्र न केवल सर्वोच्च मानकों पर खड़े उतरे बल्कि उत्कृष्ट और सर्वश्रेष्ठ के ऐसे आयाम स्थापित करेंगे जो स्वयं में मापदंड हों. मुझे यह कहने में कोई संकोच नहीं है कि इंजीनियरिंग टेक्नोलॉजी और बिजनेस जैसे विषय में ट्रिपल आईटी के द्वारा शिक्षा प्रदान की जा रही शिक्षा और शिक्षा प्रदान करने वाले शिक्षक और शिक्षक ग्रहण करने वाले विद्यार्थियों शैक्षणिक जगत के शीर्ष तक पायदान पर खड़े हैं. ट्रिपल आईटी का भारत की परंपरा को बुनियाद बनाकर क्षेत्रीय भाषा में ज्ञान अर्जन करने की सोच एक सकारात्मक कदम है. यह कदम भाषाई सीमाओं की वजह से ज्ञान संवर्धन में आने वाली दिक्कतों को दूर करने में बड़ा कदम साबित होगा है. अनुसंधान एवं विकास कार्य करने कार्यकारी और मूर्त रूप देकर समाज तक पहुंचाने एवं वास्तविक दुनिया की चुनौतियां समाधान योग बनाने के लिए इनक्यूबेशन सेंटर की स्थापना एवं सराहनीय एवं प्रशंसनीय हैं.
भारत के पास 5D : राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने कहा कि आज भारत के पास 5D है. डिमांड, डेमोग्राफी, डेमोक्रेसी, डिजायर, और हॉट ड्रीम यह 5D हमारे विकास की यात्रा में अत्यंत लाभकारी हैं. हमारी अर्थव्यवस्था जो एक दशक पहले 11वें पायदान पर थी आज लार्जेस्ट इकोनामी है. वर्ष 2030 तक थर्ड लार्जेस्ट इकोनामी बनने की राह पर चल रही है. भारत दुनिया की सबसे युवा देश में से एक है. हमारी 55% आबादी 25 वर्षों से कम उम्र की है. हम एक प्रगतिशील और लोकतांत्रिक राष्ट्र है और हमारा सपना है कि 2047 तक भारत एक विकसित देश बने आपका दायित्व है कि न केवल इस विज़न में भागीदार बने बल्कि ऐसे पूरा करने के लिए अपना सर्वस्व लगा दे. आपको प्रतिज्ञा करनी होगी जब भारत अपने आजादी के 100 वर्ष बना रहा होगा. तब आने वाली पीढ़ियां एक ऐसे भारत में जन्म लें जो जो संपन्न हो, समृद्ध हो और जहां विकास समावेशी हो. परिवर्तन प्रकृति का नियम है हम फर्स्ट इंडस्ट्रियल रिवॉल्यूशन के जन्म के साक्षी बने हैं.
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस महत्वपूर्ण साधन : राष्ट्रपति ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मानव जीवन को आसन बनाने एक महत्वपूर्ण साधन साबित हो रहा है. अपने व्यापक अनुप्रयोग के साथ आर्टिफिशियल लर्निंग और मशीन लर्निंग हमारे जीवन के सभी पहलुओं को छू रहे हैं. हेल्थ केयर, एजुकेशन, एग्रीकल्चर, स्मार्ट सिटीज, इंफ्रास्ट्रक्चर, स्मार्ट मोबिलिटी एंड ट्रांसपोर्टेशन सभी क्षेत्रों में एआई और मशीन लर्निंग हमारी दक्षता और कार्य क्षमता में व्यापक पैमाने पर सुधार करने की अनेक अनेक औसर प्रस्तुत कर रहा है. प्रथम और द्वितीय इंडस्ट्रियल रिवॉल्यूशन के द्वारा भारत उपनिवेशवाद ताकतों की पकड़ में था. दूसरे इंडस्ट्रियल रिवॉल्यूशन के हम स्वतंत्रता के बाद उपजे सामाजिक और आर्थिक समस्या के निदान में लगे हुए थे, लेकिन आज भारत न केवल फर्स्ट इंडस्ट्रियल रिवोल्यूशन का महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है, बल्कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, इंटरनेट ऑफ थिंग्स और ब्लॉकचेन जैसे नए तकनीक के ग्लोबल हाल के रूप में उभर रहा है. भारत सरकार एआई के प्रति मिशन सेंट्रिक अप्रोच के साथ काम कर रही है.
गांधी के कथन को याद रखना होगा : राष्ट्रपति ने कहा-हमें महात्मा गांधी का यह कथन भी याद रखना होगा नॉलेज विदाउट करेक्टर इज SIN है. यह आवश्यक है कि एआई प्रयोग के साथ उत्पन्न हुए नजदीक दुविधाओं को भी निराकरण सबसे पहले को चाहे ऑटोमेशन होने के कारण रोजगार की समस्या हो या आर्थिक असमानता की चौड़ी होती खाई हो. एआई के परिणाम में आने वाले मानवीय पूर्वाग्रह हमें हर समस्या के लिए रचनात्मक हल ढूंढना होंगे. हमें यह भी सुनिश्चित करना होगा कि हम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के साथ इमोशनल इंटेलिजेंस को भी महत्व दें हमें यह याद रखना होगा कि एआई साध्य नहीं बल्कि एक साधन है. इसका मुख्य उद्देश्य मानव जीवन के गुणवत्ता बढ़ाने सबसे निचले पायदान तथा व्यक्ति लाभान्वित हो इसके लिए मूलमंत्र को अपने जीवन में शामिल करना होगा.
ट्रिपल आईटी से पासऑउट से देश को उम्मीदें : राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि आज दिन छात्रों को उपाधि मिली है, उनसे न केवल उनके माता-पिता उनके शिक्षक को उम्मीद नहीं जुड़ी है, बल्कि देश के करोड़ों के देशवासियों आकांक्षाओं के भी प्रतिनिधि हैं. आपको आज जो उपाधि और पदक मिला है वह एक तरह से करोड़ों आकांक्षाओं का पत्र हैं, जिन्हें आपको पूरा करना है. तेजी से तकनीकी विकास और गतिशील कार्य स्थल के परिदृश्य द्वारा इस युग में समग्र शिक्षा के महत्व को काम करके नहीं आंका जा सकता.
प्रदेश को आगे ले जाने में मदद करें छात्र : दीक्षांत समारोह में विशिष्ट अतिथि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हमारा देश आज दुनिया के अंदर एक बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में उभरता हुआ दिखाई दे रहा है. भारत का मार्ग दर्शन प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पिछले 9-10 वर्षों के अंदर देश की बदलती तस्वीर को देखा होगा. जिसमें जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में भारत ने अपने युवा ऊर्जा के लिए अनेक संभावनाओं के द्वारा खोले हैं. और आप उत्तर प्रदेश में हैं तो नए भारत के नए उत्तर प्रदेश की संभावना के साथ आपको कार्य करने के अवसर के रूप में आपको सादर आमंत्रित करता हूं.
ट्रिपल आईटी के लिए बेहतरीन अवसर : योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इस संदर्भ में मुझे यह बताते हुए प्रसन्नता है कि डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास में ट्रिपल आईटी के लिए एक साझेदारी के रूप में उत्तर प्रदेश में कार्य करने का एक बेहतरीन अवसर है. खासतौर पर उत्तर प्रदेश में जो अपने लक्ष्य निर्धारित किए हैं. आपने देखा होगा उत्तर प्रदेश के अंदर फरवरी 2023 में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर सबमिट में जो प्रस्ताव उत्तर प्रदेश को प्राप्त हुए हैं. मुझे बताते हुए खुशी हो रही है कि अब तक 40 लाख करोड़ रुपये के प्रस्ताव उत्तर प्रदेश में इन्वेस्टमेंट के तौर पर हमारी सरकार को प्राप्त हुए हैं. इसमें खास तौर पर उत्तर प्रदेश को डाटा सेंटर हब बनाने उत्तर प्रदेश में सेमीकंडक्टर स्टार्टअप ऑल इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग के विकास से संबंधित तमाम ऐसे प्रस्ताव हमें प्राप्त हुए हैं. जिनके लिए हम इस दिशा में अपने करियर को भी चुन सकते हैं.