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सावधान ! कहीं आप भी तो नहीं पड़ रहे हैं ब्लैकमेलर लोन ऐप्स के चक्कर में ?

कई बार लोगों के सामने छोटी रकम की समस्या आ जाती है, जिसके चलते वे लोन की तलाश करने लगते हैं. ऐसे में कई बार वे ब्लैकमेलिंग लोन ऐप्स (Blackmailing Loan App) के जाल में फंस जाते हैं. ये ठगबाज लोन ऐप्स (Loan Apps) लोगों को छोटे लोन मुहैया कराती हैं, लेकिन इसी बहाने वो लोगों के मोबाइल से निजी जानकारियां हासिल कर लेती हैं और रकम अदायगी समय पर न करने पर ब्लैकमेल (Blackmail) करना शुरू कर देती है.

Fake Loan Apps
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Published : Sep 4, 2022, 12:59 PM IST

Updated : Sep 4, 2022, 2:45 PM IST

हैदराबाद: जहां एक ओर भारत सरकार देश में कैशलेस और डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने का प्रयास कर रही है, वहीं लोगों को ठगने के लिए विदेशी ठगबाज कंपनियां देश में अपने पांव पसार रही हैं. पिछले काफी समय से ब्लैकमेलर लोन ऐप्स (Blackmailer Loan Apps) को लेकर भारत में जागरूकता फैलाई जा रही है, लेकिन इसके बाद भी बहुत से लोग अपने छोटे कर्जों की जरूरत को पूरा करने के लिए इन ठगबाज एप्स को डाउनलोड कर लेते हैं और फिर ये एप्स इन लोगों को ब्लैकमेल करना शुरू कर देती हैं. कुछ मामले तो ऐसे भी आए हैं, जहां लोगों ने इन ऐप्स की धमकियों के चलते अपनी जान तक देने की कोशिश की है और दी भी है.

ये ऐप्स ऑफर करती हैं छोटे लोन: गूगल प्ले स्टोर पर कई ठगबाज लोन ऐप्स (Loan Apps) हैं, जो लोगों को 5,000 रुपये से लेकर 25,000 रुपये तक के छोटे लोन ऑफर करती हैं. हालांकि गूगल (Google) ने कुछ समय पहले ही भारत में करीब 2,000 फर्जी लोन ऐप्स पर रोक लगा दी थी. जैसे ही अपने छोटे कर्जों की जरूरत को पूरा करने के लिए लोग इन ऐप्स को डाउनलोड करते हैं, वहीं से इनका खेल शुरू हो जाता है.

फोन से चुरा लेती है सारा डेटा: जब कोई इन ऐप्स को डाउनलोड करता है, तो ये ऐप्स यूजर्स से कुछ चीजों के लिए अनुमति मांगती है. यूजर जानकारी के आभाव में उस ऐप को सारी अनुमति प्रदान कर देता है. जिससे ये ऐप्स यूजर के गैलरी, कॉन्टैक्ट और अन्य चीजों का सारा डेटा हासिल कर लेते हैं. इसके बाद अगर यूजर इन ऐप्स से लोन ले लेता है और समय से नहीं चुका पाता है, तो इन फर्जी ऐप्स का गंदा खेल शुरू हो जाता है.

Fake Loan App
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कर्जा न चुकाने पर करती हैं ब्लैकमेल: जब कोई मोबाइल यूजर (Mobile User) इन ऐप्स से लोन लेता है और समय पर इसका भुगतान नहीं करता है, तो ये ऐप्स उस यूजर को ब्लैकमेल (Blackmail) करना शुरू कर देती हैं. यूजर के फोन की गैलरी और कॉन्टैक्ट की जानकारी इनके पास होती है, जिसका ये गलत इस्तेमाल करते हैं। नंवबर 2020 हैदराबाद में इस फर्जीफाड़े को लेकर एक मामला सामने आया था, जिसमें एक 46 महिला ने इंस्टैंट लोन ऐप रुपी स्पेस से 5,000 रुपये का लोन लिया था, लेकिन एक दिन की देरी के बाद उस महिला को कॉल आनी शुरू हो गई. उस महिला को उसी की अश्लील तस्वीरें भेजी जाने लगीं और उनसे 60,000 रुपये की मांग की गई.

देशभर में फैला है ब्लैकमेलर्स लोन ऐप का मकड़जाल: हैदराबाद में सामने आए इस महिला के मामले के बाद पुलिस से गहनता से इसकी जांच की है और दिसंबर 2020 में जानकारी सामने आई कि गुरुग्राम में इन ब्लैकमेलर्स लोन ऐप के दो कॉल सेंटर्स सामने आए, जहां से इस तरह की 12 लोन ऐप्स संचालित की जा रही थीं और यहां करीब 700 कर्मचारी काम कर रहे थे. इसके अलावा बेंगलूरु में भी पुलिस ने छापेमारी कर 42 लोन ऐप्स के दो कॉल सेंटर्स को बंद कराया था।

Fake Loan App
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रिजर्व बैंक ने भी जारी किए थे आंकड़े: नवंबर, 2021 में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (Reserve Bank of India) ने जनवरी 2020 से मार्च 2021 के बीच देश में ऑनलाइन लोन ऐप्स से हुई धोखाधड़ी के मामलों की जानकारी दी थी. आरबीआई के अनुसार इस समयावधि में इन मामलों को लेकर 2,562 एफआईआर दर्ज की गई थीं. वहीं ऑनलाइन लोन ऐप के पीड़ितों की मदद करने वाले गैर सरकारी संगठन सेव देम इंडिया ने भी इसके लेकर आंकड़े जारी किए थे.

संगठन के चेयरमैन प्रवीण कलाईसेल्वन की माने तो जनवरी 2022 से अगस्त 2022 के बीच साढ़े सात महीनों में कुल 47,195 शिकायतें सामने आई हैं. 2021 के करीब 81 ऐप स्टोर्स की जांच की गई थी, जिसमें पाया गया था कि देश में 1,100 से ज्यादा डिजिटल लोन ऐप मौजूद थीं. आरबीआई ने लगभग 600 ऐप्स को गैरकानूनी करार दे दिया, जिसके बाद आरबीआई (RBI) के निर्देश पर गूगल प्ले स्टोर (Google Play Store) से इन ऐप्स को हटा दिया गया.

Fake Loan App
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कैसे होगा इन फर्जी लोन ऐप्स से बचाव: वैसे तो रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने इन ऐप्स से बचने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं, लेकिन इसके साथ समस्या यह है कि ये दिशा-निर्देश रेगुलेटड निकायों की ही बात करते हैं. ध्यान देने वाली बात यह है कि ज्यादातर फर्जी लोन ऐप्स चीन से संचालित की जा रही हैं और भारत में इनका व्यापार गैर-कानूनी है. ऐसे में आरबीआई द्वारा जारी ये दिशा-निर्देश ज्यादा कारगर साबित नहीं हैं.

यूजर को खुद रखना होगा ध्यान: जहां एक ओर आरबीआई द्वारा जारी दिशा-निर्देश कारगर साबित नहीं हो रहे हैं, ऐसे में यूजर को स्वयं ही अपनी सुरक्षा का ध्यान रखना होगा. इसके लिए यूजर को ध्यान रखना होगा कि वह बिना जांच-परखे ऐसी किसी भी लोन ऐप को अपने मोबाइल पर डाउनलोड न करे. ऐसी किसी भी ऐप को डाउनलोड करने के बाद यदि वह आप से आपके निजी चीजों जैसे गैलरी, कॉन्टैक्स और बैंक अकाउंट की जानकारी मांगता है, तो उसे फौरन ही अपने फोन से हटा दें. इसके अलावा यदि आपको साथ ऐसा कोई फर्जीवाड़ा होता है और आपको ब्लैकमेल किया जाता है, तो आप इसकी शिकायत साइबर क्राइम में भी कर सकते हैं.

हैदराबाद: जहां एक ओर भारत सरकार देश में कैशलेस और डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने का प्रयास कर रही है, वहीं लोगों को ठगने के लिए विदेशी ठगबाज कंपनियां देश में अपने पांव पसार रही हैं. पिछले काफी समय से ब्लैकमेलर लोन ऐप्स (Blackmailer Loan Apps) को लेकर भारत में जागरूकता फैलाई जा रही है, लेकिन इसके बाद भी बहुत से लोग अपने छोटे कर्जों की जरूरत को पूरा करने के लिए इन ठगबाज एप्स को डाउनलोड कर लेते हैं और फिर ये एप्स इन लोगों को ब्लैकमेल करना शुरू कर देती हैं. कुछ मामले तो ऐसे भी आए हैं, जहां लोगों ने इन ऐप्स की धमकियों के चलते अपनी जान तक देने की कोशिश की है और दी भी है.

ये ऐप्स ऑफर करती हैं छोटे लोन: गूगल प्ले स्टोर पर कई ठगबाज लोन ऐप्स (Loan Apps) हैं, जो लोगों को 5,000 रुपये से लेकर 25,000 रुपये तक के छोटे लोन ऑफर करती हैं. हालांकि गूगल (Google) ने कुछ समय पहले ही भारत में करीब 2,000 फर्जी लोन ऐप्स पर रोक लगा दी थी. जैसे ही अपने छोटे कर्जों की जरूरत को पूरा करने के लिए लोग इन ऐप्स को डाउनलोड करते हैं, वहीं से इनका खेल शुरू हो जाता है.

फोन से चुरा लेती है सारा डेटा: जब कोई इन ऐप्स को डाउनलोड करता है, तो ये ऐप्स यूजर्स से कुछ चीजों के लिए अनुमति मांगती है. यूजर जानकारी के आभाव में उस ऐप को सारी अनुमति प्रदान कर देता है. जिससे ये ऐप्स यूजर के गैलरी, कॉन्टैक्ट और अन्य चीजों का सारा डेटा हासिल कर लेते हैं. इसके बाद अगर यूजर इन ऐप्स से लोन ले लेता है और समय से नहीं चुका पाता है, तो इन फर्जी ऐप्स का गंदा खेल शुरू हो जाता है.

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कर्जा न चुकाने पर करती हैं ब्लैकमेल: जब कोई मोबाइल यूजर (Mobile User) इन ऐप्स से लोन लेता है और समय पर इसका भुगतान नहीं करता है, तो ये ऐप्स उस यूजर को ब्लैकमेल (Blackmail) करना शुरू कर देती हैं. यूजर के फोन की गैलरी और कॉन्टैक्ट की जानकारी इनके पास होती है, जिसका ये गलत इस्तेमाल करते हैं। नंवबर 2020 हैदराबाद में इस फर्जीफाड़े को लेकर एक मामला सामने आया था, जिसमें एक 46 महिला ने इंस्टैंट लोन ऐप रुपी स्पेस से 5,000 रुपये का लोन लिया था, लेकिन एक दिन की देरी के बाद उस महिला को कॉल आनी शुरू हो गई. उस महिला को उसी की अश्लील तस्वीरें भेजी जाने लगीं और उनसे 60,000 रुपये की मांग की गई.

देशभर में फैला है ब्लैकमेलर्स लोन ऐप का मकड़जाल: हैदराबाद में सामने आए इस महिला के मामले के बाद पुलिस से गहनता से इसकी जांच की है और दिसंबर 2020 में जानकारी सामने आई कि गुरुग्राम में इन ब्लैकमेलर्स लोन ऐप के दो कॉल सेंटर्स सामने आए, जहां से इस तरह की 12 लोन ऐप्स संचालित की जा रही थीं और यहां करीब 700 कर्मचारी काम कर रहे थे. इसके अलावा बेंगलूरु में भी पुलिस ने छापेमारी कर 42 लोन ऐप्स के दो कॉल सेंटर्स को बंद कराया था।

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रिजर्व बैंक ने भी जारी किए थे आंकड़े: नवंबर, 2021 में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (Reserve Bank of India) ने जनवरी 2020 से मार्च 2021 के बीच देश में ऑनलाइन लोन ऐप्स से हुई धोखाधड़ी के मामलों की जानकारी दी थी. आरबीआई के अनुसार इस समयावधि में इन मामलों को लेकर 2,562 एफआईआर दर्ज की गई थीं. वहीं ऑनलाइन लोन ऐप के पीड़ितों की मदद करने वाले गैर सरकारी संगठन सेव देम इंडिया ने भी इसके लेकर आंकड़े जारी किए थे.

संगठन के चेयरमैन प्रवीण कलाईसेल्वन की माने तो जनवरी 2022 से अगस्त 2022 के बीच साढ़े सात महीनों में कुल 47,195 शिकायतें सामने आई हैं. 2021 के करीब 81 ऐप स्टोर्स की जांच की गई थी, जिसमें पाया गया था कि देश में 1,100 से ज्यादा डिजिटल लोन ऐप मौजूद थीं. आरबीआई ने लगभग 600 ऐप्स को गैरकानूनी करार दे दिया, जिसके बाद आरबीआई (RBI) के निर्देश पर गूगल प्ले स्टोर (Google Play Store) से इन ऐप्स को हटा दिया गया.

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कैसे होगा इन फर्जी लोन ऐप्स से बचाव: वैसे तो रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने इन ऐप्स से बचने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं, लेकिन इसके साथ समस्या यह है कि ये दिशा-निर्देश रेगुलेटड निकायों की ही बात करते हैं. ध्यान देने वाली बात यह है कि ज्यादातर फर्जी लोन ऐप्स चीन से संचालित की जा रही हैं और भारत में इनका व्यापार गैर-कानूनी है. ऐसे में आरबीआई द्वारा जारी ये दिशा-निर्देश ज्यादा कारगर साबित नहीं हैं.

यूजर को खुद रखना होगा ध्यान: जहां एक ओर आरबीआई द्वारा जारी दिशा-निर्देश कारगर साबित नहीं हो रहे हैं, ऐसे में यूजर को स्वयं ही अपनी सुरक्षा का ध्यान रखना होगा. इसके लिए यूजर को ध्यान रखना होगा कि वह बिना जांच-परखे ऐसी किसी भी लोन ऐप को अपने मोबाइल पर डाउनलोड न करे. ऐसी किसी भी ऐप को डाउनलोड करने के बाद यदि वह आप से आपके निजी चीजों जैसे गैलरी, कॉन्टैक्स और बैंक अकाउंट की जानकारी मांगता है, तो उसे फौरन ही अपने फोन से हटा दें. इसके अलावा यदि आपको साथ ऐसा कोई फर्जीवाड़ा होता है और आपको ब्लैकमेल किया जाता है, तो आप इसकी शिकायत साइबर क्राइम में भी कर सकते हैं.

Last Updated : Sep 4, 2022, 2:45 PM IST
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