ETV Bharat / bharat

महंगाई पर मंत्री की फिसली जुबान, कहा- आमदनी बढ़ रही है तो थोड़ी महंगाई भी स्वीकारें

पेट्रोल-डीजल के दिनों-दिन बढ़ते दामों को लेकर मध्य प्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री महेंद्र सिंह सिसौदिया ने रविवार को कहा कि अगर जनता की आमदनी बढ़ रही है, तो उसे थोड़ी महंगाई भी स्वीकार करनी चाहिए. साथ ही मंत्री ने कहा कि सरकार नागरिकों को हर चीज मुफ्त में नहीं दे सकती.

author img

By

Published : Oct 31, 2021, 9:21 PM IST

जनता
जनता

इंदौर : मध्य प्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री महेंद्र सिंह सिसौदिया ने इंदौर में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि जनता को समझना चाहिए कि अगर हमारी आमदनी बढ़ रही है, तो हमें निश्चित रूप से थोड़ी महंगाई भी स्वीकार करनी पड़ेगी. यह एक व्यावहारिक बात है.

पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री से पूछा गया कि पेट्रोलियम पदार्थों की बढ़ती कीमतों की मार झेल रहे आम आदमी को राहत देने के लिए क्या राज्य सरकार इन पर मूल्य संवर्धित कर (वैट) नहीं घटा सकती? इस पर उन्होंने कहा कि अब सरकार (नागरिकों को) मुफ्त में हर चीज तो दे नहीं सकती.

पेट्रोलियम पदार्थों पर कर वसूली से सरकार को राजस्व मिलता है. इसी राजस्व से विकास और जनहित की सरकारी योजनाएं चलती हैं. सिसौदिया ने कहा कि आप (आम आदमी) यह नहीं कह सकते कि आज पेट्रोल-डीजल का भाव वही होना चाहिए जो 10 साल पहले था, भले ही इस अवधि में आपकी तनख्वाह 6,000 रुपये से बढ़कर 50,000 रुपये पर पहुंच गई हो.

पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री ने दावा किया कि गुजरे बरसों में समाज के हर तबके की आमदनी बढ़ी है. उन्होंने कहा कि पहले हमारे घरों में केवल एक मोटरसाइकिल होती थी जो पिताजी (घर के मुखिया) के पास रहती थी. आज हमारे घरों में हर व्यक्ति के पास गाड़ी है जिससे पेट्रोल-डीजल की खपत तीव्रता से बढ़ रही है.

सिसौदिया ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि क्या देश में कांग्रेस की पिछली सरकारों के कार्यकाल में महंगाई नहीं बढ़ी थी? क्या महंगाई केवल नरेंद्र मोदी सरकार के कार्यकाल में बढ़ी है? हमें स्वीकार करना पड़ेगा कि यह (महंगाई का) एक पहिया है जो लगातार घूमता रहता है.

राज्य में रबी सत्र के दौरान खाद के संकट पर पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री ने दावा किया कि वर्तमान में डीएपी (डाय-अमोनियम फॉस्फेट) की जरूरत केवल सरसों और धनिया उगाने वाले किसानों को है. उन्होंने हालांकि भरोसा दिलाया कि सूबे में एकाध हफ्ते के भीतर डीएपी की कमी दूर कर दी जाएगी.

राज्य में लम्बे समय से पंचायत चुनाव टलने पर सिसौदिया ने कहा कि पहले कोविड-19 के प्रकोप और फिर कानूनी अड़चनों के चलते ये चुनाव आगे बढ़े हैं, लेकिन राज्य सरकार जल्द से जल्द ये चुनाव कराने को कटिबद्ध है.

उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने स्व-सहायता समूहों के उत्पादों की विश्वस्तरीय मार्केटिंग के लिए एक मोबाइल ऐप तैयार कराया है और इन उत्पादों को अमेजन व फ्लिपकार्ट सरीखे ई-कॉमर्स मंच पर पेश करने में भी स्व-सहायता समूहों की मदद की जाएगी.

(पीटीआई-भाषा)

इंदौर : मध्य प्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री महेंद्र सिंह सिसौदिया ने इंदौर में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि जनता को समझना चाहिए कि अगर हमारी आमदनी बढ़ रही है, तो हमें निश्चित रूप से थोड़ी महंगाई भी स्वीकार करनी पड़ेगी. यह एक व्यावहारिक बात है.

पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री से पूछा गया कि पेट्रोलियम पदार्थों की बढ़ती कीमतों की मार झेल रहे आम आदमी को राहत देने के लिए क्या राज्य सरकार इन पर मूल्य संवर्धित कर (वैट) नहीं घटा सकती? इस पर उन्होंने कहा कि अब सरकार (नागरिकों को) मुफ्त में हर चीज तो दे नहीं सकती.

पेट्रोलियम पदार्थों पर कर वसूली से सरकार को राजस्व मिलता है. इसी राजस्व से विकास और जनहित की सरकारी योजनाएं चलती हैं. सिसौदिया ने कहा कि आप (आम आदमी) यह नहीं कह सकते कि आज पेट्रोल-डीजल का भाव वही होना चाहिए जो 10 साल पहले था, भले ही इस अवधि में आपकी तनख्वाह 6,000 रुपये से बढ़कर 50,000 रुपये पर पहुंच गई हो.

पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री ने दावा किया कि गुजरे बरसों में समाज के हर तबके की आमदनी बढ़ी है. उन्होंने कहा कि पहले हमारे घरों में केवल एक मोटरसाइकिल होती थी जो पिताजी (घर के मुखिया) के पास रहती थी. आज हमारे घरों में हर व्यक्ति के पास गाड़ी है जिससे पेट्रोल-डीजल की खपत तीव्रता से बढ़ रही है.

सिसौदिया ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि क्या देश में कांग्रेस की पिछली सरकारों के कार्यकाल में महंगाई नहीं बढ़ी थी? क्या महंगाई केवल नरेंद्र मोदी सरकार के कार्यकाल में बढ़ी है? हमें स्वीकार करना पड़ेगा कि यह (महंगाई का) एक पहिया है जो लगातार घूमता रहता है.

राज्य में रबी सत्र के दौरान खाद के संकट पर पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री ने दावा किया कि वर्तमान में डीएपी (डाय-अमोनियम फॉस्फेट) की जरूरत केवल सरसों और धनिया उगाने वाले किसानों को है. उन्होंने हालांकि भरोसा दिलाया कि सूबे में एकाध हफ्ते के भीतर डीएपी की कमी दूर कर दी जाएगी.

राज्य में लम्बे समय से पंचायत चुनाव टलने पर सिसौदिया ने कहा कि पहले कोविड-19 के प्रकोप और फिर कानूनी अड़चनों के चलते ये चुनाव आगे बढ़े हैं, लेकिन राज्य सरकार जल्द से जल्द ये चुनाव कराने को कटिबद्ध है.

उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने स्व-सहायता समूहों के उत्पादों की विश्वस्तरीय मार्केटिंग के लिए एक मोबाइल ऐप तैयार कराया है और इन उत्पादों को अमेजन व फ्लिपकार्ट सरीखे ई-कॉमर्स मंच पर पेश करने में भी स्व-सहायता समूहों की मदद की जाएगी.

(पीटीआई-भाषा)

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.