कांकेर: स्वतंत्रता दिवस के एक दिन पहले धुर नक्सल प्रभावित क्षेत्र कोयलीबेड़ा में आलपरस के जंगलों में जोरदार धामके की आवाज से ग्रामीण दहशत में आ गए हैं. ग्रामीण इसे आईडी ब्लास्ट कह रहे हैं तो वहीं पुलिस अधिकारी जांच के बाद ही कुछ कहने की बात कह रहे हैं. फिलहाल कांकेर एसपी दिव्यांग पटेल ने धमाके वाली जगह पर जांच पड़ताल के लिए पुलिस टीम को भेजा है. जांच पूरी होने के बाद ही धमाके को लेकर स्थिति स्पष्ट होने की बात एसपी कांकेर ने कही है.
आईईडी ब्लास्ट होने की आशंका: कोयलीबेड़ा क्षेत्र के आलपरस में ग्रामीणों ने आईईडी ब्लास्ट होने का दावा किया है. आशंका जताई जा रही है कि नक्सली आईईडी प्लांट कर रहे होंगे और उसी दौरान यह फटा होगा. ग्रामीणों के मुताबिक अगर आईडी फटा होगा तो नक्सलियों को नुकसान भी हुआ होगा.
ग्रामीणों के माध्यम से सूचना मिली है. क्षेत्र नक्सल प्रभावित होने के चलते नजदीकी कैंपों से जवानों की पार्टी निकाली गई है. ग्रामीण किसी धामाके की आवाज की बात कह रहे हैं. पार्टी घटना स्थल से लौटने के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी. -दिव्यांग पटेल, कांकेर एसपी
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जवानों और गांववालों को नुकसान पहुंचाने का था मंसूबा: कांकेर पुलिस ने इस मामले को लेकर शाम को प्रेस रिलीज जारी किया. पुलिस ने बताया कि कोयलीबेड़ा थाना क्षेत्र के आलपरस गांव के पास सुरक्षा बलों और गांववालों को नुकसान पहुंचाने के लिए नक्सली आईईडी लगा रहे थे. सुबह करीब 11 बजे आईईडी लगाते समय ब्लास्ट हो गया, जिसमें पानिडोबीर एलओएस के दो नक्सलियों के घायल होने की जानकारी मिली है. पुलिस टीम आगे की कार्रवाई में जुटी है.
आईईडी प्लांट करते समय पहले भी हुए हैं धमाके:
फरवरी 2021: आमाबेड़ा क्षेत्र के चुकापाल के पास जवानों को निशाना बनाने के लिए नक्सलियों की उत्तर बस्तर डिवीजन का सदस्य सोमजी उर्फ सहदेव वेदड़ा 18 फरवरी को आईईडी लगा रहा था. इसी दौरान विस्फोट हो गया और चपेट में आकर सोमजी के चीथड़े उड़ गए थे.
मार्च 2021: बीजापुर में बेचापाल-हुरेपाल रोड पर गायथापारा के पास आईईडी लगाते समय हुए विस्फोट में एक नक्सली की मौत हुई थी.
तीन साल में आईईडी की चपेट में आए 12 से ज्यादा जवान: पुलिस के मुताबिक उत्तर बस्तर कांकेर जिले में तीन साल में आईईडी की चपेट में आने से 12 से अधिक जवान जख्मी हुए हैं. एक ग्रामीण की भी जान जा चुकी है. सबसे अधिक आईईडी कोयलीबेड़ा और अंतागढ़ ब्लॉक के जंगल और सड़क किनारे से बरामद किए गए हैं. कहीं टिफिन बम तो कहीं पाइप बम जवानों ने बरामद किए.
तीन साल में 146 आईईडी बरामद: तीन साल में सुरक्षा बलों ने 146 आईईडी बरामद किया है. विभाग से मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2020 में सबसे ज्यादा 88 आईईडी बरामद किया गया. साल 2021 में यह संख्या घटकर 30 पहुंची तो वहीं 2022 में सिर्फ 9 आईईडी बरामद कर जवानों ने नष्ट किया.