नई दिल्ली: भारत में डेल्टा प्लस वेरिएंट मिलने के कुछ दिनों बाद, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) ने शुक्रवार को कहा कि अब तक 11 राज्यों से डेल्टा प्लस स्वरूप के 48 मामले सामने आये और उनमें से सबसे अधिक 20 मामले महाराष्ट्र से हैं.
आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव ने कहा कि अगले 7-10 दिनों में प्रयोगशाला के परिणाम आएंगे कि टीके इस प्रकार के खिलाफ प्रभाव डालते हैं या नहीं. उन्होंने कहा कि भारत में मिले 48 डेल्टा प्लस के मामले में सभी बहुत स्थानीय हैं.
डॉ. भार्गव नई दिल्ली में सार्स-कोव-2 वायरस के नए रूपों के उभरने पर पत्रकारों को जानकारी दे रहे थे.
डेल्टा प्लस वेरिएंट 12 देशों में मिल चुका है : भार्गव
भार्गव ने कहा, डेल्टा प्लस वेरिएंट (AY.1/2) पहले ही 12 देशों में पाया जा चुका है और वैक्सीन से बचने, ट्रांसमिसिबिलिटी और बीमारी की गंभीरता को बढ़ाने के लिए म्यूटेशन की निरंतर निगरानी महत्वपूर्ण है.
कोविड-19 के विभिन्न प्रकारों पर भारतीय टीकों की प्रभावशीलता का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि दोनों टीके (कोवैक्सीन और कोविशील्ड) सार्स-कोव-2 के वेरिएंट के खिलाफ काम करते हैं. हालांकि नए डेल्टा प्लस वेरिएंट पर वैक्सीन की प्रभावशीलता अभी भी जांच के दायरे में है.
भार्गव ने कहा, भारत के दोनों टीके अल्फा (बी.1.1.7), बीटा (बी.1.351), गामा (पी.1) और डेल्टा (बी.1.1617.2) सभी चार प्रकारों के खिलाफ काम करते हैं. डेल्टा वैरिएंट का जिक्र करते हुए डॉ भार्गव ने कहा कि 15-17 म्यूटेशन वाले डेल्टा वैरिएंट का पहली बार पिछले साल अक्टूबर में महाराष्ट्र में पता चला था.
उन्होंने कहा कि यह डेल्टा वेरिएंट ट्रांसमिसिबिलिटी को बढ़ाने के साथ फेफड़ों की कोशिकाओं को मजबूत करने के साथ ही मोनोक्लोनल एंटी बॉडी रिस्पॉन्स में संभावित कमी और संभावित पोस्ट टीकाकरण प्रतिरक्षा से बचाता है.
भारत में 90 फीसद कोविड मामले डेल्टा स्वरूप के : सिंह
इस बीच, नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (NCDC) के निदेशक डॉ. सुरजीत कुमार सिंह ने कहा कि भारत में 90 फीसद कोविड मामले डेल्टा (बी.1.617.2) स्वरूप द्वारा संचालित किए जा रहे हैं.
उन्होंने कहा कि भारत में कोविड-19 के 90 फीसदी मामले बी.1.617.2 (डेल्टा) स्वरूप के हैं. उन्होंने कहा कि 35 राज्यों/ केंद्रशासित प्रदेशों के 174 जिलों में चिंताजनक कोविड स्वरूप के मामले पाये गए हैं. इनमें से सबसे ज्यादा मामले महाराष्ट्र, दिल्ली, पंजाब, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल और गुजरात में मिले हैं.वहीं कोविड-19 के चिंताजनक स्वरूप के मामलों का अनुपात मई, 2021 के 10.31 फीसद से बढ़कर जून, 2021 में 51 फीसद हो गया.
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के बाद तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, केरल, पंजाब, गुजरात में डेल्टा प्लस वेरिएंट प्रमुख रूप से पाए गए हैं और आंध्रप्रदेश, ओडिशा, राजस्थान, जम्मू और कर्नाटक में एक-एक मामला पाया गया है. उन्होंने कहा कि अब तक देश में अनुक्रमण (जीनोम) किये गये 45000 नमूनों में से कोविड के डेल्टा प्लस स्वरूप के 48 मामले सामने आये. फीसदी के बीच है.