पठानमथिट्टा: केरल की एक महिला आईएएस अधिकारी ने खुलासा किया है कि जब वह छह साल की थी, तब उन्होंने दो ऐसे पुरुषों से सामना करना पड़ा था, जिन्होंने उनका उत्पीड़न किया था. पठानमथिट्टा जिला कलेक्टर डॉ. दिव्या एस. अय्यर ने अपने दुर्भाग्यपूर्ण अनुभव का खुलासा किया, जब वह छह साल की थीं.
प्रथम श्रेणी में पढ़ने के दौरान हुए बुरे अनुभव के बारे में कलेक्टर ने कहा: "दो आदमी मुझे प्यार से अपने पास बुलाते थे. मुझे समझ नहीं आ रहा था कि वे क्यों छू रहे थे या स्नेह कर रहे थे. मुझे बहुत बुरा लगा जब उन्होंने मेरे कपड़े उतारे. मैं वहां से भाग गई. मेरे माता-पिता द्वारा दिए गए मानसिक समर्थन के कारण ही मैं उस आघात से बच पाई. इस घटना के बाद जब भी मैं भीड़ में पहुँचती थी तो मैं सभी को ध्यान से देखती कि कहीं वे दो चेहरे तो नहीं हैं. मैं नहीं जानती कि वे कौन थे, और मैंने उन्हें तब से नहीं देखा है लेकिन मुझे अभी भी उनके चेहरे याद हैं. एक छह साल की बच्ची उस समय कुछ भी समझ नहीं पा रही थी.
कलेक्टर ने आगे कहा कि बच्चों को कम उम्र में ही करना सिखाया जाना चाहिए. बच्चों का इस उम्र में खास ध्यान रखना चाहिए और इस बात का भी खास ध्यान रखना चाहिए कि कहीं वह किसी मानसिक आघात में ना चले जाएं. कलेक्टर ने यह भी कहा कि माता-पिता और शिक्षक बच्चों पर होने वाली हिंसा के बारे में बताएं. कलेक्टर ने राज्य युवा कल्याण बोर्ड द्वारा आयोजित राज्य युवा मीडिया प्रशिक्षण शिविर में यौन हिंसा के शिकार बच्चों से संबंधित समाचारों की रिपोर्टिंग करते समय मीडियाकर्मियों को जागरूक करने के लिए आयोजित राज्य युवा मीडिया प्रशिक्षण शिविर में इस बात का खुलासा किया. डॉ. दिव्या एस अय्यर पूर्व विधायक और कांग्रेस नेता केएस सबरीनाथन की पत्नी भी हैं.
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