हैदराबाद : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने शनिवार को कहा कि भारत ने पांच टन श्रेणी में हेलीकॉप्टरों के डिजाइन, विकास और संचालन में अपनी क्षमता दिखाई है और वैश्विक नेता बनने के लिए 10-टन वजनी भारतीय बहु-उद्देशीय हेलीकॉप्टर के डिजाइन में प्रगति की आवश्यकता है. सिकंदराबाद स्थित राष्ट्रीय औद्योगिक सुरक्षा अकादमी कन्वेंशन सेंटर में चेतक हेलीकॉप्टर के हीरक जयंती समारोह में राजनाथ सिंह ने कहा कि एक अनुमान के मुताबिक, भारत में 1,000 से अधिक असैन्य हेलीकॉप्टरों की मांग है और इतनी ही संख्या में सैन्य क्षेत्र में हेलीकॉप्टरों की मांग है, जो हेलीकॉप्टर बाजार में असीम क्षमता का संकेत देता है.
उन्होंने कहा कि बाहरी परिस्थितियों ने भारत के अहम हथियारों और उपकरणों की सेवा-योग्यता पर असर डाला है और अत: आत्म-निर्भरता का प्रयास वक्त की मांग है. उन्होंने जोर देकर कहा कि बाहरी परिस्थितियों ने भारत के महत्वपूर्ण हथियारों और उपकरणों की सेवा क्षमता को प्रभावित किया है इसलिए, आत्मनिर्भरता के प्रयास समय की आवश्यकता बनी हुई है. पिछले कुछ वर्षों की घटनाओं को देखते हुए सरकार ने रक्षा उत्पादन और तैयारियों में आत्मनिर्भरता पर जोर दिया है. उन्होंने कहा, 'इन दिनों हमने आपूर्ति लाइनों को सुनिश्चित करने में कई चुनौतियां देखी हैं. बाहरी परिस्थितियों ने महत्वपूर्ण हथियारों और उपकरणों की सेवाक्षमता को प्रभावित किया है इसलिए, आत्मनिर्भरता के लिए हमारे प्रयासों में निरंतर वृद्धि इस समय की सबसे बड़ी जरूरत है.'
अपने कंधों को मजबूत करना होगा : उन्होंने कहा, 'हमें अपनी रक्षा के लिए अपने कंधों को मजबूत करना होगा.' सिंह ने स्पष्ट किया कि भारत का कभी भी किसी के खिलाफ आक्रमण करने का कोई इरादा नहीं रहा है और इसने केवल सभ्यता के मूल्यों, शांति और सच्चाई को बनाए रखने के लिए हथियार उठाए हैं. उन्होंने जोर देकर कहा कि पिछले कुछ वर्षों में देश में शांति, सुरक्षा और सैन्य शक्ति के बीच संबंध गहरे हुए हैं.
विश्व में शांति बनाए रखने के लिए राष्ट्रों के लिए एक मजबूत सुरक्षा तंत्र के महत्व को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा, 'पिछले कुछ वर्षों में सरकार ने एक ऐसा वातावरण बनाया है जिसने भारत को मजबूत और आत्मनिर्भर बनाने की राह पर सशस्त्र बलों, वैज्ञानिकों और रक्षा निर्माताओं को सक्रिय रूप से सोचने और आगे बढ़ने में सक्षम बनाया है.' उन्होंने तीन सेवाओं, अनुसंधान एवं विकास संगठनों और सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र के उद्योगों से जबरदस्त सकारात्मक प्रतिक्रिया की ओर इशारा किया. उन्होंने सरकार द्वारा उठाए गए अभूतपूर्व कदमों के लिए अभूतपूर्व प्रतिक्रिया का विश्वास जताते हुए कहा कि एमएसएमई, स्टार्ट-अप, इनोवेटर्स और शिक्षाविद एक साथ मिलकर रक्षा उत्पादन के नए रास्ते तलाश रहे हैं.
राणा प्रताप के चेतक से की तुलना : इतिहास में राजपूत राजा राणा प्रताप के 'चेतक' नामक घोड़े की तुलना करते हुए सिंह ने 'चेतक' हेलीकॉप्टर को न केवल एक मशीन, बल्कि एक जीवंत और समर्पित इकाई बताया, जो पिछले छह दशकों से लगातार राष्ट्र की सेवा में लगी हुई है और दूसरों के लिए एक मिसाल कायम की है. रक्षा मंत्री ने कहा कि हेलीकॉप्टर की हीरक जयंती में भाग लेना उनके लिए एक अनूठा अवसर है. उन्होंने कहा, 'हम संस्थानों और संगठनों की हीरक जयंती मनाते हैं. मैं अक्सर उनमें शामिल होता हूं लेकिन हमारी वायु सेना हेलीकॉप्टर की हीरक जयंती मना रही है. यह इस हेलीकॉप्टर के लिए हमारे सम्मान का प्रतीक है.'
उन्होंने कहा कि हेलीकॉप्टरों ने न केवल युद्ध के मैदान में दुश्मनों को निशाना बनाया, बल्कि आपात स्थिति में लोगों को निकालकर कीमती जान भी बचाई है. रक्षा मंत्री ने कहा, 'अब तक निर्मित लगभग 700 चेतकों ने पूरे समर्पण के साथ युद्ध और शांति के समय में राष्ट्र की सेवा की है. चेतक हमारे देश में अग्रणी डिजाइन और विकास परियोजनाओं में से एक है. इसकी सफलता ने हमें विश्वास दिलाया कि भविष्य में हम ऐसी परियोजनाओं में भी सफल हो सकते हैं. अब तक हमारे देश में लगभग 700 चेतक हेलीकॉप्टरों का उत्पादन किया जा चुका है.'
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उन्होंने कहा, 'प्राकृतिक आपदाओं के दौरान मानवीय सहायता और आपदा राहत पहुंचाने में चेतक हमेशा सबसे आगे रहा है. यह पहली बार है जब कोई हेलीकॉप्टर इस मुकाम पर पहुंचा है. चेतक ने लोगों के दिलों को छुआ है. हमारा देश हमेशा इस मशीन का आभारी रहेगा और उन पेशेवरों का भी, जो इसे संचालित करते हैं.' कार्यक्रम में वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी, एओसी-इन-सी ट्रेनिंग कमांड एयर मार्शल मानवेंद्र सिंह, पूर्व वायु सेना प्रमुख, एयर चीफ मार्शल एफएच मेजर (सेवानिवृत्त), एयर चीफ मार्शल एनएके ब्राउन (सेवानिवृत्त) और पूर्व नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह (सेवानिवृत्त) प्रमुख उपस्थित थे.