मालदा: पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव और आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर राजनीति बयानबाजी तेज हो गई है. राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी 2021 के विधानसभा चुनाव के मॉडल को आगामी चुनावों में हथियार के रूप में इस्तेमाल कर बीजेपी का सफाया करना चाहतीं हैं. इसी सिलसिले में उन्होंने भतीजे अभिषेक बनर्जी के एक कार्यक्रम में पार्टी कार्यकर्ताओं के समक्ष एनआरसी के मुद्दे को फिर से उठाया.
प्रशासनिक बैठक में यह संकेत दिया गया था कि उन्होंने एनआरसी के मुद्दे पर भाजपा को खत्म करने की योजना बनाई है. 2021 के विधानसभा चुनावों में एनआरसी को लागू करने की भाजपा की योजना ने उन्हें पश्चिम बंगाल में चुनौतीपूर्ण स्थिति में डाल दिया था. बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व को चुनाव के बाद इसका एहसास हुआ होगा. नतीजा यह रहा कि भगवा खेमे ने बाद में इस मुद्दे पर ज्यादा उत्साह नहीं दिखाया.
गुरुवार दोपहर अंग्रेजी बाजार के असलानी चौराहे पर अभिषेक के कार्यक्रम में बोलते हुए तृणमूल सुप्रीमो ने फिर 'का का, ची छी' का नारा लगाया. जैसे ही उन्होंने इस बारे में बात की, सामने बैठे पार्टी कार्यकर्ताओं में उत्साह की लहर देखी गई. तृणमूल नेता अच्छी तरह जानते हैं कि मालदा, मुर्शिदाबाद, उत्तर दिनाजपुर, नदिया सहित कई जिलों में अल्पसंख्यक वोट निर्णायक हैं.
ममता ने कहा, 'वे कहते हैं, अगर आपके पास आधार कार्ड नहीं है, तो आप एक विदेशी हैं. केंद्रीय गृह मंत्री का पत्र कुछ दिन पहले आया था. यह बीच में बंद हो गया था, लेकिन हाल ही में बढ़ गया. पत्र में कहा गया है कि एक नागरिक होने के लिए आधार कार्ड, पैन या कोई अन्य कार्ड महत्वपूर्ण है. मैं कहती हूं, अगर आपके पास शक्ति है तो अपना हाथ उठाएं. मैं इसकी अनुमति नहीं दूंगी. मैंने पहले भी इसकी अनुमति नहीं दी थी. मैं बंगाल में एनआरसी की अनुमति नहीं दूंगी. वोट का मतलब उनके लिए दंगा!'