हैदराबाद: राज्य के खुफिया विभाग ने एक संयुक्त अभियान में आयुक्त की टास्कफोर्स टीम के साथ मिलकर रविवार को मलकपेट क्षेत्र से कुछ संदिग्धों को हिरासत में लिया है. बताया जा रहा है कि ये संदिग्ध भाजपा और आरएसएस नेताओं की हत्या करने की योजना बना रहे थे, जिसे पुलिस ने विफल कर दिया. सेंट्रल क्राइम स्टेशन के विशेष जांच दल (एसआईटी) ने अक्टूबर में मलकपेट के मूसारामबाग इलाके से संबंधित लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के सदस्य मोहम्मद अब्दुल जाहेद, माज़ और समीउद्दीन के तौर पर पहचान की थी.
उनके अन्य सहयोगियों के खिलाफ आपराधिक साजिश का मामला दर्ज किया था. अब पुलिस ने इन संदिग्ध आतंकियों को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस ने दावा किया है कि पाकिस्तान में स्थित विदेशी आकाओं के इशारे पर, संदिग्धों ने कई भाजपा और आरएसएस नेताओं को खत्म करने के लिए एक आपराधिक साजिश रची थी. इसके साथ ही पुलिस ने बताया कथित तौर पर इन्होंने राज्य में विध्वंसक गतिविधियों को अंजाम देने के लिए विस्फोटक प्राप्त किए थे. रविवार की तड़के संदिग्धों को उनके घरों से उठा लिया गया और उनसे एसआईटी में पूछताछ की जा रही है.
पुलिस ने बताया कि रविवार को विशिष्ट सूचना मिली कि मलकपेट निवासी 39 वर्षीय अब्दुल जाहिद ने अपने सहयोगियों के साथ चार हथगोले की खेप प्राप्त की है और हैदराबाद, तेलंगाना में सनसनीखेज आतंकी हमले की तैयारी कर रहे हैं.टीम ने तेजी से कार्रवाई की और मलकपेट से तीनों को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस द्वारा की गई प्रारंभिक जांच के अनुसार, अब्दुल जाहिद हैदराबाद में कई आतंकवाद से संबंधित मामलों में शामिल है, जिसमें 2005 में हैदराबाद सिटी पुलिस कमिश्नर के टास्क फोर्स कार्यालय बेगमपेट पर आत्मघाती हमला भी शामिल था.
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वह पाकिस्तानी ISI-LeT आकाओं के नियमित संपर्क में था. पुलिस ने आगे बताया कि तीन फरार आरोपी फरहतुल्ला गोरी उर्फ एफजी, सिद्दीकी बिन उस्मान उर्फ रफीक उर्फ अबू हमजाला और अब्दुल मजीद उर्फ छोटू सभी हैदराबाद शहर के मूल निवासी है, जो फरार हो गए हैं. वे कई आतंकी मामलों में वांछित थे और आखिरकार पाकिस्तान में बस गए और अब आईएसआई के तत्वावधान में काम कर रहे हैं. उन्होंने पहले युवाओं को भर्ती करने का काम किया और उन्हें कट्टरपंथी बनाया और 2002 में साईबाबा मंदिर दिलसुखनगर के पास एक विस्फोट, घाटकोपर, मुंबई में एक बस विस्फोट और 2005 में टास्क फोर्स कार्यालय, बेगमपेट पर एक आत्मघाती हमले को को अंजाम दिया.
उन्होंने 2004 में सिकंदराबाद के गणेश मंदिर के पास विस्फोट करने का भी प्रयास किया था. पुलिस ने आगे बताया कि अदुल जाहिद ने अपने कबूलनामे में खुलासा किया कि फरहतुल्ला गोरी, अबू हमजाला और मजीद ने उसके साथ अपने संपर्कों को फिर से शुरू किया और उन्होंने जाहिद को हैदराबाद में फिर से आतंकवादी हमले करने और भर्ती करने के लिए प्रेरित किया, साथ ही वित्तीय मदद भी दी. पाकिस्तान में बैठे आकाओं के कहने पर जाहिद ने समीउद्दीन और माज हसन को भर्ती किया.
पुलिस द्वारा की गई तलाशी के दौरान उक्त व्यक्तियों के पास से चार हथगोले बरामद किए गए, जो जाहिद को उसके पाक स्थित आकाओं से मिले थे. वह अपने समूह के सदस्यों के माध्यम से सार्वजनिक समारोहों को निशाना बनाते हुए इन हथगोले फेंकने की योजना बना रहा था, जिससे शहर में आतंक और सांप्रदायिक तनाव पैदा हो जाए.