भोपाल। फर्जी डिग्री बनाने और उन्हें बेचने के मामले में हैदराबाद पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है. राजधानी के आरकेडीएफ ग्रुप के वाइस चांसलर और पूर्व वाइस चांसलर को हैदराबाद पुलिस ने गिरफ्तार किया है. आरोप है कि, इनकी मिलीभगत से आरकेडीएफ (RKDF Group) ग्रुप से डिग्रियों का सौदा किया जाता था. यह डिग्रियां मध्य प्रदेश (madhya pradesh) ही नहीं बल्कि दूसरे राज्यों में भी धड़ल्ले से बेची जा रहीं थीं. (RKDF vice chancellor arrested Hyderabad Police)
3 महीने में बी.टेक की डिग्री: भोपाल पहुंची हैदराबाद की टीम ने सर्व पल्ली राधाकृष्णन विश्वविद्यालय के वर्तमान वाइस चांसलर प्रशांत पिल्लई और पूर्व वाइस चांसलर एसएस कुशवाहा को गिरफ्तार किया है. तेलंगाना पुलिस के एसीपी वेंकटेश्वर ने बताया कि, विश्वविद्यालय के प्रबंधन की मिलीभगत से बीटेक (B.Tech) और दूसरी डिग्रियां बेची जा रही थीं. बीटेक (Bachelor of Technology) की डिग्री डेढ़ लाख रुपए और अन्य डिग्रियों के लिए 75 हजार रुपए में सौदा किया जाता था. सौदा तय होने और पेमेंट मिलने के 3 महीने में यह डिग्रियां बांट दी जाती थी. इन दो गिरफ्तारियों के अलावा इस मामले में और भी लोगों की गिऱफ्तार किया जा सकता है. मामले में पुलिस की जांच अभी जारी है. तेलंगाना पुलिस (Hyderabad Police) के अधिकारियों के मुताबिक इस पूरे मामले की विश्वविद्यालय प्रबंधन को जानकारी थी और उसकी सहमति से यह फर्जीवाड़ा चल रहा था.
फर्जी डिग्री देने वाले गैंग का भंडाफोड़, 60 से ज्यादा फर्जी डिग्री समेत आरोपी गिरफ्तार
पहले भी हुआ था भंडाफोड़: हैदराबाद में एजेंट के माध्यम से मध्य प्रदेश की आरकेडीएफ यूनिवर्सिटी, स्वामी विवेकानंद यूनिवर्सिटी सागर रविंद्र नाथ टैगोर विश्वविद्यालय भोपाल की डिग्रियों के सौदे किए जा रहे थे. हैदराबाद क्राइम ब्रांच पुलिस ने 3 माह पहले सर्व पल्ली राधाकृष्णन विश्वविद्यालय (Sarva Palli Radhakrishnan University) के एक सहायक प्रोफेसर सहित 10 लोगों को गिरफ्तार कर इस फर्जीवाड़े का भंडाफोड़ किया था. इसके बाद जांच में भोपाल के आरकेडीएफ विश्वविद्यालय (RKDF University Bhopal) के सहायक प्राध्यापक का नाम आने पर उसे भी गिरफ्तार कर लिया गया था. प्रारंभिक पूछताछ में प्राध्यापक ने स्वीकार किया था कि, वह गिरोह में एजेंट का काम करता था. अब तक उसने 29 फर्जी डिग्री (fake degree) उपलब्ध करवाई हैं. इसके एवज में उसने रुपये भी लिए, कितने रुपये लिए हैं यह स्पष्ट नहीं हुआ था. मामले की जांच अभी जारी है.