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कोविड के दौरान अस्पताल ने ज्यादा फीस ली, लगा एक लाख 80 हजार रुपये जुर्माना - तेलंगाना अस्पताल जुर्माना

penalty for overcharging : कोविड के दौरान एक दंपति से इलाज के नाम पर ज्यादा फीस वसूलने के आरोप में तेलंगाना के एक हॉस्पिटल पर जुर्माना लगाया गया है. प्रथिमा हॉस्पिटल पर 1.80 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है.

hospital to pay
अस्पताल पर जुर्माना
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 9, 2024, 7:54 PM IST

हैदराबाद: हैदराबाद उपभोक्ता आयोग-1 ने एक दंपत्ति से कोविड-19 के इलाज के लिए निर्धारित राशि से अधिक शुल्क लेने पर काचीगुडा के प्रथिमा हॉस्पिटल पर 1.80 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है.

तेलंगाना के सिद्दीपेट जिले के गजवेल निवासी दंपति, जी. मलैया और सुकन्या ने जिला उपभोक्ता फोरम में अस्पताल के खिलाफ दो शिकायतें दर्ज की थीं. फोरम ने दंपत्ति के पक्ष में आदेश देते हुए अस्पताल को इलाज के लिए निर्धारित दर से अधिक राशि का मुआवजा देने का निर्देश दिया.

दंपति में कोविड-19 लक्षण विकसित होने के बाद आरटीपीसीआर परीक्षण किया गया लेकिन रिपोर्ट निगेटिव थी. 29 जून, 2020 को वे परामर्श के लिए प्रतिमा अस्पताल गए लेकिन अस्पताल ने उन्हें कोविड-19 उपचार के लिए भर्ती कर लिया. हालांकि सरकारी गाइडलाइन ये थी कि बिना लक्षण वाले मरीजों को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं है.

अस्पताल ने मलैया से 4 लाख रुपये और उनकी पत्नी से 2.7 लाख रुपये वसूले. दंपति ने 2021 में उपभोक्ता आयोग में शिकायत दर्ज कराई. जांच पीठ ने सबूतों की जांच की और पाया कि सुकन्या के लिए स्वास्थ्य बीमा के माध्यम से 1,42,689 रुपये कैशलेस उपचार प्राप्त हुए. आयोग ने कहा कि सुकन्या 1,24,825 रुपये के सबूत पेश नहीं कर सकीं, जिसका उन्होंने अस्पताल को नकद भुगतान करने का दावा किया था. फोरम ने यह भी कहा कि मलैया 4,48,794 रुपये के रिफंड के लिए पर्याप्त सबूत पेश नहीं कर सके.

फोरम ने अस्पताल को दंपति को 1.5 लाख रुपये के मुआवजे के साथ-साथ उनके द्वारा किए गए अन्य खर्चों के लिए 30,000 रुपये का भुगतान करने को कहा.

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तेलंगाना के सिद्दीपेट जिले के गजवेल निवासी दंपति, जी. मलैया और सुकन्या ने जिला उपभोक्ता फोरम में अस्पताल के खिलाफ दो शिकायतें दर्ज की थीं. फोरम ने दंपत्ति के पक्ष में आदेश देते हुए अस्पताल को इलाज के लिए निर्धारित दर से अधिक राशि का मुआवजा देने का निर्देश दिया.

दंपति में कोविड-19 लक्षण विकसित होने के बाद आरटीपीसीआर परीक्षण किया गया लेकिन रिपोर्ट निगेटिव थी. 29 जून, 2020 को वे परामर्श के लिए प्रतिमा अस्पताल गए लेकिन अस्पताल ने उन्हें कोविड-19 उपचार के लिए भर्ती कर लिया. हालांकि सरकारी गाइडलाइन ये थी कि बिना लक्षण वाले मरीजों को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं है.

अस्पताल ने मलैया से 4 लाख रुपये और उनकी पत्नी से 2.7 लाख रुपये वसूले. दंपति ने 2021 में उपभोक्ता आयोग में शिकायत दर्ज कराई. जांच पीठ ने सबूतों की जांच की और पाया कि सुकन्या के लिए स्वास्थ्य बीमा के माध्यम से 1,42,689 रुपये कैशलेस उपचार प्राप्त हुए. आयोग ने कहा कि सुकन्या 1,24,825 रुपये के सबूत पेश नहीं कर सकीं, जिसका उन्होंने अस्पताल को नकद भुगतान करने का दावा किया था. फोरम ने यह भी कहा कि मलैया 4,48,794 रुपये के रिफंड के लिए पर्याप्त सबूत पेश नहीं कर सके.

फोरम ने अस्पताल को दंपति को 1.5 लाख रुपये के मुआवजे के साथ-साथ उनके द्वारा किए गए अन्य खर्चों के लिए 30,000 रुपये का भुगतान करने को कहा.

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