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हुजूराबाद उपचुनाव: प्रदर्शनकारियों ने कहा- 'नोट नहीं-तो वोट नहीं' - : Protesters demand money for votes

तेलंगाना की हुजूराबाद विधानसभा सीट को लेकर होने वाला उप चुनाव विवादों में है. अपनी जीत के लिए संबंधित पार्टियां तरह-तरह के हथकंडे अपना रही हैं. चुनाव अभियान खत्म हो चुका है. मतदान 30 अक्टूबर को होना है.

पैसे लेने के लिए प्रदर्शन
पैसे लेने के लिए प्रदर्शन
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Published : Oct 30, 2021, 4:26 AM IST

हुजूराबाद (तेलंगाना) : तेलंगाना की हुजूराबाद विधानसभा सीट पर होने वाला उप चुनाव विवादों में है. जीत के लिए संबंधित पार्टियां तरह-तरह के हथकंडे अपना रही हैं. चुनाव अभियान खत्म हो चुका है, मतदान 30 अक्टूबर को होना है, लेकिन मतदाताओं में नाराजगी है. कुछ लोगों ने साफ कह दिया है कि 'नोट नहीं-तो वोट नहीं.'

दरअसल, दो दिन पहले सोशल मीडिया पर पैसे बांटने का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसके बाद से कुछ लोगों में नाराजगी है कि उन्हें पैसा नहीं मिला. इसे लेकर हुजूराबाद के गांधीनगर में एक पार्षद के घर पर मतदाताओं ने विरोध प्रदर्शन किया. इस विरोध के बारे में पार्षद की पत्नी ने 'ईटीवी भारत' को बताया कि 'कुछ लोगों का कहना है कि 6000 रुपये प्रति वोट केवल कुछ लोगों को दिए गए हैं. सभी को क्यों नहीं दिए गए. इसी बात को लेकर कुछ लोग आए और मुझ पर और मेरे बेटे पर हमला कर दिया. पथराव किया.'

विरोध करने वाली महिला मतदाताओं का कहना था कि 'वे प्रत्येक वोट के लिए छह हजार रुपये दे रही हैं. हमारे घरों में भी मतदाता हैं. फिर हमें पैसा क्यों नहीं दिया गया?' उनका कहना था कि गांवों में एक वोट के लिए 6000 रुपये और शहरों में 10,000 रुपये प्रति वोट दिए गए लेकिन उन्हें अब तक एक भी रुपया नहीं मिला. साथ ही उनका कहना था कि अगर आप पैसे देंगे, तो हम अपना वोट देंगे नहीं तो मतदान नहीं करेंगे. प्रदर्शनकारियों ने एक शख्स से भी पूछताछ की, जो कथित तौर पर पैसे बांट रहा था, लेकिन वह बिना कोई जवाब दिए फरार हो गया.

इस विरोध से पुलिस को नई मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. मौके पर पहुंची पुलिस ने मौके पर पहुंचकर लोगों का गुस्सा शांत किया और प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर किया. कुल मिलाकरबुधवार को पैसे बांटने का वीडियो वायरल होने के बाद अब महिला प्रदर्शनकारियों द्वारा पैसे मांगने का वीडियो राजनीतिक दलों की मुश्किलें बढ़ा रहा है.

कांग्रेस ने फिर चुनाव रद्द करने की मांग की

उधर, कांग्रेस ने निर्वाचन आयोग से शुक्रवार को फिर आग्रह किया कि तेलंगाना की हुजूराबाद विधानसभा सीट पर उप चुनाव को रद्द किया जाए क्योंकि वहां आचार संहिता का घोर उल्लंघन और मतदाताओं को प्रलोभन देने के लिए धनबल का उपयोग किया गया है. कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला, प्रदेश प्रभारी मणिकम टैगोर और कुछ अन्य नेताओं ने चुनाव आयोग पहुंचकर यह मांग रखी.

सुरजेवाला ने संवाददाताओं से कहा, 'भाजपा और टीआरएस के लोग मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए हजारों रुपये दे रहे हैं. कहीं 10 हजार रुपये तो कहीं छह हजार रुपये वाले लिफाफे बांटे जा रहे है. इसका वीडियो भी है. अगर पैसे देकर वोट खरीदा जाएगा तो फिर लोकतंत्र का कोई मतलब नहीं है.'

उन्होंने कहा, 'हमने कल भी आग्रह किया था और आज भी किया है कि इस उप चुनाव को रद्द किया जाए तथा इस पूरे मामले की जांच कराई जाए.' इससे पहले, गुरुवार को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव सीवी चंद रेड्डी और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के नेताओं श्रवण दासोजू एवं एच वेणुगोपाल राव ने निर्वाचन आयोग पहुंचकर अपनी मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा था. उन्होंने आयोग को कुछ वीडियो भी सौंपे हैं जिनमें मतदाताओं को कथित तौर पर पैसे देते हुए दिखाया गया है. कांग्रेस नेताओं ने आयोग से यह शिकायत की थी कि तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) और भाजपा स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव कराने में अवरोध पैदा करे रहे हैं.

पढ़ें- 14 राज्यों में लोकसभा की तीन और विधानसभाओं की 30 सीटों पर उपचुनाव, दिलचस्प मुकाबला

हुजूराबाद (तेलंगाना) : तेलंगाना की हुजूराबाद विधानसभा सीट पर होने वाला उप चुनाव विवादों में है. जीत के लिए संबंधित पार्टियां तरह-तरह के हथकंडे अपना रही हैं. चुनाव अभियान खत्म हो चुका है, मतदान 30 अक्टूबर को होना है, लेकिन मतदाताओं में नाराजगी है. कुछ लोगों ने साफ कह दिया है कि 'नोट नहीं-तो वोट नहीं.'

दरअसल, दो दिन पहले सोशल मीडिया पर पैसे बांटने का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसके बाद से कुछ लोगों में नाराजगी है कि उन्हें पैसा नहीं मिला. इसे लेकर हुजूराबाद के गांधीनगर में एक पार्षद के घर पर मतदाताओं ने विरोध प्रदर्शन किया. इस विरोध के बारे में पार्षद की पत्नी ने 'ईटीवी भारत' को बताया कि 'कुछ लोगों का कहना है कि 6000 रुपये प्रति वोट केवल कुछ लोगों को दिए गए हैं. सभी को क्यों नहीं दिए गए. इसी बात को लेकर कुछ लोग आए और मुझ पर और मेरे बेटे पर हमला कर दिया. पथराव किया.'

विरोध करने वाली महिला मतदाताओं का कहना था कि 'वे प्रत्येक वोट के लिए छह हजार रुपये दे रही हैं. हमारे घरों में भी मतदाता हैं. फिर हमें पैसा क्यों नहीं दिया गया?' उनका कहना था कि गांवों में एक वोट के लिए 6000 रुपये और शहरों में 10,000 रुपये प्रति वोट दिए गए लेकिन उन्हें अब तक एक भी रुपया नहीं मिला. साथ ही उनका कहना था कि अगर आप पैसे देंगे, तो हम अपना वोट देंगे नहीं तो मतदान नहीं करेंगे. प्रदर्शनकारियों ने एक शख्स से भी पूछताछ की, जो कथित तौर पर पैसे बांट रहा था, लेकिन वह बिना कोई जवाब दिए फरार हो गया.

इस विरोध से पुलिस को नई मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. मौके पर पहुंची पुलिस ने मौके पर पहुंचकर लोगों का गुस्सा शांत किया और प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर किया. कुल मिलाकरबुधवार को पैसे बांटने का वीडियो वायरल होने के बाद अब महिला प्रदर्शनकारियों द्वारा पैसे मांगने का वीडियो राजनीतिक दलों की मुश्किलें बढ़ा रहा है.

कांग्रेस ने फिर चुनाव रद्द करने की मांग की

उधर, कांग्रेस ने निर्वाचन आयोग से शुक्रवार को फिर आग्रह किया कि तेलंगाना की हुजूराबाद विधानसभा सीट पर उप चुनाव को रद्द किया जाए क्योंकि वहां आचार संहिता का घोर उल्लंघन और मतदाताओं को प्रलोभन देने के लिए धनबल का उपयोग किया गया है. कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला, प्रदेश प्रभारी मणिकम टैगोर और कुछ अन्य नेताओं ने चुनाव आयोग पहुंचकर यह मांग रखी.

सुरजेवाला ने संवाददाताओं से कहा, 'भाजपा और टीआरएस के लोग मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए हजारों रुपये दे रहे हैं. कहीं 10 हजार रुपये तो कहीं छह हजार रुपये वाले लिफाफे बांटे जा रहे है. इसका वीडियो भी है. अगर पैसे देकर वोट खरीदा जाएगा तो फिर लोकतंत्र का कोई मतलब नहीं है.'

उन्होंने कहा, 'हमने कल भी आग्रह किया था और आज भी किया है कि इस उप चुनाव को रद्द किया जाए तथा इस पूरे मामले की जांच कराई जाए.' इससे पहले, गुरुवार को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव सीवी चंद रेड्डी और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के नेताओं श्रवण दासोजू एवं एच वेणुगोपाल राव ने निर्वाचन आयोग पहुंचकर अपनी मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा था. उन्होंने आयोग को कुछ वीडियो भी सौंपे हैं जिनमें मतदाताओं को कथित तौर पर पैसे देते हुए दिखाया गया है. कांग्रेस नेताओं ने आयोग से यह शिकायत की थी कि तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) और भाजपा स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव कराने में अवरोध पैदा करे रहे हैं.

पढ़ें- 14 राज्यों में लोकसभा की तीन और विधानसभाओं की 30 सीटों पर उपचुनाव, दिलचस्प मुकाबला

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