अलीगढ़ : अबला जीवन हाय तुम्हारी यही कहानी, आंचल में है दूध, आंखों में है पानी. मैथिली शरण गुप्त की यह कविता जिले की एक विशेष समुदाय की महिला पर सटीक बैठती है. महिला को उसके पति ने सिर्फ इसलिए तीन तलाक देकर घर से बाहर निकाल दिया, क्योंकि उसने चार बेटियों को जन्म दिया है. पीड़िता थाना क्वारसी में शिकायत करने पहुंची, लेकिन थाना पुलिस ने कोई मदद नहीं की. इसके बाद पीड़िता मंगलवार को एसएसपी कार्यालय पहुंचकर न्याय के लिए गुहार लगाई है.
दरअसल, थाना क्वारसी क्षेत्र के धौर्रा माफी निवासी इशाक ने 12 वर्ष पहले रहीसन से निकाह किया था. शादी के बाद दंपती की चार बेटियां पैदा हुईं. पुत्र की चाहत पूरी न होने पर ससुराल में रहीसन का उत्पीड़न शुरू हो गया. यही नहीं चार बेटियों के पैदा होने पर ही रहीसन को पति इशाक ने 22 अक्टूबर को यह कहकर तीन तलाक दे दिया कि अब रिश्ता खत्म है. इसके बाद ससुरालीजनों ने भी मारपीट कर रहीसन को घर से निकाल दिया. रहीसन का आरोप है कि जब उसने ससुराल से जाने से इनकार कर दिया तो जान से मारने की धमकी दी गई. पीड़िता रहीसन का आरोप है कि वह शिकायत करने थाना क्वारसी पहुंची, लेकिन कोई मदद नहीं मिली.
इसके बाद रहीसन मंगलवार को एसएसपी कार्यालय पहुंचकर अपने पति और ससुराल वालों के खिलाफ शिकायत की है. रहीसन ने एसएसपी को दिए गए प्रार्थना पत्र में आरोप लगाया है कि उसके पास चार बेटियां है. बेटा पैदा नहीं होने पर उसके पति इशाक ने तीन तलाक दे दिया. रहीसन का कहना है कि मेहनत मजदूरी करके परिवार का पेट भर रही हूं, लेकिन ससुराल पक्ष ने अब घर से निकाल दिया है. थाने में शिकायत करने पर कोई सुनवाई नहीं की गई. वहीं, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने जांच कर कार्रवाई का आश्वासन दिया है.
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