इंदौर। हास्य कलाकार मुनव्वर फारूकी ने 1 जनवरी 2021 को इंदौर के 56 दुकान इलाके में एक कैफे में आयोजित कार्यक्रम में हिंदू देवी-देवताओं पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. इसको लेकर लोगों में काफी रोष फैल गया था. सुप्रीम कोर्ट ने 5 फरवरी 2021 को मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगाते हुए फारूकी को अंतरिम जमानत पर रिहा कर दिया था. हालांकि इससे पहले जमानत देने से इनकार करते हुए मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने तब कहा था कि सद्भाव को बढ़ावा देना संवैधानिक कर्तव्यों में से एक है.
हिंदू देवी-देवताओं पर आपत्तिजनक टिप्पणी : सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया है कि अगर मुनव्वर फारूकी द्वारा कोई याचिका दायर की जाती है तो उसके गुण-दोष के आधार पर कानून के अनुसार उस पर विचार किया जाएगा. बता दें कि इंदौर में मुनव्वर फारूकी द्वारा की गई आपत्तिजनक टिप्पणी के खिलाफ बीजेपी विधायक मालिनी लक्ष्मण सिंह गौड़ के बेटे एकलव्य सिंह गौड़ ने शिकायत दर्ज कराई थी. गौड़ ने अपनी शिकायत में कहा है कि वह और उनके कुछ सहयोगी एक शो देखने गए थे, जहां हिंदू देवी-देवताओं और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बारे में चुटकुले पेश किए गए.
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पुलिस ने किया था गिरफ्तार : इसके बाद फारुकी और अन्य को भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत दंडनीय कथित अपराधों के लिए गिरफ्तार किया गया था, जिसमें धारा 295-ए भी शामिल है, जो किसी भी वर्ग की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के उद्देश्य से जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कृत्यों से संबंधित है. आयोजकों पर बिना अनुमति के COVID-19 महामारी के बीच शो आयोजित करने का भी आरोप लगाया गया था और IPC के अन्य प्रासंगिक प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया था.