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महामारी ने अपनों को किया बेगाना, रोजेदारों ने किया महिला का अंतिम संस्कार

शहर से मानवता की तस्वीर सामने आई है. रमजान में रोजा रखने वाले मुस्लिम युवकों ने कोरोना संक्रमण से मृत जैन महिला का अंतिम संस्कार करने में मदद की. मुस्लिम युवकों ने दाह संस्कार की पूरी व्यवस्था कर मृतका के भाई से अंतिम संस्कार करवाया.

cremated Jain woman
रोजेदारों ने किया महिला का अंतिम संस्कार
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Published : Apr 20, 2021, 9:18 PM IST

झाबुआ: मध्य प्रदेश के झाबुआ शहर के मुस्लिम युवकों ने सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल पेश की है. शहर में कोरोना महामारी से मरने वाले लोगों के परिजन उनका अंतिम संस्कार करने में संकोच कर रहे हैं. शहर में एक जैन महिला की मौत के बाद समाज और परिवार के सदस्यों के अंतिम संस्कार से दूरी बना ली. शहर के मुस्लिम समुदाय के युवकों ने मदद कर भाईचारे का संदेश दिया. बता दें, मुस्लिम युवक रोजे से थे, लेकिन उन्होंने महिला के भाई को मनाकर दाह संस्कार की रस्म को पूरा करने में मदद की.

मुस्लिम युवकों ने जैन महिला का किया दाह संस्कार
  • मुस्लिम युवकों ने पेश की मिसाल

झाबुआ नगर के वार्ड नंबर 4 रोहिदास मार्ग में नवलक्खा लॉज के समीप रहने वाली चंदनबाला काठी 6 दिनों से जिला चिकित्सालय में भर्ती थीं. 6 दिन इलाज के बाद महिला की तबीयत अचानक ज्यादा खराब हो गई और उनकी मौत हो गई. जबकि मौत के दिन महिला की रिर्पोट पॉजिटिव आई थी. कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद कोई भी महिला अंतिम संस्कार नहीं कर रहा था. महिला के दाह संस्कार का बीड़ा मुस्लिम युवकों ने उठाया.

  • रोजे के दौरान की मदद

वार्ड नंबर 4 के पार्षद साबिर फिटवेल ने बताया कि मृतक महिला विधवा थी. महिला का वार्ड और मोहल्ले में सभी से आपसी स्नेह था, जिससे सभी लोग उनका बहुत सम्मान करते थे. कोरोना संक्रमित होने के चलते समाज का कोई भी व्यक्ति महिला के दाह संस्कार में मदद के लिए नहीं आया. जब यह जानकारी स्थानीय मुस्लिम रोजा रखने वालों को मिली तो उन्होंने बिना देर किए महिला के अंतिम संस्कार के लिए व्यवस्था की और मुक्ति धाम पहुंच कर महिला के अंतिम संकार में मदद की.

जिनका कोई नहीं उनका सद्दाम है! 60 कोरोना संक्रमितों का किया शवदाह

  • व्यापारी संघ ने की लकड़ी की व्यवस्था

मुस्लिम युवक कोरोना प्रोटोकाल का पालन करते हुए दिवंगत महिला का शव लेकर स्थानीय मुक्तिधाम पहुंचे. यहां स्थानीय व्यापारी संघ ने दाह संस्कार के लिए लकड़ी की व्यवस्था की. मुस्लिम युवकों ने चिता की लकड़ियां इकट्ठा की और महिला के शव को चिता पर रखा. मुस्लिम युवकों ने महिला के भाई को अग्निदाह के लिए राजी किया और भाई के हाथों बहन का दाह संस्कार कराया. झाबुआ के मुस्लिम युवकों के इस अनुकरण सहयोग की तस्वीरें दिनभर सोशल मीडिया पर सुर्खियां बटोरती रहीं. स्थानीय पार्षद साबिर ने कहा कि यहीं हमारी संस्कृति है, हम इस महामारी को भाईचारे से हरायेगे और इंसानियत को यहां शर्मिदा नहीं होने देंगे.

झाबुआ: मध्य प्रदेश के झाबुआ शहर के मुस्लिम युवकों ने सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल पेश की है. शहर में कोरोना महामारी से मरने वाले लोगों के परिजन उनका अंतिम संस्कार करने में संकोच कर रहे हैं. शहर में एक जैन महिला की मौत के बाद समाज और परिवार के सदस्यों के अंतिम संस्कार से दूरी बना ली. शहर के मुस्लिम समुदाय के युवकों ने मदद कर भाईचारे का संदेश दिया. बता दें, मुस्लिम युवक रोजे से थे, लेकिन उन्होंने महिला के भाई को मनाकर दाह संस्कार की रस्म को पूरा करने में मदद की.

मुस्लिम युवकों ने जैन महिला का किया दाह संस्कार
  • मुस्लिम युवकों ने पेश की मिसाल

झाबुआ नगर के वार्ड नंबर 4 रोहिदास मार्ग में नवलक्खा लॉज के समीप रहने वाली चंदनबाला काठी 6 दिनों से जिला चिकित्सालय में भर्ती थीं. 6 दिन इलाज के बाद महिला की तबीयत अचानक ज्यादा खराब हो गई और उनकी मौत हो गई. जबकि मौत के दिन महिला की रिर्पोट पॉजिटिव आई थी. कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद कोई भी महिला अंतिम संस्कार नहीं कर रहा था. महिला के दाह संस्कार का बीड़ा मुस्लिम युवकों ने उठाया.

  • रोजे के दौरान की मदद

वार्ड नंबर 4 के पार्षद साबिर फिटवेल ने बताया कि मृतक महिला विधवा थी. महिला का वार्ड और मोहल्ले में सभी से आपसी स्नेह था, जिससे सभी लोग उनका बहुत सम्मान करते थे. कोरोना संक्रमित होने के चलते समाज का कोई भी व्यक्ति महिला के दाह संस्कार में मदद के लिए नहीं आया. जब यह जानकारी स्थानीय मुस्लिम रोजा रखने वालों को मिली तो उन्होंने बिना देर किए महिला के अंतिम संस्कार के लिए व्यवस्था की और मुक्ति धाम पहुंच कर महिला के अंतिम संकार में मदद की.

जिनका कोई नहीं उनका सद्दाम है! 60 कोरोना संक्रमितों का किया शवदाह

  • व्यापारी संघ ने की लकड़ी की व्यवस्था

मुस्लिम युवक कोरोना प्रोटोकाल का पालन करते हुए दिवंगत महिला का शव लेकर स्थानीय मुक्तिधाम पहुंचे. यहां स्थानीय व्यापारी संघ ने दाह संस्कार के लिए लकड़ी की व्यवस्था की. मुस्लिम युवकों ने चिता की लकड़ियां इकट्ठा की और महिला के शव को चिता पर रखा. मुस्लिम युवकों ने महिला के भाई को अग्निदाह के लिए राजी किया और भाई के हाथों बहन का दाह संस्कार कराया. झाबुआ के मुस्लिम युवकों के इस अनुकरण सहयोग की तस्वीरें दिनभर सोशल मीडिया पर सुर्खियां बटोरती रहीं. स्थानीय पार्षद साबिर ने कहा कि यहीं हमारी संस्कृति है, हम इस महामारी को भाईचारे से हरायेगे और इंसानियत को यहां शर्मिदा नहीं होने देंगे.

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