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मध्य प्रदेश : स्वास्थ्य मंत्री ने की प्रेस कॉन्फ्रेंस, इंदौर कमिश्नर और IG को मिला नोटिस

इंदौर में बीते दिनों प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की थी. इस कॉन्फ्रेंस में कोरोना प्रोटोकॉल का उल्लंघन हुआ था. इस मामले में मानवाधिकार आयोग ने इंदौर कमिश्नर और पुलिस महानिरीक्षक को नोटिस जारी किया है.

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Published : May 13, 2021, 7:50 PM IST

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इंदौर : शहर में बीते बुधवार को प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी. इस दौरान पत्रकार और मीडिया कर्मियों की भीड़ जमा होने और कोविड प्रोटोकॉल का पालन नहीं होने की घटना पर मध्य प्रदेश मानवाधिकार आयोग ने स्व संज्ञान लिया गया है. इस मामले में आयोग ने इंदौर कमिश्नर और पुलिस महानिरीक्षक से अगले 7 दिवस में नौ बिंदुओं पर प्रतिवेदन मांगा है.

मंत्री की प्रेस कॉन्फ्रेंस में कोविड प्रोटोकॉल का हुआ था उल्लंघन.

आयोग ने नोटिस में इन प्रशनों का मांगा जवाब

  1. किन परिस्थितियों में इतनी अधिक संख्या में मीडियाकर्मी और अन्य व्यक्तियों की उपस्थिति में प्रेस काॅन्फ्रेंस की गई?
  2. क्या कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए कलेक्टर द्वारा पारित प्रतिबंधात्मक आदेश के प्रावधान ऐसे प्रेस काॅन्फ्रेंस के आयोजन पर लागू नहीं होते हैं?
  3. किस प्रशासनिक अधिकारी की स्वीकृति पर ऐसी प्रेस काॅन्फ्रेंस आयोजित की गई?
  4. क्या प्रेस काॅन्फ्रेंस के लिए मीडियाकर्मी और अन्य उपस्थित व्यक्तियों की कोई संख्या सुनिश्चित की गई थी?
  5. क्या ऐसी किसी संख्या से अधिक व्यक्ति प्रेस काॅन्फ्रेंस में शामिल नहीं हो सकें, इसकी कोई व्यवस्था/पर्यवेक्षण की कार्रवाई की गई थी?
  6. ऐसे प्रेस काॅन्फ्रेस के दौरान प्रशासनिक अधिकारियों ने उपस्थित मीडियाकर्मी और अन्य व्यक्तियों के मध्य अपेक्षित सोशल डिस्टेंसिंग सुनिश्चित किए जाने के लिए कोई कार्रवाई क्यों नहीं की?
  7. क्या ऐसी प्रेस काॅन्फ्रेंस आयोजित किए बिना वांछित बिन्दुओं पर प्रेस विज्ञप्ति जारी किया जाना संभव नहीं था ?
  8. प्रेस काॅन्फ्रेंस में कलेक्टर के प्रतिबंधात्मक आदेश, कोविड प्रोटोकॉल के उपरोक्त उल्लंघन की परिस्थितियों को देखते हुए इस संबंध में क्या किसी व्यक्ति के खिलाफ कोई कार्रवाई की गई? यदि नहीं की गई है, तो क्यों नहीं की गई?
  9. कोरोना संक्रमण की वर्तमान परिस्थितियों में भीड़युक्त ऐसी प्रेस काॅन्फ्रेंस के स्थान पर वीडियो कॉन्फ्रेसिंग या अन्य डिजीटल माध्यम से प्रेस काॅन्फ्रेंस या उसके विकल्प में केवल महत्वूर्ण बिंदुओं की जानकारी देते हुए केवल प्रेस विज्ञप्ति जारी किए जाने की संभावना पर भी स्पष्ट प्रतिवेदन प्रेषित किया जाए.

पढ़ेंः गंगा में लाश मामला : मानवाधिकार आयोग ने केंद्र, उत्तर प्रदेश और बिहार को नोटिस जारी किया

इंदौर : शहर में बीते बुधवार को प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी. इस दौरान पत्रकार और मीडिया कर्मियों की भीड़ जमा होने और कोविड प्रोटोकॉल का पालन नहीं होने की घटना पर मध्य प्रदेश मानवाधिकार आयोग ने स्व संज्ञान लिया गया है. इस मामले में आयोग ने इंदौर कमिश्नर और पुलिस महानिरीक्षक से अगले 7 दिवस में नौ बिंदुओं पर प्रतिवेदन मांगा है.

मंत्री की प्रेस कॉन्फ्रेंस में कोविड प्रोटोकॉल का हुआ था उल्लंघन.

आयोग ने नोटिस में इन प्रशनों का मांगा जवाब

  1. किन परिस्थितियों में इतनी अधिक संख्या में मीडियाकर्मी और अन्य व्यक्तियों की उपस्थिति में प्रेस काॅन्फ्रेंस की गई?
  2. क्या कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए कलेक्टर द्वारा पारित प्रतिबंधात्मक आदेश के प्रावधान ऐसे प्रेस काॅन्फ्रेंस के आयोजन पर लागू नहीं होते हैं?
  3. किस प्रशासनिक अधिकारी की स्वीकृति पर ऐसी प्रेस काॅन्फ्रेंस आयोजित की गई?
  4. क्या प्रेस काॅन्फ्रेंस के लिए मीडियाकर्मी और अन्य उपस्थित व्यक्तियों की कोई संख्या सुनिश्चित की गई थी?
  5. क्या ऐसी किसी संख्या से अधिक व्यक्ति प्रेस काॅन्फ्रेंस में शामिल नहीं हो सकें, इसकी कोई व्यवस्था/पर्यवेक्षण की कार्रवाई की गई थी?
  6. ऐसे प्रेस काॅन्फ्रेस के दौरान प्रशासनिक अधिकारियों ने उपस्थित मीडियाकर्मी और अन्य व्यक्तियों के मध्य अपेक्षित सोशल डिस्टेंसिंग सुनिश्चित किए जाने के लिए कोई कार्रवाई क्यों नहीं की?
  7. क्या ऐसी प्रेस काॅन्फ्रेंस आयोजित किए बिना वांछित बिन्दुओं पर प्रेस विज्ञप्ति जारी किया जाना संभव नहीं था ?
  8. प्रेस काॅन्फ्रेंस में कलेक्टर के प्रतिबंधात्मक आदेश, कोविड प्रोटोकॉल के उपरोक्त उल्लंघन की परिस्थितियों को देखते हुए इस संबंध में क्या किसी व्यक्ति के खिलाफ कोई कार्रवाई की गई? यदि नहीं की गई है, तो क्यों नहीं की गई?
  9. कोरोना संक्रमण की वर्तमान परिस्थितियों में भीड़युक्त ऐसी प्रेस काॅन्फ्रेंस के स्थान पर वीडियो कॉन्फ्रेसिंग या अन्य डिजीटल माध्यम से प्रेस काॅन्फ्रेंस या उसके विकल्प में केवल महत्वूर्ण बिंदुओं की जानकारी देते हुए केवल प्रेस विज्ञप्ति जारी किए जाने की संभावना पर भी स्पष्ट प्रतिवेदन प्रेषित किया जाए.

पढ़ेंः गंगा में लाश मामला : मानवाधिकार आयोग ने केंद्र, उत्तर प्रदेश और बिहार को नोटिस जारी किया

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