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Howrah court life imprisonment BSF jawan: नाबालिग से गैंगरेप के मामले में बीएसएफ के दो जवानों को उम्रकैद की सजा - बीएसएफ के दो जवानों उम्रकैद की सजा

पश्चिम बंगाल के हावड़ा की अदालत ने नाबालिग से गैंगरेप के मामले में बीएसएफ के दो जवानों को उम्रकैद की सजा सुनायी है.

Etv BharatHowrah court orders life imprisonment to 2 BSF jawans for raping minor eight years ago
Etv Bharatगैंगरेप के मामले में बीएसएफ के दो जवानों को हावड़ा अदालत की उम्रकैद की सजा
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Published : Feb 28, 2023, 7:56 AM IST

हावड़ा: हावड़ा की एक अदालत ने एक नाबालिग से सामूहिक बलात्कार के मामले में एक सेना अधिकारी और बीएसएफ के दो जवानों के खिलाफ सजा सुनाई है. यह घटना आठ साल पहले हुई थी. सुरक्षा बलों के तीन आरोपियों को पॉक्सो ( POCSO) अधिनियम के तहत दोषी पाया गया. हावड़ा अदालत के न्यायाधीश सौरव भट्टाचार्य ने सोमवार को सबूतों के आधार पर दोषियों के खिलाफ आजीवन कारावास की सजा सुनायी और एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया.

इसके अलावा एक अन्य सेना के जवान को दोषी ठहराते हुए 10 साल कठोर कारावास की सजा सुनाई. साथ ही एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया. इन दो मामलों में अगर जुर्माना का भुगतान नहीं किया जाता है, तो न्यायाधीश ने क्रमशः 2 और 1 साल के कठोर कारावास की सजा का आदेश दिया है. वारदात को अंजाम 27 दिसंबर, 2015 को दिया गया था. उस समस पीड़िता 13 साल की थी.

मामले के अनुसार घटना के दिन पीड़िता अमृतसर मेल टिकट खरीदने के बाद हावड़ा स्टेशन से ट्रेन से अमृतसर जाने के लिए निकली. नासमझ होने की वजह से वह सेना के डिब्बे में चली गई. उसके बाद की यह घटना हुई. बीएसएफ के दो जवानों और एक सेना अधिकारी ने शराब के नशे में गैंगरेप किया. पीड़िता बेहोश गई. उस समय 6 बार उसके साथ बलात्कार किया गया था.

ये भी पढ़ें- Political Violence In West Bengal : पश्चिम बंगाल में भाजपा कार्यकर्ताओं के घरों में तोड़फोड़

इस बीच हावड़ा से मधुपुरा जीआरपी तक इस घटना की खबर फैल गई. मधुपुरा स्टेशन के जीआरपी ने नाबालिग को बचाया. एक सेना जवान को गिरफ्तार किया गया. शेष दो भाग गए लेकिन कुछ दिनों के भीतर गिरफ्तार किए गए. पीड़िता की मेडिकल जांच कराई गई. इसमें गैंगरेप की पुष्टि हुई. 18 व्यक्तियों की गवाही कराई गई. एक अदालत ने पॉक्सो अधिनियम की धारा 6 के तहत दो बीएसएफ जवानों बाल्कराम यादव और संतोष कुमार को दोषी ठहराया और उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई. एक अन्य सेना जवान मंजरी त्रिपाठी को 10 साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई गई.

हावड़ा: हावड़ा की एक अदालत ने एक नाबालिग से सामूहिक बलात्कार के मामले में एक सेना अधिकारी और बीएसएफ के दो जवानों के खिलाफ सजा सुनाई है. यह घटना आठ साल पहले हुई थी. सुरक्षा बलों के तीन आरोपियों को पॉक्सो ( POCSO) अधिनियम के तहत दोषी पाया गया. हावड़ा अदालत के न्यायाधीश सौरव भट्टाचार्य ने सोमवार को सबूतों के आधार पर दोषियों के खिलाफ आजीवन कारावास की सजा सुनायी और एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया.

इसके अलावा एक अन्य सेना के जवान को दोषी ठहराते हुए 10 साल कठोर कारावास की सजा सुनाई. साथ ही एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया. इन दो मामलों में अगर जुर्माना का भुगतान नहीं किया जाता है, तो न्यायाधीश ने क्रमशः 2 और 1 साल के कठोर कारावास की सजा का आदेश दिया है. वारदात को अंजाम 27 दिसंबर, 2015 को दिया गया था. उस समस पीड़िता 13 साल की थी.

मामले के अनुसार घटना के दिन पीड़िता अमृतसर मेल टिकट खरीदने के बाद हावड़ा स्टेशन से ट्रेन से अमृतसर जाने के लिए निकली. नासमझ होने की वजह से वह सेना के डिब्बे में चली गई. उसके बाद की यह घटना हुई. बीएसएफ के दो जवानों और एक सेना अधिकारी ने शराब के नशे में गैंगरेप किया. पीड़िता बेहोश गई. उस समय 6 बार उसके साथ बलात्कार किया गया था.

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इस बीच हावड़ा से मधुपुरा जीआरपी तक इस घटना की खबर फैल गई. मधुपुरा स्टेशन के जीआरपी ने नाबालिग को बचाया. एक सेना जवान को गिरफ्तार किया गया. शेष दो भाग गए लेकिन कुछ दिनों के भीतर गिरफ्तार किए गए. पीड़िता की मेडिकल जांच कराई गई. इसमें गैंगरेप की पुष्टि हुई. 18 व्यक्तियों की गवाही कराई गई. एक अदालत ने पॉक्सो अधिनियम की धारा 6 के तहत दो बीएसएफ जवानों बाल्कराम यादव और संतोष कुमार को दोषी ठहराया और उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई. एक अन्य सेना जवान मंजरी त्रिपाठी को 10 साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई गई.

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