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होटल मालिक-कर्मचारी ने हाथ से खिलाया दिव्यांग को खाना, खूब हो रही चर्चा

बेंगलुरु में एक होटल में काम करने वाला कर्मचारी मानवता की मिसाल पेश कर लोगों के दिलों में अपनी जगह बना रहा है. जहां होटल मालिक गरीब, दिव्यांग और जरूरतमंदों को निशुल्क भोजन मुहैया करा रहा है, वहीं होटल का ही एक कर्मचारी रोजाना भोजन करने आ रहे दिव्यांग और जरूरतमंदों को अपने हाथों से खाना खिलाता है.

दिव्यांग को खाना खिलाया
दिव्यांग को खाना खिलाया
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Published : Jan 25, 2021, 3:39 PM IST

बेंगलुरु : बेंगलुरु के एक होटल के कर्मचारी ने मानवता की एक ऐसी मिसाल पेश की, जिसे देख हर कोई उसका कायल हो गया है. दरअसल, 'लेई अरब' होटल का कर्मचारी इस्लाम हर दिन एक दिव्यांग को अपने हाथों से खिलाता है.

'लेई अरब' होटल का कर्मचारी इस्लाम मानवता की मिसाल पेश कर लोगों के दिलों में अपनी जगह बना रहा है. इस्लाम का मानना है कि मानवता को जाति, धर्म, भाषा, सीमाओं, रंग की आवश्यकता नहीं होती है, सिर्फ थोड़े अपनेपन की जरूरत होती है.

होटल मालिक-कर्मचारी ने पेश की मानवता की मिसाल

बता दें कि शिवप्पा रोजाना अपने समय पर होटल के बाहर आ जाता है, जहां पहले से उसकी राह ताक रहा इस्लाम उसे अपनों हाथों से खाना खिलाता है. इस्लाम के इस मदद में होटल मालिक भी उसका पूरा समर्थन करता है.

पढ़ें : दुनिया की यंगेस्ट कैलीग्राफी कोच है जयपुर की यह बिटिया

वैसे तो शिवप्पा दिव्यांग हैं, लेकिन इस्लाम जैसा दोस्त पाकर वे काफी खुश हैं. बता दें कि केवल शिवप्पा ही नहीं, बल्कि होटल में आने वाले किसी भी गरीब, दिव्यांग या जरूरतमंद के लिए इस्लाम हमेशा तत्पर रहते हैं. इस्लाम जो भोजन जरूरतमंदों को खिलाते हैं, होटल का मालिक वह भोजन निशुल्क मुहैया करवाता है.

बेंगलुरु : बेंगलुरु के एक होटल के कर्मचारी ने मानवता की एक ऐसी मिसाल पेश की, जिसे देख हर कोई उसका कायल हो गया है. दरअसल, 'लेई अरब' होटल का कर्मचारी इस्लाम हर दिन एक दिव्यांग को अपने हाथों से खिलाता है.

'लेई अरब' होटल का कर्मचारी इस्लाम मानवता की मिसाल पेश कर लोगों के दिलों में अपनी जगह बना रहा है. इस्लाम का मानना है कि मानवता को जाति, धर्म, भाषा, सीमाओं, रंग की आवश्यकता नहीं होती है, सिर्फ थोड़े अपनेपन की जरूरत होती है.

होटल मालिक-कर्मचारी ने पेश की मानवता की मिसाल

बता दें कि शिवप्पा रोजाना अपने समय पर होटल के बाहर आ जाता है, जहां पहले से उसकी राह ताक रहा इस्लाम उसे अपनों हाथों से खाना खिलाता है. इस्लाम के इस मदद में होटल मालिक भी उसका पूरा समर्थन करता है.

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वैसे तो शिवप्पा दिव्यांग हैं, लेकिन इस्लाम जैसा दोस्त पाकर वे काफी खुश हैं. बता दें कि केवल शिवप्पा ही नहीं, बल्कि होटल में आने वाले किसी भी गरीब, दिव्यांग या जरूरतमंद के लिए इस्लाम हमेशा तत्पर रहते हैं. इस्लाम जो भोजन जरूरतमंदों को खिलाते हैं, होटल का मालिक वह भोजन निशुल्क मुहैया करवाता है.

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