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हनीटैप मामले में चार पुलिसकर्मी हुए बर्खास्त

मध्य प्रदेश के हनीटैप मामले में चार पुलिसकर्मियों पर ब्लैकमेलिंग का आरोप लगा था, जो आरोपी सुनीता ठाकुर से मिलकर सरकारी कर्मचारियों को अपना शिकार बनाते थे,जांच के बाद चारों पुलिसकर्मियों को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है.

हनीटैप मामला
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Published : Aug 11, 2021, 10:56 PM IST

होशंगाबाद : हाई प्रोफाइल हनीटैप मामले में चार पुलिसकर्मियों पर ब्लैकमेलिंग का आरोप लगा था, जिनके खिलाफ होशंगाबाद कोतवाली में अड़ीबाजी और अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया गया था.

इस मामले में चारो पुलिसकर्मी एसआई जय नलवाया, आरक्षक मनोज वर्मा, महिला आरक्षक, ज्योति मांझी, ताराचंद्र जाटव पर FIR दर्ज की गई है. हनीट्रैप मामले में फंसी सुनीता ठाकुर के साथ मिलकर मामले को अंजाम देते थे, जिसकी शिकायत कोतवाली थाने से लेकर उच्च स्तर तक की गई थी, जिसके बाद पुलिस ने मामले को संज्ञान में लेकर जांच के बाद चारों आरोपी पुलिसकर्मियों को बर्खास्त कर दिया गया था. आरोप सिद्ध होने पर मामले में चारो पुलिसकर्मियों पर मामला दर्ज कर लिया गया है.

क्या था पूरा मामला ?

पुलिस वालों के साथ लोगों को ब्लैकमेल करने वाली आरोपी सुनीता ठाकुर पहले ही एक अन्य मामले में जेल में थी. सुनीता ठाकुर कई संगीन मामलों में लिप्त थी.आरोपी ने कोर्ट में जमानत याचिका दायर की थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया है. पुलिस अधिकारियों के अनुसार बर्खास्त पुलिसकर्मियों पर एफआईआर जांच के बाद की जा सकती है. एक युवक को ब्लैकमेल करने के आरोप में सुनीता ठाकुर को पुलिस ने जांच के लिए बुलाया था. इसके बाद आरोपी महिला सुनीता ठाकुर ने पुलिस को एक आवेदन दिया था. जिसमें यह आरोप लगाया था कि मेरे द्वारा पुलिस को दिए जाने वाले आवेदन पर एसआई, आरक्षक सहित अन्य पुलिसकर्मी लोगों को ब्लैकमेल करते थे. इस आरोप के बाद पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने जांच के निर्देश दिए थे.

जांच में कई पुलिसकर्मियों के नाम

पूरे मामले में ब्लैकमेलिंग करने वाली महिला के साथ कई पुलिसकर्मियों के गठजोड़ की बात सामने आ रही है. पूछताछ में आरोपी महिला ने वरिष्ठ अधिकारियों को एसआई, एएसआई, आरक्षक, प्रधान आरक्षक के नाम बताए थे. जांच में एक पूर्व महिला एसआई और एक आरक्षक का नाम पूरे मामले में शामिल होने की बात भी कही जा रही है, जिसका खुलासा जल्द ही वरिष्ठ अधिकारी कर सकते हैं.

गैंग रेप में कई शिक्षक हुए शिकार

आरोपी महिला सुनीता ठाकुर ने कई सरकारी कर्मचारियों को भी अपना निशाना बनाया था. मामले के उजागर होने के बाद कर्मचारी, वनकर्मी, शिक्षक ने भी सामने आकर महिला के खिलाफ कार्रवाई करने का आवेदन दिया है. एक शासकीय कर्मचारी ने बताया कि एक सरपंच के भाई के जरिए सुनीता ठाकुर से बात हुई थी. इसके बाद उसने ब्लैकमेल कर ₹40 हजार लेकर और कुछ दिन बाद फिर ₹80 हजार मांग की. इस तरह सुनीता ठाकुर और पुलिसकर्मियों के ब्लैकमेलिंग का शिकार कई लोग हुए, अब वरिष्ठ पुलिस अधिकारी उनकी तलाश कर ब्लैकमेल हुए लोगों की सूची तैयार कर रहे हैं.

ब्लैकमेलिंग के शिकार 9 आवेदन मिले

पुलिस अधिकारियों के अनुसार, आरोपी महिला और पुलिस की ब्लैकमेलिंग के शिकार 9 लोगों ने आवेदन दिए थे. इसमें से 6 लोगों ने अपने बयान वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के सामने दर्ज कराएं हैं. 3 लोगों ने अपने बयान दर्ज कराने से इनकार कर दिया. पुलिस अधिकारियों ने आवेदन की जांच, आवेदकों के कथन, आरोपियों के कथन के बाद 3 दिन पहले ही पुलिस अधीक्षक को मामले की रिपोर्ट सौंप दी थी. इसके आधार पर ही एसपी ने मंगलवार को बर्खास्तगी की कार्रवाई की है.

अड़ीबाजी की धाराओं में ममाला दर्ज

पूर्व में आवेदकों के आवेदनों की जांच के दौरान जो पुलिसकर्मी शामिल थे, उसके बाद सेवा से पृथक किए जा चुका था. साथ ही विभागीय जांच के दौरान विधिक राय ली गई, जिसके बाद थाना कोतवाली में अड़ी बाजी की धाराओं में मामला दर्ज किया गया है.

इसे भी पढ़े-बच्ची से बलात्कार, आरोपी काे हिरासत में लिया

होशंगाबाद : हाई प्रोफाइल हनीटैप मामले में चार पुलिसकर्मियों पर ब्लैकमेलिंग का आरोप लगा था, जिनके खिलाफ होशंगाबाद कोतवाली में अड़ीबाजी और अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया गया था.

इस मामले में चारो पुलिसकर्मी एसआई जय नलवाया, आरक्षक मनोज वर्मा, महिला आरक्षक, ज्योति मांझी, ताराचंद्र जाटव पर FIR दर्ज की गई है. हनीट्रैप मामले में फंसी सुनीता ठाकुर के साथ मिलकर मामले को अंजाम देते थे, जिसकी शिकायत कोतवाली थाने से लेकर उच्च स्तर तक की गई थी, जिसके बाद पुलिस ने मामले को संज्ञान में लेकर जांच के बाद चारों आरोपी पुलिसकर्मियों को बर्खास्त कर दिया गया था. आरोप सिद्ध होने पर मामले में चारो पुलिसकर्मियों पर मामला दर्ज कर लिया गया है.

क्या था पूरा मामला ?

पुलिस वालों के साथ लोगों को ब्लैकमेल करने वाली आरोपी सुनीता ठाकुर पहले ही एक अन्य मामले में जेल में थी. सुनीता ठाकुर कई संगीन मामलों में लिप्त थी.आरोपी ने कोर्ट में जमानत याचिका दायर की थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया है. पुलिस अधिकारियों के अनुसार बर्खास्त पुलिसकर्मियों पर एफआईआर जांच के बाद की जा सकती है. एक युवक को ब्लैकमेल करने के आरोप में सुनीता ठाकुर को पुलिस ने जांच के लिए बुलाया था. इसके बाद आरोपी महिला सुनीता ठाकुर ने पुलिस को एक आवेदन दिया था. जिसमें यह आरोप लगाया था कि मेरे द्वारा पुलिस को दिए जाने वाले आवेदन पर एसआई, आरक्षक सहित अन्य पुलिसकर्मी लोगों को ब्लैकमेल करते थे. इस आरोप के बाद पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने जांच के निर्देश दिए थे.

जांच में कई पुलिसकर्मियों के नाम

पूरे मामले में ब्लैकमेलिंग करने वाली महिला के साथ कई पुलिसकर्मियों के गठजोड़ की बात सामने आ रही है. पूछताछ में आरोपी महिला ने वरिष्ठ अधिकारियों को एसआई, एएसआई, आरक्षक, प्रधान आरक्षक के नाम बताए थे. जांच में एक पूर्व महिला एसआई और एक आरक्षक का नाम पूरे मामले में शामिल होने की बात भी कही जा रही है, जिसका खुलासा जल्द ही वरिष्ठ अधिकारी कर सकते हैं.

गैंग रेप में कई शिक्षक हुए शिकार

आरोपी महिला सुनीता ठाकुर ने कई सरकारी कर्मचारियों को भी अपना निशाना बनाया था. मामले के उजागर होने के बाद कर्मचारी, वनकर्मी, शिक्षक ने भी सामने आकर महिला के खिलाफ कार्रवाई करने का आवेदन दिया है. एक शासकीय कर्मचारी ने बताया कि एक सरपंच के भाई के जरिए सुनीता ठाकुर से बात हुई थी. इसके बाद उसने ब्लैकमेल कर ₹40 हजार लेकर और कुछ दिन बाद फिर ₹80 हजार मांग की. इस तरह सुनीता ठाकुर और पुलिसकर्मियों के ब्लैकमेलिंग का शिकार कई लोग हुए, अब वरिष्ठ पुलिस अधिकारी उनकी तलाश कर ब्लैकमेल हुए लोगों की सूची तैयार कर रहे हैं.

ब्लैकमेलिंग के शिकार 9 आवेदन मिले

पुलिस अधिकारियों के अनुसार, आरोपी महिला और पुलिस की ब्लैकमेलिंग के शिकार 9 लोगों ने आवेदन दिए थे. इसमें से 6 लोगों ने अपने बयान वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के सामने दर्ज कराएं हैं. 3 लोगों ने अपने बयान दर्ज कराने से इनकार कर दिया. पुलिस अधिकारियों ने आवेदन की जांच, आवेदकों के कथन, आरोपियों के कथन के बाद 3 दिन पहले ही पुलिस अधीक्षक को मामले की रिपोर्ट सौंप दी थी. इसके आधार पर ही एसपी ने मंगलवार को बर्खास्तगी की कार्रवाई की है.

अड़ीबाजी की धाराओं में ममाला दर्ज

पूर्व में आवेदकों के आवेदनों की जांच के दौरान जो पुलिसकर्मी शामिल थे, उसके बाद सेवा से पृथक किए जा चुका था. साथ ही विभागीय जांच के दौरान विधिक राय ली गई, जिसके बाद थाना कोतवाली में अड़ी बाजी की धाराओं में मामला दर्ज किया गया है.

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