नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्रालय (Union Home Ministry) का वार रूम तूफान बिपरजॉय पर कड़ी नजर रख रहा है. यहां पर तैनात नामित अधिकारी गुजरात और महाराष्ट्र के अधिकारियों के निकट संपर्क में हैं. इस संबंध में गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ईटीवी भारत को बताया कि हम बिपरजॉय के लैंडफॉल पर कड़ी नजर रख रहे हैं, जिसके जल्द ही किसी भी समय आने की संभावना है. गृह मंत्री अमित शाह के निर्देश के बाद गृह मंत्रालय के प्रथम तल पर वार रूम स्थापित किया गया है. वॉर रूम का नेतृत्व अपर सचिव स्तर का अधिकारी कर रहा है. इस बीच, नई दिल्ली में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) मुख्यालय के शीर्ष अधिकारी भी बिपरजॉय के संबंध में स्थिति पर नजर रख रहे हैं.
गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा को भी शाह ने निगरानी प्रक्रिया में शामिल होने का जिम्मा सौंपा गया है. एनडीआरएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि मंत्री अजय कुमार मिश्रा, एनडीआरएफ के महानिदेशक अतुल करवाल अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ गुजरात में स्थिति की निगरानी कर रहे हैं. बता दें कि इससे पहले एनडीआरएफ के महानिदेशक करवाल ने कहा था कि बचाव और राहत कार्यों के लिए एनडीआरएफ की 18 और एसडीआरएफ की 12 टीमों को तैनात किया गया है.
करवाल ने कहा कि एनडीआरएफ की कुछ रिजर्व टीमें उत्तर, पूर्व और दक्षिण में 15 से अधिक स्थानों पर हैं, जहां से उन्हें घटनास्थल पर पहुंचा जा सकता है. उन्होंने कहा कि एनडीआरएफ की 18 टीमें ज्यादातर गुजरात में तैनात हैं, जहां चक्रवाती तूफान का सबसे अधिक असर होने की भविष्यवाणी की गई है. चूंकि बिपरजॉय का लैंडफॉल अब शाम करीब 6 से 8 बजे होने की संभावना है, अधिकारियों ने आपदा को कम करने के लिए सभी आवश्यक व्यवस्था की है. इस बीच रेलवे बोर्ड ने वास्तविक स्थिति पर नजर रखने के लिए वॉर रूम भी स्थापित किया है.
रेल मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि द्वारका, वेरावल, अहमदाबाद, भुज, भावनगर, जामनगर, पोरबंदर, राजकोट, मुंबई आदि सहित गंभीर रूप से प्रभावित होने वाले कुछ स्थानों के साथ साइट मॉनिटरिंग स्क्रीन को जोड़ा गया है. अधिकारी ने कहा कि बिपरजॉय से प्रभावित इलाकों में रेलवे संपत्तियों को कम से कम नुकसान हो यह सुनिश्चित करने के लिए रेल मंत्रालय ने अपनी पूरी मशीनरी को तैयार कर रखा है. प्रभावित रेलवे जोन अर्थात् पश्चिमी और उत्तर पश्चिमी रेलवे जोन ने चुनौती को प्रभावी ढंग से संभालने के लिए जोनल स्तर के साथ-साथ डिवीजन स्तर पर आपातकालीन नियंत्रण कक्ष सक्रिय कर दिए हैं. अधिकारी ने कहा कि इन क्षेत्रों के महाप्रबंधक व्यक्तिगत रूप से सभी व्यवस्थाओं की निगरानी और पर्यवेक्षण कर रहे हैं. 26 स्टेशनों पर पहले से उपलब्ध 958 आरपीएफ कर्मियों के अलावा, रेलवे सुरक्षा बल (RPF) की आठ कंपनियों में 612 कर्मचारी शामिल हैं, जिन्हें सेक्शनों में संवेदनशील स्थानों पर भेजा गया है.