नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्रालय (एमएचए) ने शुक्रवार को सात साल के अंतराल के बाद नई दिल्ली में यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (उल्फा) के वार्ता समर्थक गुट के साथ बातचीत फिर से शुरू की. उल्फा नेता अनुप चेतिया ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि हमने अपनी बातचीत फिर से शुरू कर दी है. हमें असम में स्थायी शांति लाने के लिए शीघ्र समाधान मिलने की उम्मीद है.
चेतिया ने कहा कि शुक्रवार को हुई बातचीत में गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया. अरबिंद राजखोवा के नेतृत्व में उल्फा के वार्ता समर्थक गुट ने दिल्ली में गृह मंत्रालय और खुफिया ब्यूरो (आईबी) के वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की. वर्तमान में दिल्ली में वार्ता समर्थक समूहों में ससाधर चौधरी और राजू बरुआ भी शामिल हैं. सरकार के सूत्रों ने बताया कि बातचीत सुबह 11 बजे शुरू हुई और कुछ घंटों तक चली.
गुरुवार को दिल्ली आए मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा को वार्ता प्रक्रिया में हिस्सा लेना था. सूत्रों के मुताबिक, सरमा के साथ-साथ गृह मंत्री अमित शाह के शनिवार को विचार-विमर्श में भाग लेने की संभावना है. संगठन के नेतृत्व और सरकार के बीच बातचीत असम के मूल लोगों के लिए राजनीतिक सुरक्षा उपायों पर केंद्रित थी. केंद्र ने अप्रैल में वार्ता समर्थक गुट को एक मसौदा समझौते भेजा था.
संगठन के नेताओं ने 2011 में हिंसा छोड़ दी और बिना किसी पूर्व शर्त के बातचीत के लिए बैठने पर सहमत हुए. फरवरी, 2016 में राजखोवा और चेतिया के नेतृत्व में उल्फा प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार से वार्ता फिर से शुरू होने से पहले नई दिल्ली में गृह मंत्रालय के अधिकारियों से मुलाकात की. गुवाहाटी में स्वतंत्रता दिवस पर अपने भाषण के दौरान सीएम सरमा ने कहा है कि 2024 के आम चुनाव से पहले उल्फा मुद्दे का संभावित समाधान होने की उम्मीद है.