बीदर/रायचूर: केंद्रीय गृह मंत्री ने अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की 2बी श्रेणी के तहत मुस्लिम समुदाय को मिले चार प्रतिशत आरक्षण को कर्नाटक सरकार द्वारा खत्म किए जाने के फैसले का बचाव करते हुए रविवार को कहा कि धार्मिक आधार पर कोटा संवैधानिक रूप से वैध नहीं है.
बीदर के गोरता गांव और रायचूर के गब्बूर में आयोजित जनसभाओं को संबोधित करते हुए शाह ने कथित ‘वोट बैंक की राजनीति के लिये मुस्लिमों को चार प्रतिशत आरक्षण देने का प्रावधान करने के लिए कांग्रेस को आड़े हाथों लिया.
केंद्रीय मंत्री ने मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार द्वारा नयी आंतरिक आरक्षण व्यवस्था लागू करने के फैसला को रेखांकित करते हुए कहा कि अनुसूचित जातियों के साथ अन्याय को दूर करने की कोशिश की गई है.
गौरतलब है कि ओबीसी आरक्षण में 2बी श्रेणी केवल मुस्लिमों के लिए थी जिसे भाजपा सरकार ने समाप्त करते हुए कहा कि यह संवैधानिक रूप से वैध नहीं है. सरकार ने 2बी के तहत पूर्व में मुस्लिमों को दिए गए चार प्रतिशत आरक्षण को राज्य में प्रभावशाली वोक्कालिगा और वीरशैवा लिंगायत को क्रमश: 2सी और 2डी श्रेणी के तहत दो-दो प्रतिशत बांट दी.
सरकार के फैसले के बाद 2बी श्रेणी समाप्त हो गई और वोक्कालिगा का आरक्षण चार प्रतिशत से बढ़कर छह प्रतिशत और लिंगायत समुदाय का आरक्षण पांच प्रतिशत से बढ़कर सात प्रतिशत हो गया.
राज्य सरकार के फैसले का मजबूती से बचाव करते हुए शाह ने कहा, ‘‘भाजपा कभी तुष्टिकरण में विश्वास नहीं करती. इसलिए उसने आरक्षण व्यवस्था में बदलाव का फैसला किया.
उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा ने अल्पसंख्यकों को दिया गया चार प्रतिशत आरक्षण समाप्त कर दो प्रतिशत आरक्षण वोक्कालिगा और दो प्रतिशत आरक्षण लिंगायत को दिया.
शाह ने कहा, ‘‘अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षण संवैधानिक तौर पर वैध नहीं है. संविधान में धर्म के आधार पर आरक्षण की कोई व्यवस्था नहीं है. कांग्रेस सरकार ने इसे अपनी तुष्टिकरण की राजनीति के तहत किया और अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षण की व्यवस्था की.
इससे पहले गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को कर्नाटक में बीदर जिले के गोरता गांव में गोरता शहीद स्मारक और सरदार पटेल स्मारक का उद्घाटन किया. स्मारक के उद्घाटन के बाद अमित शाह ने कहा कि 'इस गोरता गांव में महज ढाई फुट ऊंचे तिरंगे को फहराने के लिए क्रूर निजाम की सेना ने सैकड़ों लोगों को मौत के घाट उतार दिया. आज मैं गर्व से कहता हूं कि उसी धरती पर हमने 103 फुट ऊंचा तिरंगा फहराया है, जो किसी से छुपा नहीं रह सकता.
अमित शाह ने आगे कहा ''इसी भूमि पर उन अमर शहीदों का स्मारक बनाया गया है. सरदार पटेल की यह 20 फुट ऊंची प्रतिमा हैदराबाद से निजाम को बाहर निकालने में हमारे पहले गृह मंत्री द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका का प्रतीक है. इसलिए यह क्षेत्र, यह बीदर भारत का हिस्सा बन सका.''
''पीएम मोदी के नेतृत्व में, हमने हैदराबाद मुक्ति दिवस को भव्य तरीके से मनाने का फैसला किया है. मुझे खुशी है कि जिस जगह पर रजाकारों ने 200 लोगों का कत्लेआम किया था, उसी जगह पर एक भव्य स्मारक बनाया गया है. अपनी तुष्टिकरण की राजनीति के चलते कांग्रेस ने हैदराबाद की मुक्ति के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वालों को कभी याद नहीं किया.
उन्होंने आगे कहा ''कांग्रेस की ध्रुवीकरण की राजनीति के कारण, वोट बैंक के लालच में, उन्होंने आजादी और 'हैदराबाद मुक्ति' के लिए खुद को बलिदान करने वाले लोगों को कभी याद नहीं किया. अगर सरदार पटेल न होते तो हैदराबाद को कभी आजादी नहीं मिलती और बीदर को भी आजादी नहीं मिली होती.'
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा ''अल्पसंख्यक को दिया गया आरक्षण संविधान के अनुसार नहीं था. धर्म के आधार पर आरक्षण देने का संविधान में कोई प्रावधान नहीं है. कांग्रेस सरकार ने अपनी ध्रुवीकरण की राजनीति के चलते अल्पसंख्यकों को आरक्षण दिया. भाजपा ने उस आरक्षण को समाप्त कर दिया और वोक्कालिगा और लिंगायत समुदायों को आरक्षण प्रदान किया."
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