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Hizb UT Tahrir: एमपी के जंगलों में छर्रे वाली गन से 5 साल तक चले ट्रेनिंग कैंप, लोकल इंटेलिजेंस को नहीं लगी भनक

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Published : May 21, 2023, 7:26 AM IST

Updated : May 21, 2023, 7:41 AM IST

दुनिया के 50 देशों में अपना नेटवर्क स्थापित करने वाले HUT (हिज्ब-उत-तहरीर) संगठन ने करीब 18 साल पहले मध्यप्रदेश के भोपाल में अपने पांव जमाना शुरू कर दिए थे. धर्मांतरण कराना इनका मूल मकसद था और निशाने पर थे उच्च वर्ग के वे परिवार, जो खुद को बताते धर्मनिरपेक्ष हैं. इतना ही नहीं ये बंदूक चलाने की ट्रेनिंग भी देते थे, लेकिन छर्रे वाली गन से, जिससे किसी को पता नहीं चले. वे अपने मिशन में लगातार कामयाब हो रहे थे और लोकल इंटेलीजेंस (Local Police) को भनक तक नहीं लगी.

HUT training camp was running in forests
एमपी के जंगलों में एचयूटी के ट्रेनिंग कैंप

भोपाल। कट्‌टरपंथी इस्लामिक संगठन हिज्ब-उत-तहरीर (HUT) के खिलाफ एमपी एटीएस (mp anti terrorism squad) ने 9 मई को बड़ी कार्रवाई की. एक साथ देश के 3 स्थानों पर छापामार कार्रवाई करके कुल 16 सदस्यों को गिरफ्तार किया, इनमें 10 भोपाल से, 1 छिंदवाड़ा से और 5 हैदराबाद से पकडाए. अदालत में पेश करके इन्हें रिमांड पर लिया और 19 मई को दोबारा कोर्ट से रिमांड मांगी, लेकिन कोर्ट ने 16 में से 10 को पुलिस रिमांड दी और बाकियों ज्यूडिशियल रिमांड पर जेल भेज दिया. इस दौरान की गई पूछताछ में कई बड़े खुलासे हुए हैं, पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सभी 16 सदस्यों ने भोपाल में 2 तरह के कैंप शुरू कर दिए थे. पहला धर्मांतरण कैंप (conversion camp), जो मोहल्लों में तकरीर देकर चलाया जाता था, और दूसरा हथियार चलाने का ट्रेनिंग कैंप.

HUT training camp was running in forests
एमपी के जंगलों में छर्रे वाली गन से 5 साल तक चले HUT के ट्रेनिंग कैंप

एमपी के जंगलों में एचयूटी के ट्रेनिंग कैंप: दरअसल हिज्ब-उत-तहरीर से जुड़े 16 सदस्यों को गिरफ्तार किया गया था, तो उस वक्त केवल रायसेन के जंगलों का ही नाम आया था, लेकिन रिमांड में की गई पूछताछ से पता चला कि न केवल रायसेन बल्कि भोपाल के सबसे करीब वाले जंगल में भी कैंप चलाते थे. जगदीशपुर (पूर्व में इस्लाम नगर) से आगे ईंटखेड़ी के पास बीनापुर के जंगलों में इन्होंने कैंप बनाया था, यह क्षेत्र ईंटखेड़ी, गुनगा और परवलिया थाना क्षेत्र की सीमा से सटा हुआ है. वहीं रायसेन के समरधा जंगल में इन्होंने कैंप बनाया था, यह कैंप टेंट या पक्का निर्माण करके नहीं बनाए थे, बल्कि ओपन कैंप थे. बकौल जांच अधिकारी इन्होंने ग्रुप बनाए थे, यह लोग 12-12 के ग्रुप में ट्रेनिंग लेते थे. एक साथ जाने की बजाय अलग-अलग बाइक और जीप के जरिए तय लोकेशन पर पहुंचते थे, सभी के पास छर्रे वाली गन हुआ करती थी. चूंकि यह गन आर्म्स एक्ट के तहत नहीं आती, यानी इसे इस्तेमाल करना कानूनन अपराध नहीं है, तो इसका ही इस्तेमाल ट्रेनिंग में किया जाता था. यह लोग इन्हीं 2 इलाकों में जगह बदल बदलकर ट्रेनिंग के दौरान एक 4 से 5 सदस्य सभी दिशाओं में तैनात किए जाते, जिससे किसी के आने पर इशारा किया जा सके. वहीं लोकल लाेग देख भी ले तो लगे कि घूमने आए हैं, जब अफसरों से पूछा कि क्या इनके पास बम, बंदूक, पिस्टल या दूसरे हथियार मिले तो इससे इंकार कर दिया और मानव बम वाली बात को अफवाह बताया.

  1. Hizb UT Tahrir में शामिल सलीम उर्फ सौरभ दोस्त का कराना चाहता था धर्म परिवर्तन, सुनिए दोस्त की जुबानी पूरी कहानी
  2. हिज्ब उत तहरीर के 16 सदस्य कोर्ट में हुए पेश, 10 पुलिस तो 6 को भेजा ज्यूडिशियल रिमांड पर
  3. जाकिर नाईक और डॉ. कमाल ने बनाया सौरव को सलीम, ETV भारत से बोले पिता अशोक राजवैद्य

18 साल से थे सक्रिय, 1 साल पहले आए रडार पर: HUT संगठन की गतिविधियां करीब 18 साल पहले भोपाल और मप्र में शुरू हुई, एक्टिविटी इतनी साइलेंट मोड पर चल रही थी कि कभी भी लोकल पुलिस और इंटेलीजेंस को भनक तक नहीं लगी. लेकिन एक साल पहले एमपी एटीएस के रडार पर यह लोग आए. एटीएस को पता चला कि शहर के साथ ग्रामीण इलाकों में धर्मांतरण के प्रयास चल रहे हैं और दुनिया का बेहद खतरनाक माने जाने वाला हिज्ब उत तहरीर संगठन के तार इससे जुड़े हैं, तो मामला चौंकाने वाला लगा. इसके बाद शहर की तमाम गतिविधियों पर नजर रखी जाने लगी, तो पता लगा कि तहरीक-ए-खिलाफत मध्यप्रदेश में कैसी-कैसी गतिविधियां चला रहा था. हैरानी की बात ये थी कि संगठन के सदस्यों को उनके परिवार की महिलाओं का भी पूरा समर्थन प्राप्त था.

HUT training camp was running in forests
एमपी के लोकल इंटेलिजेंस को नहीं लगी HUT ट्रेनिंग कैंप की भनक

स्ट्रांग टेक्नीकल विंग बना ली थी, डार्क वेब से करते थे बात: 16 सदस्य में से करीब 6 सदस्य तकनीकी रूप से बेहद सक्षम हैं, इनमें टीचर, इंजीनियर अधिक हैं. जैसे छिंदवाड़ा में बैठा अब्दुल करीम पिछले 10 साल से एक प्राइवेट बैंक में बतौर मैनेजर जाॅब करते हुए पूरा टेक्नीकल पार्ट देख रहा था. छिंदवाड़ा में बैठकर ऑनलाइन मीटिंग अरेंज करता था, पूरा प्लानिंग ऑनलाइन बनती, किसी को भी यह लोग बेरोजगार नहीं रहने देते थे. बैरसिया का सौरभ उर्फ सलीम मोहम्मद शहर के एक प्राइवेट कॉलेज में प्रोफेसर था, लेकिन जब धर्मांतरण मामला सामने आने के बाद उसे यहां से जाना पड़ा, तो तत्काल उसके लिए हैदराबाद के डेक्कन कॉलेज में जॉब मिल गई. इसके बाद वह विद फैमिली वहीं शिफ्ट हो गया.

  1. सौरभ से सलीम बना हिज्ब-उत-तहरीर का सरगना! सुनें पत्नी के मानसी से सुरभी और फिर राहिला बनने की कहानी, उसी की जुबानी
  2. हिज्ब-उत-तहरीर के सदस्यों पर CM का बयान, MP को नहीं बनने देंगे केरल स्टोरी

धर्मांतरण मामले में यह हुए गिरफ्तार:

  1. यासिर खान, उम्र 29 साल, जिम ट्रेनर, शाजहानाबाद, भोपाल
  2. मेहराज अली, उम्र 25 साल, कंप्यूटर टेक्नीशियन, (मसूद भाई का मकान) ऐशबाग भोपाल
  3. सैयद सामी रिजवी, उम्र 32 साल, कोचिंग टीचर, मिलेनियम हेबिटेट शहीद नगर, कोहेफिजा भोपाल
  4. खालिद हुसैन, उम्र 40 साल, टीचर एवं व्यापारी, बारेला गांव, लालघाटी भोपाल
  5. शाहरुख, उम्र 29 साल, दर्जी, जवाहर कॉलोनी ऐशबाग भोपाल.
  6. वसीम खान, एनजीओ एक्टिविस्ट, बाग उमराव दूल्हा, भोपाल
  7. मिस्बाह उल हक, उम्र 29 साल, लेबर वर्क, हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी, ऐशबाग भोपाल
  8. माेहम्मद आलम, उम्र 35 साल, नूर महल रोड चौकी इमामबाड़ा भोपाल
  9. शाहिद (26 साल), ऑटो ड्राइवर, जवाहर कॉलोनी ऐशबाग भोपाल
  10. सैयद दानिश अली, सॉफ्टवेयर इंजीनियर, सोनिया गांधी ऐशबाग, भोपाल
  11. अब्दुल करीम रहमान, एफडीडीआई मेंटनेंस शाखा में असिस्टेंट मैनेजर, छिंदवाड़ा मप्र
  12. शेख जुनैद,
  13. मोहम्मद सलीम, प्रोफेसर, हैदराबाद
  14. दानिश अली,
  15. मोहम्मद हमीद
  16. माेहम्मद हमीद

24 मई तक ये हैं पुलिस रिमांड पर: फिलहाल पुलिस ने यासिर खान, सैयद सामी रिजवी, दानिश अली, माेहम्मद आलम, खालिद हुसैन, मोहम्मद हमीद, मोहम्मद अब्बास, अब्दुल रहमान, सलीम मोहम्मद और शेख जुनैद.

भोपाल। कट्‌टरपंथी इस्लामिक संगठन हिज्ब-उत-तहरीर (HUT) के खिलाफ एमपी एटीएस (mp anti terrorism squad) ने 9 मई को बड़ी कार्रवाई की. एक साथ देश के 3 स्थानों पर छापामार कार्रवाई करके कुल 16 सदस्यों को गिरफ्तार किया, इनमें 10 भोपाल से, 1 छिंदवाड़ा से और 5 हैदराबाद से पकडाए. अदालत में पेश करके इन्हें रिमांड पर लिया और 19 मई को दोबारा कोर्ट से रिमांड मांगी, लेकिन कोर्ट ने 16 में से 10 को पुलिस रिमांड दी और बाकियों ज्यूडिशियल रिमांड पर जेल भेज दिया. इस दौरान की गई पूछताछ में कई बड़े खुलासे हुए हैं, पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सभी 16 सदस्यों ने भोपाल में 2 तरह के कैंप शुरू कर दिए थे. पहला धर्मांतरण कैंप (conversion camp), जो मोहल्लों में तकरीर देकर चलाया जाता था, और दूसरा हथियार चलाने का ट्रेनिंग कैंप.

HUT training camp was running in forests
एमपी के जंगलों में छर्रे वाली गन से 5 साल तक चले HUT के ट्रेनिंग कैंप

एमपी के जंगलों में एचयूटी के ट्रेनिंग कैंप: दरअसल हिज्ब-उत-तहरीर से जुड़े 16 सदस्यों को गिरफ्तार किया गया था, तो उस वक्त केवल रायसेन के जंगलों का ही नाम आया था, लेकिन रिमांड में की गई पूछताछ से पता चला कि न केवल रायसेन बल्कि भोपाल के सबसे करीब वाले जंगल में भी कैंप चलाते थे. जगदीशपुर (पूर्व में इस्लाम नगर) से आगे ईंटखेड़ी के पास बीनापुर के जंगलों में इन्होंने कैंप बनाया था, यह क्षेत्र ईंटखेड़ी, गुनगा और परवलिया थाना क्षेत्र की सीमा से सटा हुआ है. वहीं रायसेन के समरधा जंगल में इन्होंने कैंप बनाया था, यह कैंप टेंट या पक्का निर्माण करके नहीं बनाए थे, बल्कि ओपन कैंप थे. बकौल जांच अधिकारी इन्होंने ग्रुप बनाए थे, यह लोग 12-12 के ग्रुप में ट्रेनिंग लेते थे. एक साथ जाने की बजाय अलग-अलग बाइक और जीप के जरिए तय लोकेशन पर पहुंचते थे, सभी के पास छर्रे वाली गन हुआ करती थी. चूंकि यह गन आर्म्स एक्ट के तहत नहीं आती, यानी इसे इस्तेमाल करना कानूनन अपराध नहीं है, तो इसका ही इस्तेमाल ट्रेनिंग में किया जाता था. यह लोग इन्हीं 2 इलाकों में जगह बदल बदलकर ट्रेनिंग के दौरान एक 4 से 5 सदस्य सभी दिशाओं में तैनात किए जाते, जिससे किसी के आने पर इशारा किया जा सके. वहीं लोकल लाेग देख भी ले तो लगे कि घूमने आए हैं, जब अफसरों से पूछा कि क्या इनके पास बम, बंदूक, पिस्टल या दूसरे हथियार मिले तो इससे इंकार कर दिया और मानव बम वाली बात को अफवाह बताया.

  1. Hizb UT Tahrir में शामिल सलीम उर्फ सौरभ दोस्त का कराना चाहता था धर्म परिवर्तन, सुनिए दोस्त की जुबानी पूरी कहानी
  2. हिज्ब उत तहरीर के 16 सदस्य कोर्ट में हुए पेश, 10 पुलिस तो 6 को भेजा ज्यूडिशियल रिमांड पर
  3. जाकिर नाईक और डॉ. कमाल ने बनाया सौरव को सलीम, ETV भारत से बोले पिता अशोक राजवैद्य

18 साल से थे सक्रिय, 1 साल पहले आए रडार पर: HUT संगठन की गतिविधियां करीब 18 साल पहले भोपाल और मप्र में शुरू हुई, एक्टिविटी इतनी साइलेंट मोड पर चल रही थी कि कभी भी लोकल पुलिस और इंटेलीजेंस को भनक तक नहीं लगी. लेकिन एक साल पहले एमपी एटीएस के रडार पर यह लोग आए. एटीएस को पता चला कि शहर के साथ ग्रामीण इलाकों में धर्मांतरण के प्रयास चल रहे हैं और दुनिया का बेहद खतरनाक माने जाने वाला हिज्ब उत तहरीर संगठन के तार इससे जुड़े हैं, तो मामला चौंकाने वाला लगा. इसके बाद शहर की तमाम गतिविधियों पर नजर रखी जाने लगी, तो पता लगा कि तहरीक-ए-खिलाफत मध्यप्रदेश में कैसी-कैसी गतिविधियां चला रहा था. हैरानी की बात ये थी कि संगठन के सदस्यों को उनके परिवार की महिलाओं का भी पूरा समर्थन प्राप्त था.

HUT training camp was running in forests
एमपी के लोकल इंटेलिजेंस को नहीं लगी HUT ट्रेनिंग कैंप की भनक

स्ट्रांग टेक्नीकल विंग बना ली थी, डार्क वेब से करते थे बात: 16 सदस्य में से करीब 6 सदस्य तकनीकी रूप से बेहद सक्षम हैं, इनमें टीचर, इंजीनियर अधिक हैं. जैसे छिंदवाड़ा में बैठा अब्दुल करीम पिछले 10 साल से एक प्राइवेट बैंक में बतौर मैनेजर जाॅब करते हुए पूरा टेक्नीकल पार्ट देख रहा था. छिंदवाड़ा में बैठकर ऑनलाइन मीटिंग अरेंज करता था, पूरा प्लानिंग ऑनलाइन बनती, किसी को भी यह लोग बेरोजगार नहीं रहने देते थे. बैरसिया का सौरभ उर्फ सलीम मोहम्मद शहर के एक प्राइवेट कॉलेज में प्रोफेसर था, लेकिन जब धर्मांतरण मामला सामने आने के बाद उसे यहां से जाना पड़ा, तो तत्काल उसके लिए हैदराबाद के डेक्कन कॉलेज में जॉब मिल गई. इसके बाद वह विद फैमिली वहीं शिफ्ट हो गया.

  1. सौरभ से सलीम बना हिज्ब-उत-तहरीर का सरगना! सुनें पत्नी के मानसी से सुरभी और फिर राहिला बनने की कहानी, उसी की जुबानी
  2. हिज्ब-उत-तहरीर के सदस्यों पर CM का बयान, MP को नहीं बनने देंगे केरल स्टोरी

धर्मांतरण मामले में यह हुए गिरफ्तार:

  1. यासिर खान, उम्र 29 साल, जिम ट्रेनर, शाजहानाबाद, भोपाल
  2. मेहराज अली, उम्र 25 साल, कंप्यूटर टेक्नीशियन, (मसूद भाई का मकान) ऐशबाग भोपाल
  3. सैयद सामी रिजवी, उम्र 32 साल, कोचिंग टीचर, मिलेनियम हेबिटेट शहीद नगर, कोहेफिजा भोपाल
  4. खालिद हुसैन, उम्र 40 साल, टीचर एवं व्यापारी, बारेला गांव, लालघाटी भोपाल
  5. शाहरुख, उम्र 29 साल, दर्जी, जवाहर कॉलोनी ऐशबाग भोपाल.
  6. वसीम खान, एनजीओ एक्टिविस्ट, बाग उमराव दूल्हा, भोपाल
  7. मिस्बाह उल हक, उम्र 29 साल, लेबर वर्क, हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी, ऐशबाग भोपाल
  8. माेहम्मद आलम, उम्र 35 साल, नूर महल रोड चौकी इमामबाड़ा भोपाल
  9. शाहिद (26 साल), ऑटो ड्राइवर, जवाहर कॉलोनी ऐशबाग भोपाल
  10. सैयद दानिश अली, सॉफ्टवेयर इंजीनियर, सोनिया गांधी ऐशबाग, भोपाल
  11. अब्दुल करीम रहमान, एफडीडीआई मेंटनेंस शाखा में असिस्टेंट मैनेजर, छिंदवाड़ा मप्र
  12. शेख जुनैद,
  13. मोहम्मद सलीम, प्रोफेसर, हैदराबाद
  14. दानिश अली,
  15. मोहम्मद हमीद
  16. माेहम्मद हमीद

24 मई तक ये हैं पुलिस रिमांड पर: फिलहाल पुलिस ने यासिर खान, सैयद सामी रिजवी, दानिश अली, माेहम्मद आलम, खालिद हुसैन, मोहम्मद हमीद, मोहम्मद अब्बास, अब्दुल रहमान, सलीम मोहम्मद और शेख जुनैद.

Last Updated : May 21, 2023, 7:41 AM IST
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