नई दिल्ली: हिंदुस्तान यूनिलीवर (Hindustan Unilever) के वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक इस चुनौती से पार पाने के लिए कंपनी ब्रिज पैक रणनीति अपना रही है. जिसमें वह उच्चतम और सबसे कम कीमत वाले उत्पादों के बीच की श्रेणी के उत्पाद लेकर आएगी. जहां कंपनी बचत पर जोर देना जारी रखेगी, वहीं वह क्रमिक मूल्यवृद्धि भी करेगी. इसके साथ ही उसे अल्पावधि में मार्जिन में गिरावट की आशंका भी है.
एचयूएल के मुख्य वित्त अधिकारी रितेश तिवारी ने मार्च तिमाही के नतीजों पर एक कार्यक्रम में कहा कि आगे देखें, तो निकट भविष्य में परिचालन वातावरण चुनौतीपूर्ण बना रहेगा. हमें क्रमिक आधार पर और अधिक मुद्रास्फीति की आशंका है. विकास मुख्य रूप से मूल्य-आधारित होगा. अपने उपभोक्ता आधार को बनाए रखने और उसे आगे बढ़ाने के साथ ही सोच-विचार कर दाम बढ़ाएंगे. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कीमत और लागत का अंतर बढ़ने पर हमारे मार्जिन में लघु अवधि में गिरावट आएगी. इसी चुनौती से निपटने के लिए कंपनी ने ब्रिज पैक रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है.
मसलन कंपनी हाल ही 16 रुपये की कीमत में लाइफबॉय साबुन लेकर आई है. यह उत्पाद लाइफबॉय के ही 10 रुपये और 36 रुपये कीमत वाले अन्य उत्पादों के बीच की श्रेणी में रखा गया है. तिवारी ने कहा कि इस तरह की पेशकश उपभोक्ताओं को बेहतर मूल्य मिलता है और वे अपेक्षाकृत कम दाम पर भी अच्छे ब्रांड के उत्पादों को खरीद पाते हैं. उन्होंने कहा कि हमें इससे अधिक बिक्री मिलती है.
यह भी पढ़ें- हाइब्रिड वाहनों पर कर कम होने से बढ़ेगी इलेक्ट्रिक वाहनों की स्वीकार्यता : होंडा
इसके अलावा विनिर्माता एवं विक्रेता के तौर पर भी हमें बेहतर मूल्य मिलता है. लिहाजा ब्रिज पैक को हम सभी जिंस-प्रभावित श्रेणियों में लागू करने की कोशिश कर रहे हैं. एचयूएल के एक प्रवक्ता ने इस रणनीति को स्पष्ट करते हुए कहा कि उत्पादन लागत से जुड़ी मुद्रास्फीति के उच्चस्तर पर होने से हमारे पोर्टफोलियो के कुछ हिस्सों में उत्पादों पर असर पड़ा है. ऐसी स्थिति में हम अपने लिए सही कीमत एवं मूल्य समीकरण बनाने के लिए ब्रिज पैक बना रहे हैं. यह सुनिश्चित करेगा कि हम अभूतपूर्व मुद्रास्फीति के इस दौर में अपने उपभोक्ता आधार की रक्षा करें और उसे आगे बढ़ाएं.