नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने सोमवार को भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच को सूचित किया कि इसकी जांच काफी हद तक पूरी हो चुकी है और यह जल्द ही सुदर्शन टीवी के संपादक सुरेश चव्हाणके के नेतृत्व में आयोजित हिंदू युवा वाहिनी कार्यक्रम में दिए गए अभद्र भाषा के संबंध में अंतिम रिपोर्ट दाखिल की जाएगी. अदालत को अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल केएम नटराज ने सूचित किया कि 'जांच काफी हद तक पूरी हो चुकी है. फाइनल रिपोर्ट लगभग तैयार है. इसे पुनरीक्षण के लिए भेजा गया है और हम कम से कम समय में अंतिम रिपोर्ट दाखिल करेंगे.'
न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला की पीठ भी तहसीन पूनावाला मामले में शीर्ष अदालत द्वारा निर्धारित अभद्र भाषा के संबंध में दिशानिर्देशों का उल्लंघन करने के लिए कार्यकर्ता तुषार गांधी द्वारा दायर दिल्ली पुलिस के खिलाफ अवमानना याचिका पर सुनवाई कर रही थी. कोर्ट ने एएसजी की दलील पर संज्ञान लिया और मामले को 3 हफ्ते के लिए स्थगित करने का निर्देश दिया. याचिकाकर्ता की ओर से पेश अधिवक्ता शादान फरासत ने कहा कि दिल्ली पुलिस को मामले में कुछ अतिरिक्त पहलुओं को भी स्पष्ट करना चाहिए.
उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस ने आरोपियों की आवाज का नमूना लेने के लिए 17 मार्च की तारीख तय की है, जिसे जल्द से जल्द किया जाना चाहिए और इतना समय नहीं लगना चाहिए. आगे उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस को यह भी बताना चाहिए कि सुनवाई की अगली तारीख तक उसने आरोपियों के खिलाफ क्या कदम उठाए हैं और इस तरह की घटनाओं के लिए क्या कदम उठाए गए हैं.
शादान फरासत ने कहा, 'इन लोगों के संबंध में निवारक कदम क्या हैं? उन्होंने क्या कदम उठाए हैं ताकि इन व्यक्तियों द्वारा इस प्रकार की घटनाओं को दोबारा न दोहराया जाए.' एएसजी केएम नटराज ने अदालत से कहा कि वह अपने हलफनामे में उल्लिखित सभी बिंदुओं और राज्य के बारे में निर्देश लेंगे. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से पूछा था कि इस मामले में एफआईआर दर्ज करने और अगर किसी को गिरफ्तार किया गया तो ऐसा करने में 5 महीने क्यों लगे.
सोमवार को सुनवाई के दौरान, सॉलिसिटर जनरल, तुषार मेहता ने भी अदालत से अनुरोध किया कि सुदर्शन टीवी के यूपीएससी जिहाद कार्यक्रम से संबंधित मामले को अभद्र भाषा से संबंधित दलीलों के साथ जोड़ दिया जाए. हालांकि, अधिवक्ता शादान फरासत ने यह कहते हुए इस पर आपत्ति जताई कि याचिका अलग घटना से संबंधित है और यह पहले से ही न्यायमूर्ति केएम जोसेफ के नेतृत्व वाली पीठ द्वारा निपटाया जा रहा है. कोर्ट ने कहा कि वह इस मामले को देखेगा.