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बिहार: महापर्व छठ में हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल पेश - साफ-सफाई का अभियान

बिहार में कई सामाजिक संगठन हैं, जो तालाब और घाट पर साफ-सफाई का अभियान चल रहे हैं. एक तरफ जहां जिला प्रशासन कई तरह की तैयारियों में व्यस्त है. तो वहीं, मुस्लिम सामाजिक संगठन भी साफ-सफाई अभियान में लगे हैं.

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Published : Nov 10, 2021, 10:14 AM IST

पटना/गया : लोक आस्था के चार दिवसीय महापर्व छठ (Chhath Puja) के अवसर पर पर हिंदू-मुस्लिम एकता की बेहतरीन मिसाल पेश की गई. पटना की मुस्लिम महिलाओं ने गंगा घाट (Ganga Ghat) की सफाई के लिए अपने हाथ में झाड़ू उठा लिया. महापर्व छठ को लेकर घाटों की साफ-सफाई कर मुस्लिम महिलाओं ने एकता का संदेश दिया है.

वहीं, बोधगया प्रखंड के चेरकी निश्खा में दर्जनों मुस्लिम भाइयों ने भट्टा नदी जाने के मार्ग से झाड़ियां साफ कर रहे हैं. साथ ही शाम के वक्त के लिए वहां रोशनी व अन्य चीजों का इंतजाम कराने में भी लगे हुए हैं.

पटना में मुस्लिम महिलाओं का सफाई अभियान
पटना में मुस्लिम महिलाओं का सफाई अभियान

निश्खा के एक सामाजिक कार्यकर्ता तंजील-उर-रहमान खान के नेतृत्व में दर्जनों हिंदू-मुसलमान निश्खा गांव से सटे मोरहर नदी में काली घाट और भट्टा घाट की सफाई में जुटे हैं.

बता दें कि बिहार में कई सामाजिक संगठन हैं, जो तालाब और घाट पर साफ-सफाई का अभियान चल रहे हैं. एक तरफ जहां जिला प्रशासन कई तरह की तैयारियों में व्यस्त है. तो वहीं, मुस्लिम सामाजिक संगठन भी साफ-सफाई अभियान में लगे हैं. इसी क्रम में पटना सिटी के आदर्श घाट पर गंगा जमुनी तहजीब की एक नई तस्वीर सामने आई है.

झाड़ियों को साफ करते सामाजिक संगठन के सदस्य
झाड़ियों को साफ करते सामाजिक संगठन के सदस्य

पढ़ें : छठ पर राजनीति गरमायी, सांसद रवि किशन बोले- जिम्मेदारी से बच नहीं सकते केजरीवाल

कौमी एकता की मिसाल कायम करते हुए यहां नकाब लगाए मुस्लिम महिलाओं ने गंगा घाट तक जाने वाले रास्तों पर झाड़ू लगाकर साफ-सफाई कर सौहार्द की मिसाल पेश की. बता दें कि पटना सिटी के आदर्श घाट पर मुस्लिम महिलाएं लगातार कई सालों से महापर्व छठ पूजा के मौके पर घाटों की सफाई करते आ रही हैं, ताकि छठ व्रती महिलाओं को परेशानी न हो. इस दौरान दौरान गंगा जमुनी तहजीब देखने को मिली.

हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल पेश

समाजसेवी मुमताज जहां ने कहा कि इस देश में रहने वाले सभी भारतीय है. इसलिए एक दूसरे के पर्वों में मिलकर सहयोग कर एक मिशाल पेश करते है. उन्होंने कहा कि छठपूजा लोकआस्था का प्रतीक है और इस पूजा में सबको आगे आना चाहिए. छठपूजा सफाई और स्वच्छता का प्रतीक माना जाता है. इसलिए हम सभी दर्जनों मुस्लिम महिलाएं गंगा घाट की साफ करते हैं. ताकि यह संदेश उन लोगों तक पहुंचे जो जाति-धर्म के नाम पर उन्माद फैलाते हैं.

पटना/गया : लोक आस्था के चार दिवसीय महापर्व छठ (Chhath Puja) के अवसर पर पर हिंदू-मुस्लिम एकता की बेहतरीन मिसाल पेश की गई. पटना की मुस्लिम महिलाओं ने गंगा घाट (Ganga Ghat) की सफाई के लिए अपने हाथ में झाड़ू उठा लिया. महापर्व छठ को लेकर घाटों की साफ-सफाई कर मुस्लिम महिलाओं ने एकता का संदेश दिया है.

वहीं, बोधगया प्रखंड के चेरकी निश्खा में दर्जनों मुस्लिम भाइयों ने भट्टा नदी जाने के मार्ग से झाड़ियां साफ कर रहे हैं. साथ ही शाम के वक्त के लिए वहां रोशनी व अन्य चीजों का इंतजाम कराने में भी लगे हुए हैं.

पटना में मुस्लिम महिलाओं का सफाई अभियान
पटना में मुस्लिम महिलाओं का सफाई अभियान

निश्खा के एक सामाजिक कार्यकर्ता तंजील-उर-रहमान खान के नेतृत्व में दर्जनों हिंदू-मुसलमान निश्खा गांव से सटे मोरहर नदी में काली घाट और भट्टा घाट की सफाई में जुटे हैं.

बता दें कि बिहार में कई सामाजिक संगठन हैं, जो तालाब और घाट पर साफ-सफाई का अभियान चल रहे हैं. एक तरफ जहां जिला प्रशासन कई तरह की तैयारियों में व्यस्त है. तो वहीं, मुस्लिम सामाजिक संगठन भी साफ-सफाई अभियान में लगे हैं. इसी क्रम में पटना सिटी के आदर्श घाट पर गंगा जमुनी तहजीब की एक नई तस्वीर सामने आई है.

झाड़ियों को साफ करते सामाजिक संगठन के सदस्य
झाड़ियों को साफ करते सामाजिक संगठन के सदस्य

पढ़ें : छठ पर राजनीति गरमायी, सांसद रवि किशन बोले- जिम्मेदारी से बच नहीं सकते केजरीवाल

कौमी एकता की मिसाल कायम करते हुए यहां नकाब लगाए मुस्लिम महिलाओं ने गंगा घाट तक जाने वाले रास्तों पर झाड़ू लगाकर साफ-सफाई कर सौहार्द की मिसाल पेश की. बता दें कि पटना सिटी के आदर्श घाट पर मुस्लिम महिलाएं लगातार कई सालों से महापर्व छठ पूजा के मौके पर घाटों की सफाई करते आ रही हैं, ताकि छठ व्रती महिलाओं को परेशानी न हो. इस दौरान दौरान गंगा जमुनी तहजीब देखने को मिली.

हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल पेश

समाजसेवी मुमताज जहां ने कहा कि इस देश में रहने वाले सभी भारतीय है. इसलिए एक दूसरे के पर्वों में मिलकर सहयोग कर एक मिशाल पेश करते है. उन्होंने कहा कि छठपूजा लोकआस्था का प्रतीक है और इस पूजा में सबको आगे आना चाहिए. छठपूजा सफाई और स्वच्छता का प्रतीक माना जाता है. इसलिए हम सभी दर्जनों मुस्लिम महिलाएं गंगा घाट की साफ करते हैं. ताकि यह संदेश उन लोगों तक पहुंचे जो जाति-धर्म के नाम पर उन्माद फैलाते हैं.

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