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दोस्ती की मिसाल...तोड़ेंगे दम मगर तेरा साथ ना छोड़ेंगे

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Published : Apr 9, 2021, 9:37 AM IST

हिंदु-मुस्लिम एकता के लिए हमारा देश यूं ही नहीं प्रसिद्ध है. तमिलनाडु के अरियालुर जिले के दो दोस्त इस बात का प्रमाण हैं. के. महालिंगम और पी जैलाबुदीन की दोस्ती 40 साल पुरानी है. इनकी दोस्ती ऐसी थी कि दोनों ने मौत को भी साथ में गले लगाया.

Hindu Muslim friends
Hindu Muslim friends

चेन्नई : हमारा देश एकता और आपसी भाईचारे के लिए जाना जाता है. तमिलनाडु के अरियालुर जिले से इसको चरितार्थ करती हुई एक घटना सामने आई है. दो दोस्त जो जीते जी तो साथ थे ही उन्होंने मौत को भी एक साथ गले लगाया.

अरियालुर के के. महालिंगम (70) और पी जैलाबुदीन (66) 40 साल पुराने दोस्त थे. बुधवार देपहर को दोनों 30 मिनट के भीतर मृत्यु को प्राप्त हो गए.

महालिंगम मंदिर के पुजारी थे और चाय का स्टॉल लगाते थे. वहीं जैलाबुदीन की चावल की मिल थी. दोनों के घर आमने सामने थे. और उनका एक दूसरे के यहां आना-जाना लगा रहता था.

महालिंगम को उच्च रक्तचाप की शिकायत थी. उनकी तबीयत बिगड़ने पर उन्हें स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां जैलाबुदीन पहले से ही भर्ती थे. बाद में दोनों को एक ही वॉर्ड में शिफ्ट कर दिया गया.

पढ़ें-अंतरराष्ट्रीय बाल पुस्तक दिवस विशेष: बचपन में किताबों से दोस्ती

शाम करीब चार बचे जैलाबुदीन के सीने में तेज दर्द हुआ और वह गुजर गए. दोस्त की मृत्यु का सदमा महालिंगम नहीं बर्दाश्त कर पाए और 30 मिनट के भीतर वह भी गुजर गए. मृतकों के परिजनों ने दोनों की दोस्ती को सलाम करते हुए एक बैनर बनवाया.

चेन्नई : हमारा देश एकता और आपसी भाईचारे के लिए जाना जाता है. तमिलनाडु के अरियालुर जिले से इसको चरितार्थ करती हुई एक घटना सामने आई है. दो दोस्त जो जीते जी तो साथ थे ही उन्होंने मौत को भी एक साथ गले लगाया.

अरियालुर के के. महालिंगम (70) और पी जैलाबुदीन (66) 40 साल पुराने दोस्त थे. बुधवार देपहर को दोनों 30 मिनट के भीतर मृत्यु को प्राप्त हो गए.

महालिंगम मंदिर के पुजारी थे और चाय का स्टॉल लगाते थे. वहीं जैलाबुदीन की चावल की मिल थी. दोनों के घर आमने सामने थे. और उनका एक दूसरे के यहां आना-जाना लगा रहता था.

महालिंगम को उच्च रक्तचाप की शिकायत थी. उनकी तबीयत बिगड़ने पर उन्हें स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां जैलाबुदीन पहले से ही भर्ती थे. बाद में दोनों को एक ही वॉर्ड में शिफ्ट कर दिया गया.

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शाम करीब चार बचे जैलाबुदीन के सीने में तेज दर्द हुआ और वह गुजर गए. दोस्त की मृत्यु का सदमा महालिंगम नहीं बर्दाश्त कर पाए और 30 मिनट के भीतर वह भी गुजर गए. मृतकों के परिजनों ने दोनों की दोस्ती को सलाम करते हुए एक बैनर बनवाया.

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