दार्जिलिंग: कुछ दिनों पहले चलाए गए ऑपरेशन हिमराहत के बाद, अब भारतीय सेना फिर से बचाव कार्य में जुट गई है. इस बार भारी बर्फ में फंसे लगभग 1,000 पर्यटकों के लिए सुरक्षाकर्मी रक्षक बन गए हैं. सैलानी जवानों की भूमिका की जमकर तारीफ कर रहे हैं. दो दिन पहले भारतीय सेना ने ऑपरेशन हिमराहत के जरिए पूर्वी सिक्किम में भारी बर्फबारी से करीब 100 वाहनों में फंसे 400 पर्यटकों को रेस्क्यू किया था. अब भी काफी ज्यादा संख्या में पर्यटकों को रेस्क्यू करते नजर आए.
इस बार भी सेना का यह रेस्क्यू ऑपरेशन पूर्वी सिक्किम के छांगू में था. बुधवार दोपहर से पूर्वी सिक्किम के छंगू, नाथुला और आसपास के इलाकों में भारी हिमपात हुआ है. जिससे तापमान शून्य से भी नीचे चला गया है. हिमपात के चलते ट्रैफिक भी ठप हो गया, जिससे लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया. इसके अलावा अत्यधिक ठंड के कारण पर्यटक भी यहां फंस गए हैं.
भारी बर्फबारी के कारण सड़कें काफी खतरनाक हो गई है, जिसकी वजह से करीब 200 कारें और उनमें सवार पर्यटक वहीं फंस गए. गंगटोक को जोड़ने वाली एकमात्र सड़क जवाहरलाल नेहरू मार्ग पर भी हिमपात के चलते वाहन फिसल रहे थे. नतीजतन, पर्यटकों के लिए स्थिति कठिन हो गई थी. करीब 15 किलोमीटर तक जाम की स्थिति बनी रही. इसके बाद सिक्किम प्रशासन ने सेना से मदद की गुहार लगाई.
आठ घंटे तक चले बचाव कार्य में सिक्किम पुलिस ने सेना के जवानों के साथ मिलकर काम किया. जवानों ने पर्यटकों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया. वहां पर्यटकों को गर्म कपड़े, भोजन और चिकित्सा सहायता दी जाती थी. इसके बाद सेना के जवानों ने सड़क की सफाई शुरू कर दी. सुबह से ही पर्यटकों को गंगटोक भेजने की व्यवस्था की गई.
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भारतीय सेना के कर्नल अंजन कुमार बासुमतारी ने इस ऑपरेशन के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि इसी तरह हाल ही में कई पर्यटक फंसे हुए थे. लेकिन इस बार संख्या बहुत ज्यादा थी. लेकिन हमारे जवानों ने सावधानी के साथ रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया. सभी पर्यटकों को बचा लिया गया और सुरक्षित स्थानों पर भेज दिया गया. भारतीय सेना ऐसी स्थितियों के लिए हमेशा सतर्क रहती है.