कुल्लू: देशभर में जहां दिवाली का त्योहार धूमधाम से मनाया गया. वहीं, दिवाली पर हुए आतिशबाजी की वजह से कई राज्यों की हवा प्रदूषित हो गई है. दिवाली पर देश के कई राज्यों में वायु प्रदूषण काफी बढ़ गया है, लेकिन हिमाचल प्रदेश की आबोहवा पर दिवाली का असर नहीं पड़ा है. यहां दिवाली पर हुए आतिशबाजी के बावजूद हवा में प्रदूषण नहीं फैला है. दिवाली के दिन प्रदेश का औसतन एयर क्वालिटी इंडेक्स भी 92 माइक्रोग्राम रिकॉर्ड किया गया. बीते साल दिवाली पर एक्यूआई 97 माइक्रोग्राम था. वहीं, पूरे देश में हिमाचल प्रदेश की पर्यटन नगरी मनाली की हवा सबसे साफ दर्ज की गई है. दिवाली के दिन सबसे शुद्ध हवा दुनिया भर में पर्यटन नगरी मनाली की रही.
देश में सबसे शुद्ध मनाली की हवा: मनाली का एयर क्वालिटी इंडेक्स 55 माइक्रोग्राम रिकॉर्ड किया गया है. हालांकि, दिवाली से पहले मनाली का एयर क्वालिटी इंडेक्स 29 माइक्रोग्राम था. इसी तरह शिमला का एयर क्वालिटी इंडेक्स 78 माइक्रोग्राम रिकॉर्ड किया गया. पिछले साल 47 माइक्रोग्राम की तुलना में इस बार शिमला की हवा में ज्यादा प्रदूषण दर्ज किया गया है. वही दिवाली के दिन हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला, पांवटा साहिब, ऊना को छोड़कर अन्य सभी शहरों का एयर क्वालिटी इंडेक्स 100 माइक्रोग्राम से कम रहा.
इन जगहों पर AQI 100 के पार: 12 नवंबर को ऊना का एयर क्वालिटी इंडेक्स सबसे ज्यादा 153 माइक्रोग्राम पहुंच गया. हालांकि बीते साल दिवाली वाले दिन ऊना का एयर क्वालिटी इंडेक्स 93 ग्राम था. इस साल धर्मशाला का एयर क्वालिटी इंडेक्स 140 माइक्रोग्राम रिकॉर्ड किया गया. दिवाली के दिन इसका स्तर 140 माइक्रोग्राम रिकॉर्ड किया गया. पांवटा साहब की बात करें तो इस साल एयर क्वालिटी इंडेक्स 111 माइक्रोग्राम रिकॉर्ड किया गया. जबकि पिछले साल यहां पर 123 माइक्रोग्राम एयर क्वालिटी इंडेक्स दर्ज किया गया था. इस लिहाज से इस बार काम वायु प्रदूषण हुआ है. हिमाचल में ऊना का सर्वाधिक 153 माइक्रोग्राम रहा.
हिमाचल में एयर क्वालिटी इंडेक्स: साल 2022 में दीवाली के दिन एयर क्वालिटी इंडेक्स की बात करें तो शिमला में 47, परवाणु में 83, धर्मशाला में 127, डमटाल में 120, नालागढ़ में 111, पावटा साहिब में 123, ऊना में 93, मनाली में 63, बद्दी में 157 माइक्रो ग्राम रहा. वहीं, साल 2023 में दिवाली के दिन शिमला में 78, परवाणु में 87, धर्मशाला में 140, डमटाल में 60, नालागढ़ में 85, पावटा साहिब में 111, ऊना में 153, मनाली में 55, बद्दी में 96 माइक्रोग्राम रहा.
दिल्ली की एयर क्वालिटी इंडेक्स: देश की राजधानी दिल्ली की अगर बात करें तो रविवार दिवाली के दिन एयर क्वालिटी इंडेक्स 397 दर्ज किया गया था. जो अगले दिन सोमवार को 358 एक्यूआई दर्ज किया गया. इसके अलावा दिल्ली के कई इलाकों में वायु प्रदूषण ‘गंभीर’ श्रेणी (एक्यूआई400 से ज्यादा) में रहा. जिनमें आईटीओ (427), आरके पुरम (422), पंजाबी बाग (423), नेहरू नगर (450) और आनंद विहार (439) शामिल हैं.
क्या होता है AQI: एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) हवा में मौजूद कणों को मापने का जरिया है. जीरो से 50 माइक्रोग्राम के बीच का एयर क्वालिटी इंडेक्स सबसे सही माना जाता है. 51 से 100 के बीच का एयर क्वालिटी इंडेक्स संतोषजनक, 101 से 200 के बीच का मॉडरेट, 201 से 300 बीच का एयर क्वालिटी इंडेक्स बेहद खराब और 301 से ऊपर का एयर क्वालिटी इंडेक्स गंभीर माना जाता है. वायुमंडल में घुलने वाली जहरीली हवाएं सांस के साथ गले, स्वास्थ्य नाली और फेफड़ों तक पहुंचती है. जिसके चलते सांस के रोगों की शुरुआत होने का भी डर बना रहता है. धूल के कारण चमड़ी के रोग और आंखों में भी जलन होती है.
मनाली में बढ़ी पर्यटकों की संख्या: हिमाचल प्रदेश के पर्यटन नगरी मनाली की बात करें तो यहां साफ हवा का आनंद लेने के लिए बाहरी राज्यों से सैलानियों बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं. दिवाली से एक सप्ताह पहले मनाली में प्रतिदिन 250 से लेकर 350 गाड़ी यहां पहुंच रही थी, लेकिन दिवाली से लेकर अब तक 500 से लेकर 600 गाड़ियां प्रतिदिन मनाली पहुंच रही हैं. ऐसे में यह संख्या अब दुगनी हुई है और रोहतांग दर्रा सहित लाहौल के विभिन्न पर्यटन स्थलों पर भी बर्फबारी का मजा लेने के लिए बाहरी राज्यों से सैलानियों का यहां आना जारी है. वही ऊपरी इलाकों में हुई बर्फबारी भी पर्यटन सीजन के लिए अब संजीवनी का काम कर रही है.
पर्यटकों के आने से मनाली गुलजार: मनाली के पर्यटन कारोबारी रोशन व नरेंद्र सूद का कहना है कि दिवाली के बाद से अब सैलानियों की संख्या में वृद्धि हो रही है. मनाली की होटल में भी अब ऑक्युपेंसी की दर बढ़ रही है. पहले यहां पर होटल के कमरे 40% तक बुक हो रहे थे, लेकिन अभी इसकी संख्या 60 से लेकर 70% तक पहुंच गई है. इन दिनों पश्चिम बंगाल, गुजरात, मध्य प्रदेश सहित दक्षिण भारत से भी सैलानी माननी पहुंच रहे हैं. अगर आने वाले दिनों में फिर से मनाली की पहाड़ियों पर हिमपात होता है तो सैलानियों की संख्या में काफी तेजी आएगी.