गोरखपुरः हिमाचल प्रदेश के के नव नियुक्त राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला ने कहा कि G 20 की अध्यक्षता भारत को मिलना, पीएम मोदी के कुशल नेतृव की देन है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में आज यूपी नई ऊंचाई छू रहा है. हाल में संपन्न हुआ ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट इसका बड़ा उदाहरण है. ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट के जरिए दुनिया भर के बड़े लोगों ने उत्तर प्रदेश में निवेश करने के लिए सहमति जताई है. इससे लाखों युवाओं के लिए रोजगार भी उपलब्ध होंगे.
भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता, पूर्व केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री और गोरखपुर से चार बार विधायक रहे शिव प्रताप शुक्ला को रविवार को हिमाचल प्रदेश का राज्यपाल बनाया गया है. राज्यपाल बनाए जाने की घोषणा के बाद सोमवार को शिव प्रताप शुक्ला गोरखनाथ मंदिर पहुंचे और बाबा गोरखनाथ का दर्शन पूजन किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि बाबा गोरखनाथ का दर्शन पूजन उनके द्वारा सदैव से होता चला आ रहा है. यह कोई राजनीतिक विषय नहीं है. बाबा गोरखनाथ नई जिम्मेदारी को भी सफलतापूर्वक निर्वहन करने की शक्ति दें, ऐसी कामना लेकर उनके दरबार में माथा टेकने के लिए पहुंचा हूं.
शिव प्रताप के साथ भाजपा के कई नेता और गोरखनाथ मंदिर प्रबंधन से जुड़े हुए लोग शामिल थे. इस दौरान उनके समर्थकों द्वारा उन्हें फूल माला पहनाकर स्वागत भी किया गया. शिव प्रताप शुक्ला भारतीय जनता पार्टी के उन कार्यकर्ताओं में शामिल हैं जो इसके नींव के पत्थर माने जाते हैं. विद्यार्थी जीवन से इन्होंने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से संगठन की सेवा करते हुए, विभाग संगठन मंत्री और अन्य पदों पर कार्य किया था. जब देश में इमरजेंसी लगाई गई थी तब प्रदेश में गोरखपुर से पहली गिरफ्तारी इनके रूप में ही हुई थी. वर्ष 1989 में जब विधानसभा का चुनाव हो रहा था तो वह पहली बार गोरखपुर सदर विधानसभा सीट से, भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार के रूप में चुनाव जीतने में कामयाब हुए थे.
शिव प्रताप शुक्ला प्रदेश की कल्याण सिंह, राजनाथ सिंह और राम प्रकाश गुप्ता सरकार में विभिन्न विभागों के मंत्री रहे. विधि एवं न्याय, ग्राम्य विकास, शिक्षा, कारागार जैसे महत्वपूर्ण विभागों के कैबिनेट मंत्री का दायित्व इन्होंने बखूबी संभाला था. हालांकि वर्ष 2002 के विधानसभा चुनाव में वह गोरखपुर विधानसभा सीट से चुनाव हार गए थे. इसके बाद जब प्रदेश में सूर्य प्रताप शाही भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बनाए गए तो वह उनकी टीम में उपाध्यक्ष की भूमिका में रहे. करीब 6 वर्ष पहले केंद्र की मोदी सरकार में वह केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री भी बनाए गए, जिसके लिए पार्टी ने उन्हें यूपी से राज्यसभा में भेजा था.