तंजावुर: हिमाचल प्रदेश के उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने अपनी पत्नी और बेटे के साथ तमिलनाडु के कुंभकोणम, अय्यावाड़ी, प्रत्यंगिरा देवी मंदिर के पास देवी काली के प्रसिद्ध मंदिर में निकुंबल यज्ञ किया. वह पिछले साल नवंबर में इस देवी स्थान पर आए थे और प्रार्थना की कि वे चुनावी जीत के लिए निकुंबल यज्ञ करेंगे. अब जब वह चुनाव जीत चुके हैं और राज्य के उपमुख्यमंत्री बन चुके हैं.
इसी के चलते वह अपनी पत्नी और बेटे के साथ अपनी प्रार्थना पूरी होने के बाद अय्यवादी आए हैं. उन्होंने बीती 13 फरवरी को प्रत्यंगिरा देवी मंदिर के सामने स्थापित बड़े अग्निकुंड में निकुंबल यज्ञ का आयोजन किया था. मीडिया को उप-मुख्यमंत्री के इस कार्यक्रम की तस्वीर लेने और कवर करने की अनुमति नहीं दी गई. इस आयोजन में उन्होंने जेड प्लस सुरक्षा से साथ शिरकत की. मंदिर परिसर और मंदिर के बाहर बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों को सुरक्षा ड्यूटी पर तैनात किया गया था.
हालांकि जब ईटीवी भारत ने इस संबंध में मंदिर के गुरू शंकर से बात की तो उन्होंने कहा कि उप-मुख्यमंत्री की ऐसी मान्यता है कि निकुंबल यज्ञ खोई हुई राजनीतिक स्थिति को वापस लाता है. उन्होंने कहा कि ऐसा माना जाता है कि पांडव, जो अपनी शक्ति खो चुके थे और निर्वासन में चले गए थे, उन्होंने इस मंदिर में जाकर और निकुंबल यज्ञ करके अपना राज्य वापस पा लिया था.
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मंदिर के गुरू ने कहा इवर का मतलब तमिल में पांच लोग होते हैं और इस तरह समय के साथ शब्द बदलते गए और अयावादी के रूप में जाना जाने लगा. गुरू शंकर का कहना है कि जयललिता, जिन्होंने 2002 में तांसी मामले के कारण अपना पद खो दिया था, उन्होंने इसी मंदिर में अपना खोया हुआ स्थान वापस पाने के लिए यज्ञ किया था. इसी तरह केंद्रीय मंत्री अमित शाह सहित कई प्रमुख राजनीतिक हस्तियों ने इस मंदिर का दौरा किया और उनकी प्रार्थना पूरी भी हुई.