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सीमेंट विवाद को लेकर दो दिन में फैक्ट्री प्रबंधन के साथ मीटिंग करेंगे अफसर, बात नहीं बनी तो अडानी समूह पर होगी सख्ती - सीमेंट कारखानों में तालाबंदी

हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अधिकारियों को सीमेंट विवाद को लेकर दो दिन में फैक्ट्री प्रबंधन के साथ बैठक करने को कहा है. उन्होंने कहा कि अगर बैठक में बात नहीं बनी तो अडानी समूह पर सख्ती की जाएगी.

cement factory dispute in Himachal
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Published : Feb 4, 2023, 10:53 AM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश में अडानी समूह के दो सीमेंट कारखानों में तालाबंदी के बाद की स्थिति को लेकर सरकार अब निर्णय लेने की दिशा में आगे बढ़ी है. शुक्रवार को देर शाम तक मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान, बिलासपुर जिला के विधायकों, अफसरों व ट्रक ऑपरेटर्स के साथ मीटिंग में कई अहम मुद्दों पर सहमति बनी. राज्य सरकार के संबंधित विभागों के अफसर दो दिन के भीतर कंपनी प्रबंधन के साथ मीटिंग करेंगे. यदि अडानी समूह का रवैया फिर भी टालमटोल वाला रहता है तो राज्य सरकार ग्रुप के साथ सख्ती करेगी.

मीटिंग में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस बात को लेकर स्पष्ट संकेत दिए हैं. बताया जा रहा है कि सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने उद्योग विभाग को साफ कह दिया है कि सरकार अब और लंबा विवाद सहन नहीं करेगी. यदि अडानी समूह अड़ा रहता है तो कंपनी के खिलाफ सरकार एक्शन लेगी. इसमें उद्योगों को दी जाने वाली सब्सिडी वापिस लेने का फैसला हो सकता है. साथ ही सरकार द्वारा दी गई करीब आठ सौ बीघा जमीन को लेकर भी अडानी समूह के खिलाफ राज्य के नियमों के अनुसार सख्त कार्रवाई होगी.

CM ने अधिकारियों को फैक्ट्री प्रबंधन के साथ बैठक करने के दिए निर्देश.
CM ने अधिकारियों को फैक्ट्री प्रबंधन के साथ बैठक करने के दिए निर्देश.

राज्य सरकार अडानी ग्रुप के साथ कानूनी व प्रशासनिक सख्ती की दिशा में आगे बढ़ेगी. कुल मिलाकर संकेत ये दिया गया है कि अडानी समूह की मनमानी सहन नहीं की जाएगी. सरकार के इस कड़े रुख से मीटिंग में मौजूद ट्रक ऑपरेटर भी संतुष्ट दिखे. यही कारण है कि कल यानी शनिवार का चक्का जाम वापिस ले लिया गया है. सीएम के साथ आयोजित मीटिंग में ट्रक ऑपरेटर्स की परेशानियों पर भी विस्तार से चर्चा हुई. मीटिंग में बिलासपुर जिले के विधायकों ने भी भाग लिया.

बैठक में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार का मामले का सर्वमान्य हल चाहती है. उन्होंने कहा कि सरकार का मत है कि सीमेंट कारखाने में काम शुरू होना चाहिए. साथ ही ट्रक ऑपरेटरों सहित वहां कार्य करने वाले कर्मचारियों का भविष्य भी सुरक्षित होना चाहिए. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार सभी यूनियनों की ओर से प्रस्तावित भाड़े की दरोंं पर सीमेंट कारखाना प्रबन्धन से चर्चा करेगी. उन्होंने इसके लिए संबंधित विभागों के अधिकारियों को दो दिन के भीतर फैक्ट्री प्रबंधन से बातचीत के निर्देश दिए.

वहीं, ट्रक ऑपरेटरों के प्रतिनिधियों ने विवाद खत्म करने की दिशा में प्रदेश सरकार के प्रयासों की सराहना की. आपरेटर्स यूनियन ने कहा कि वे सरकार को हर संभव सहयोग करेंगे. बैठक में बीडीटीएस बरमाणा, सोलन जिला ट्रक ऑपरेटर, बाघल लैंड होल्डर्स, गोल्डन लैंड लूजर, अंबुजा दाड़ला कसलोग मांगू, कुरगण लैंड लूजर तथा माइनिंग लैंड लूजर के प्रतिनिधि शामिल थे. सरकार की तरफ से बैठक में उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान, मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी, विधायक इंद्रदत्त लखनपाल, राजेश धर्माणी, रणधीर शर्मा, जेआर कटवाल, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव भरत खेड़ा, प्रधान सचिव परिवहन आरडी नजीम, निदेशक उद्योग राकेश प्रजापति तथा निदेशक परिवहन अनुपम कश्यप सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.

ये भी पढे़ं: हिमाचल परिवहन विभाग पूरी तरह इलेक्ट्रिक वाहनों को इस्तेमाल करने वाला देश का पहला सरकारी विभाग बना

शिमला: हिमाचल प्रदेश में अडानी समूह के दो सीमेंट कारखानों में तालाबंदी के बाद की स्थिति को लेकर सरकार अब निर्णय लेने की दिशा में आगे बढ़ी है. शुक्रवार को देर शाम तक मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान, बिलासपुर जिला के विधायकों, अफसरों व ट्रक ऑपरेटर्स के साथ मीटिंग में कई अहम मुद्दों पर सहमति बनी. राज्य सरकार के संबंधित विभागों के अफसर दो दिन के भीतर कंपनी प्रबंधन के साथ मीटिंग करेंगे. यदि अडानी समूह का रवैया फिर भी टालमटोल वाला रहता है तो राज्य सरकार ग्रुप के साथ सख्ती करेगी.

मीटिंग में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस बात को लेकर स्पष्ट संकेत दिए हैं. बताया जा रहा है कि सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने उद्योग विभाग को साफ कह दिया है कि सरकार अब और लंबा विवाद सहन नहीं करेगी. यदि अडानी समूह अड़ा रहता है तो कंपनी के खिलाफ सरकार एक्शन लेगी. इसमें उद्योगों को दी जाने वाली सब्सिडी वापिस लेने का फैसला हो सकता है. साथ ही सरकार द्वारा दी गई करीब आठ सौ बीघा जमीन को लेकर भी अडानी समूह के खिलाफ राज्य के नियमों के अनुसार सख्त कार्रवाई होगी.

CM ने अधिकारियों को फैक्ट्री प्रबंधन के साथ बैठक करने के दिए निर्देश.
CM ने अधिकारियों को फैक्ट्री प्रबंधन के साथ बैठक करने के दिए निर्देश.

राज्य सरकार अडानी ग्रुप के साथ कानूनी व प्रशासनिक सख्ती की दिशा में आगे बढ़ेगी. कुल मिलाकर संकेत ये दिया गया है कि अडानी समूह की मनमानी सहन नहीं की जाएगी. सरकार के इस कड़े रुख से मीटिंग में मौजूद ट्रक ऑपरेटर भी संतुष्ट दिखे. यही कारण है कि कल यानी शनिवार का चक्का जाम वापिस ले लिया गया है. सीएम के साथ आयोजित मीटिंग में ट्रक ऑपरेटर्स की परेशानियों पर भी विस्तार से चर्चा हुई. मीटिंग में बिलासपुर जिले के विधायकों ने भी भाग लिया.

बैठक में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार का मामले का सर्वमान्य हल चाहती है. उन्होंने कहा कि सरकार का मत है कि सीमेंट कारखाने में काम शुरू होना चाहिए. साथ ही ट्रक ऑपरेटरों सहित वहां कार्य करने वाले कर्मचारियों का भविष्य भी सुरक्षित होना चाहिए. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार सभी यूनियनों की ओर से प्रस्तावित भाड़े की दरोंं पर सीमेंट कारखाना प्रबन्धन से चर्चा करेगी. उन्होंने इसके लिए संबंधित विभागों के अधिकारियों को दो दिन के भीतर फैक्ट्री प्रबंधन से बातचीत के निर्देश दिए.

वहीं, ट्रक ऑपरेटरों के प्रतिनिधियों ने विवाद खत्म करने की दिशा में प्रदेश सरकार के प्रयासों की सराहना की. आपरेटर्स यूनियन ने कहा कि वे सरकार को हर संभव सहयोग करेंगे. बैठक में बीडीटीएस बरमाणा, सोलन जिला ट्रक ऑपरेटर, बाघल लैंड होल्डर्स, गोल्डन लैंड लूजर, अंबुजा दाड़ला कसलोग मांगू, कुरगण लैंड लूजर तथा माइनिंग लैंड लूजर के प्रतिनिधि शामिल थे. सरकार की तरफ से बैठक में उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान, मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी, विधायक इंद्रदत्त लखनपाल, राजेश धर्माणी, रणधीर शर्मा, जेआर कटवाल, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव भरत खेड़ा, प्रधान सचिव परिवहन आरडी नजीम, निदेशक उद्योग राकेश प्रजापति तथा निदेशक परिवहन अनुपम कश्यप सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.

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