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हिमाचल में इस बार 100 से ज्यादा उम्र के 1328 मतदाता करेंगे अपने मताधिकार का प्रयोग - Election Department Himachal

इस बार 1328 शतकवीर मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे. 122 वर्षीय दिने राम सबसे बुजुर्ग मतदाता हैं. देश के पहले मतदाता श्याम सरण नेगी भी इस बार आजादी के बाद से अब तक 34वीं बार मतदान करेंगे. वहीं, इस बार हिमाचल प्रदेश में चुनाव से ठीक पहले तक 18 साल पूरा करने वाले युवा भी वोट डाल सकेंगे. अब ऐसे युवा पिछले चुनाव की तरह मतदान से वंचित नहीं होंगे. अब उम्र तय करने के लिए एक जनवरी तक की सीलिंग नहीं होगी.

100 years of age Voters in Himachal
फोटो.
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Published : Aug 29, 2022, 9:58 PM IST

शिमला: हिमाचल विधानसभा चुनाव में (election in himachal Pradesh) इस बार 1328 मतदाता ऐसे हैं जिनकी उम्र 100 वर्ष का आंकड़ा पार कर चुकी है. मतदाता सूची में दर्ज नाम मे सबसे बुजुर्ग मतदाता (Dine Ram oldest voter in himachal) कुल्लू जिले के दिने राम हैं. इनकी उम्र 122 वर्ष से अधिक है. हिमाचल प्रदेश मतदाता जागरूकता में हमेशा ही देश भर में अव्वल रहा है. हर चुनावों में यह मतदाता जागरूकता को लेकर विशेष अभियान चलाया जाता है. इस बार इन शतकवीर मतदाताओं के लिए विशेष प्रबंध इलेक्शन डिपार्टमेंट की तरफ से किए जा सकते हैं. देश के पहले मतदाता श्याम सरण नेगी भी (Country first voter Shyam Saran Negi) इस बार आजादी के बाद से अब तक 34वीं बार मतदान करेंगे. शतक वीर मतदाताओं की बात करें तो 100 वर्ष की उम्र पार कर चुके शतकवीर मतदाओं में सबसे अधिक संख्या कांगड़ा जिले में हैं.

जिलाशतक वीर मतदाता जिलाशतक वीर मतदाता
कांगड़ा 472 लाहौल स्पीति8
चम्बा 56कुल्लू 47
मंडी 179बिलासपुर89
हमीरपुर 135 सोलन 52
ऊना 136शिमला 82
किन्नौर10 कुल- 1328

हालांकि अभी इलेक्शन डिपार्टमेंट में मतदाता सूची को अपडेट करने का काम जारी है. इस क्रम में कुछ नए नाम जुड़ रहे हैं तो कुछ पुराने नाम डिलीट भी हो रहे हैं. देश के सबसे पहले मतदाता की बात करें तो एक जुलाई, 1917 को कल्पा में जन्में श्याम सरण नेगी ने (Country first voter Shyam Saran Negi) पहला वोट 25 अक्टूबर, 1951 को ब्रिटिश शासन की समाप्ति के बाद हुए पहले चुनाव में डाला था. कल्पा जनजातीय जिले का हिस्सा है. यहां बर्फबारी होने से पहले ही मतदान प्रक्रिया हो गई थी. श्याम सरण नेगी ने सबसे पहले वोट डाला था. जिला प्रशासन हर बार उनके मतदान के लिए विशेष व्यवस्था करता है.

देश के पहले मतदाता श्याम सरण नेगी को उनके घर कल्पा से सरकारी वाहन में सम्मानपूर्वक बूथ नंबर 51 पर लाया और पहुंचाया जाता है. इस दौरान उनके पोता और पोती या परिवार के सदस्य भी साथ होते हैं. प्रशासन की ओर से रेड कारपेट बिछाकर और किन्नौरी वेशभूषा में पारंपरिक वाद्ययंत्रों के साथ किन्नौरी टोपी और मफलर पहनाकर उनका स्वागत किया जाता है. मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनीष गर्ग (Chief Electoral Officer Manish Garg) के अनुसार भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार 16 अगस्त से 10 अक्टूबर तक किए जा रहे हिमाचल प्रदेश के सभी 68 विधानसभा क्षेत्रों की मतदाता सूचियों के विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण से संबंधित गतिविधियों के पर्यवेक्षण के लिए कांगड़ा, शिमला और मंडी के मंडलायुक्तों को मतदाता सूची प्रेक्षक नियुक्त किया गया है.

मनीष गर्ग ने बताया कि ये प्रेक्षक मतदाता सूचियों में नए नाम शामिल करने और अपात्र लोगों के नाम हटाने के संबंध में प्राप्त दावों या आक्षेपों के निपटारे की गुणवत्ता और मतदाता सूचियों में लिंग अनुपात, जनसंख्या अनुपात तथा आयु वर्ग वार पंजीकरण में अंतर को कम करने के संबंध में जिला निर्वाचन अधिकारियों द्वारा किए जा रहे कार्यों का प्रेक्षण करेंगे. वे विसंगतियों के निवारण के लिए जिला निर्वाचन अधिकारियों को निर्देशित करेंगे. मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि पुनरीक्षण अवधि के दौरान प्रेक्षक 3-3 क्षेत्रीय दौरे करेंगे. पहले दौरे के दौरान वे सांसदों या विधायकों अथवा राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक भी करेंगे. प्रत्येक दौरे के बाद मतदाता सूची प्रेक्षक, मुख्य निर्वाचन अधिकारी के माध्यम से भारत निर्वाचन आयोग को रिपोर्ट प्रेषित करेंगे.

इस बार हिमाचल प्रदेश में चुनाव से ठीक पहले तक 18 साल पूरा करने वाले युवा भी वोट डाल सकेंगे. अब ऐसे युवा पिछले चुनाव की तरह मतदान से वंचित नहीं होंगे. अब उम्र तय करने के लिए एक जनवरी तक की सीलिंग नहीं होगी. अब एक अक्टूबर तक 18 वर्ष की आयु पूरा करने वाले भी मतदान करने के हकदार होंगे. राज्य में पहली बार यह नई व्यवस्था लागू हो रही है. यह प्रावधान ‘चुनाव कानून संशोधन अधिनियम 2021’ में किया गया है. संसद में पारित करने के बाद यह कानून 30 दिसंबर 2021 के बाद लागू हुआ है. हिमाचल के हजारों युवा मतदाताओं को इसका लाभ होगा. प्रदेश की तेरहवीं विधानसभा का कार्यकाल पूरा होने पर अब संबंधित चुनाव अक्टूबर के बाद प्रस्तावित हैं. यानी इसके लिए महज तीन महीने ही बचे हैं.

इसकी भारतीय निर्वाचन आयोग (election Commission of India) ने तैयारी शुरू कर ली है, जिसके तहत मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनीष गर्ग ने मतदाता सूचियों के पुनरीक्षण के आदेश जारी किए हैं कि सभी 68 विधानसभा हलकों की फोटोयुक्त मतदाता सूचियों का जुलाई से अक्टूबर तक विशेष पुनरीक्षण होगा. दो जनवरी से एक अक्टूबर 2022 तक 18 वर्ष या इससे अधिक आयु पूर्ण कर चुके पात्र नागरिकों के नाम मतदाता सूची में शामिल होंगे. इसके लिए चुनाव से पहले एक जनवरी या एक अप्रैल या एक जुलाई या फिर एक अक्टूबर की तिथियों से उम्र का आकलन होगा.

अगर चुनाव अक्टूबर या नवंबर मेें होते हैं तो स्वाभाविक रूप से एक अक्टूबर 2022 तक 18 साल की उम्र पूरा करने वाले सभी युवा वोट देने के लिए पात्र होंगे. नए कानून में यह प्रावधान है कि मतदाता की 18 साल की उम्र तय करने की तिथि अब एक जनवरी नहीं होगी, बल्कि इसका निर्धारण एक अप्रैल, एक जुलाई और एक अक्टूबर की आधारभूत तिथि से होगा. इसका फायदा यह होगा कि बड़ी संख्या में युवा मतदान में हिस्सा ले सकेंगे.

ये भी पढ़ें: HP High Court ने तलब की माननीयों के खिलाफ लंबित क्रिमिनल मामलों की जानकारी, 4 हफ्तों में मांगी रिपोर्ट

शिमला: हिमाचल विधानसभा चुनाव में (election in himachal Pradesh) इस बार 1328 मतदाता ऐसे हैं जिनकी उम्र 100 वर्ष का आंकड़ा पार कर चुकी है. मतदाता सूची में दर्ज नाम मे सबसे बुजुर्ग मतदाता (Dine Ram oldest voter in himachal) कुल्लू जिले के दिने राम हैं. इनकी उम्र 122 वर्ष से अधिक है. हिमाचल प्रदेश मतदाता जागरूकता में हमेशा ही देश भर में अव्वल रहा है. हर चुनावों में यह मतदाता जागरूकता को लेकर विशेष अभियान चलाया जाता है. इस बार इन शतकवीर मतदाताओं के लिए विशेष प्रबंध इलेक्शन डिपार्टमेंट की तरफ से किए जा सकते हैं. देश के पहले मतदाता श्याम सरण नेगी भी (Country first voter Shyam Saran Negi) इस बार आजादी के बाद से अब तक 34वीं बार मतदान करेंगे. शतक वीर मतदाताओं की बात करें तो 100 वर्ष की उम्र पार कर चुके शतकवीर मतदाओं में सबसे अधिक संख्या कांगड़ा जिले में हैं.

जिलाशतक वीर मतदाता जिलाशतक वीर मतदाता
कांगड़ा 472 लाहौल स्पीति8
चम्बा 56कुल्लू 47
मंडी 179बिलासपुर89
हमीरपुर 135 सोलन 52
ऊना 136शिमला 82
किन्नौर10 कुल- 1328

हालांकि अभी इलेक्शन डिपार्टमेंट में मतदाता सूची को अपडेट करने का काम जारी है. इस क्रम में कुछ नए नाम जुड़ रहे हैं तो कुछ पुराने नाम डिलीट भी हो रहे हैं. देश के सबसे पहले मतदाता की बात करें तो एक जुलाई, 1917 को कल्पा में जन्में श्याम सरण नेगी ने (Country first voter Shyam Saran Negi) पहला वोट 25 अक्टूबर, 1951 को ब्रिटिश शासन की समाप्ति के बाद हुए पहले चुनाव में डाला था. कल्पा जनजातीय जिले का हिस्सा है. यहां बर्फबारी होने से पहले ही मतदान प्रक्रिया हो गई थी. श्याम सरण नेगी ने सबसे पहले वोट डाला था. जिला प्रशासन हर बार उनके मतदान के लिए विशेष व्यवस्था करता है.

देश के पहले मतदाता श्याम सरण नेगी को उनके घर कल्पा से सरकारी वाहन में सम्मानपूर्वक बूथ नंबर 51 पर लाया और पहुंचाया जाता है. इस दौरान उनके पोता और पोती या परिवार के सदस्य भी साथ होते हैं. प्रशासन की ओर से रेड कारपेट बिछाकर और किन्नौरी वेशभूषा में पारंपरिक वाद्ययंत्रों के साथ किन्नौरी टोपी और मफलर पहनाकर उनका स्वागत किया जाता है. मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनीष गर्ग (Chief Electoral Officer Manish Garg) के अनुसार भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार 16 अगस्त से 10 अक्टूबर तक किए जा रहे हिमाचल प्रदेश के सभी 68 विधानसभा क्षेत्रों की मतदाता सूचियों के विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण से संबंधित गतिविधियों के पर्यवेक्षण के लिए कांगड़ा, शिमला और मंडी के मंडलायुक्तों को मतदाता सूची प्रेक्षक नियुक्त किया गया है.

मनीष गर्ग ने बताया कि ये प्रेक्षक मतदाता सूचियों में नए नाम शामिल करने और अपात्र लोगों के नाम हटाने के संबंध में प्राप्त दावों या आक्षेपों के निपटारे की गुणवत्ता और मतदाता सूचियों में लिंग अनुपात, जनसंख्या अनुपात तथा आयु वर्ग वार पंजीकरण में अंतर को कम करने के संबंध में जिला निर्वाचन अधिकारियों द्वारा किए जा रहे कार्यों का प्रेक्षण करेंगे. वे विसंगतियों के निवारण के लिए जिला निर्वाचन अधिकारियों को निर्देशित करेंगे. मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि पुनरीक्षण अवधि के दौरान प्रेक्षक 3-3 क्षेत्रीय दौरे करेंगे. पहले दौरे के दौरान वे सांसदों या विधायकों अथवा राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक भी करेंगे. प्रत्येक दौरे के बाद मतदाता सूची प्रेक्षक, मुख्य निर्वाचन अधिकारी के माध्यम से भारत निर्वाचन आयोग को रिपोर्ट प्रेषित करेंगे.

इस बार हिमाचल प्रदेश में चुनाव से ठीक पहले तक 18 साल पूरा करने वाले युवा भी वोट डाल सकेंगे. अब ऐसे युवा पिछले चुनाव की तरह मतदान से वंचित नहीं होंगे. अब उम्र तय करने के लिए एक जनवरी तक की सीलिंग नहीं होगी. अब एक अक्टूबर तक 18 वर्ष की आयु पूरा करने वाले भी मतदान करने के हकदार होंगे. राज्य में पहली बार यह नई व्यवस्था लागू हो रही है. यह प्रावधान ‘चुनाव कानून संशोधन अधिनियम 2021’ में किया गया है. संसद में पारित करने के बाद यह कानून 30 दिसंबर 2021 के बाद लागू हुआ है. हिमाचल के हजारों युवा मतदाताओं को इसका लाभ होगा. प्रदेश की तेरहवीं विधानसभा का कार्यकाल पूरा होने पर अब संबंधित चुनाव अक्टूबर के बाद प्रस्तावित हैं. यानी इसके लिए महज तीन महीने ही बचे हैं.

इसकी भारतीय निर्वाचन आयोग (election Commission of India) ने तैयारी शुरू कर ली है, जिसके तहत मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनीष गर्ग ने मतदाता सूचियों के पुनरीक्षण के आदेश जारी किए हैं कि सभी 68 विधानसभा हलकों की फोटोयुक्त मतदाता सूचियों का जुलाई से अक्टूबर तक विशेष पुनरीक्षण होगा. दो जनवरी से एक अक्टूबर 2022 तक 18 वर्ष या इससे अधिक आयु पूर्ण कर चुके पात्र नागरिकों के नाम मतदाता सूची में शामिल होंगे. इसके लिए चुनाव से पहले एक जनवरी या एक अप्रैल या एक जुलाई या फिर एक अक्टूबर की तिथियों से उम्र का आकलन होगा.

अगर चुनाव अक्टूबर या नवंबर मेें होते हैं तो स्वाभाविक रूप से एक अक्टूबर 2022 तक 18 साल की उम्र पूरा करने वाले सभी युवा वोट देने के लिए पात्र होंगे. नए कानून में यह प्रावधान है कि मतदाता की 18 साल की उम्र तय करने की तिथि अब एक जनवरी नहीं होगी, बल्कि इसका निर्धारण एक अप्रैल, एक जुलाई और एक अक्टूबर की आधारभूत तिथि से होगा. इसका फायदा यह होगा कि बड़ी संख्या में युवा मतदान में हिस्सा ले सकेंगे.

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