नई दिल्ली: कर्नाटक उच्च न्यायालय (Karnataka High Court) ने मंगलवार को अपने फैसले में कहा था कि हिजाब इस्लाम धर्म में आवश्यक धार्मिक प्रथा का हिस्सा नहीं है. प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना, न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने कुछ छात्राओं की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता संजय हेगड़े की उन दलीलों पर गौर किया कि आगामी परीक्षाओं को देखते हुए तत्काल सुनवाई की आवश्यकता है.
वरिष्ठ अधिवक्ता ने पीठ से कहा कि तत्काल आवश्यकता यह है कि कई लड़कियां हैं, जिन्हें परीक्षाओं में बैठना है. सीजेआई ने कहा कि अन्य ने भी जिक्र किया है, हम देखते हैं. हम अवकाश के बाद इसे सूचीबद्ध करेंगे. हमें वक्त दीजिए. मामले में उच्च न्यायालय की पूर्ण पीठ के आदेश के खिलाफ कुछ याचिकाएं दायर की गयी हैं. उच्च न्यायालय ने कहा है कि संविधान के अनुच्छेद 25 के तहत हिजाब पहनना इस्लाम धर्म में आवश्यक धार्मिक प्रथा नहीं है.
उच्च न्यायालय ने कक्षाओं में हिजाब पहनने की अनुमति मांगने वाली उडुपी में गवर्नमेंट प्री-यूनिवर्सिटी गर्ल्स कॉलेज की मुस्लिम छात्राओं के एक वर्ग की याचिकाएं खारिज कर दी थीं. उसने कहा कि स्कूल की वर्दी का नियम एक उचित पाबंदी है और संवैधानिक रूप से स्वीकृत है, जिस पर छात्राएं आपत्ति नहीं उठा सकतीं.