नई दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय में शुक्रवार को एक जनहित याचिका दाखिल कर इस आधार पर 12 से 17 साल के बच्चों का तुरंत टीकाकरण करने के लिए निर्देश जारी करने का अनुरोध किया गया. याचिका में कहा गया है कि तीसरी लहर में बच्चों के ज्यादा प्रभावित होने की आशंका है.
मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने मामले में केंद्र और दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किए और मामले को अन्य याचिकाओं के साथ चार जून को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया. याचिका में 17 साल तक की उम्र के बच्चों के अभिभावकों को टीकाकरण में प्राथमिकता देने का भी अनुरोध किया गया है क्योंकि दूसरी लहर के दौरान कोविड-19 की वजह से अभिभावकों की मौत के कारण कई बच्चे अनाथ हो गए. मामले में दो याचिकाकर्ता हैं. पहला याचिकाकर्ता नाबालिग है, जिसने अपनी मां के जरिए याचिका दी है जबकि दूसरी याचिकाकर्ता एक बच्चे की मां है.
वकील बिहू शर्मा और अभिनव मुखर्जी के जरिए दाखिल याचिका में दावा किया गया है कि अप्रैल 2021 से मई 2021 के बीच संक्रमित लोगों की संख्या के आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल की तुलना में संक्रमित बच्चों की संख्या में वृद्धि हुई है. इसमें आरोप लगाया गया है कि भारत की टीका नीति में बच्चों या उनके अभिभावकों के लिए टीकाकरण का पहलू शामिल नहीं है. केंद्र और दिल्ली सरकार भी मौजूदा महामारी के दौरान बच्चों के लिए राष्ट्रीय योजना तैयार करने में नाकाम रही है.
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याचिका में कहा गया मौजूदा महामारी के असर को कम करने के लिए दुनिया के देशों ने वयस्कों के साथ बच्चों का टीकाकरण करने की अहमियत को समझा है और प्रभावी कदम उठाए हैं. याचिका के अनुसार कनाडा, अमेरिका जैसे देशों में बच्चों के लिए टीकों का निर्माण हुआ है और 12-17 साल के बच्चों को इसकी खुराक दी गई है.
भाषा