ETV Bharat / bharat

आरटीओ कश्मीर का सर्कुलर खारिज, याचिकाकर्ता ने बताया ऐतिहासिक फैसला

जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ने आरटीओ कश्मीर के उस सर्कुलर को खारिज कर दिया है, जिसमें दूसरे राज्यों से खरीदे गए वाहनों का दोबारा पंजीकृत करने का आदेश दिया गया था. एडवोकेट जहूर अहमद भट की याचिका पर अदालत ने यह फैसला सुनाया. ईटीवी भारत से खास बातचीत में एडवोकेट जहूर ने इसे ऐतिहासिक फैसला बताया है.

आरटीओ कश्मीर
आरटीओ कश्मीर
author img

By

Published : May 1, 2021, 7:35 AM IST

Updated : May 1, 2021, 2:09 PM IST

श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ने केंद्र शासित प्रदेश के वाहन मालिकों को राहत देते हुए आरटीओ कश्मीर द्वारा जारी सर्कुलर को रद्द कर दिया है. बता दें कि आरटीओ कश्मीर ने सर्कुलर जारी कर जम्मू-कश्मीर के बाहर से खरीदे जाने वाले वाहनों के लिए नया पंजीकरण कराना अनिवार्य कर दिया था.

एडवोकेट जहूर अहमद भट से बातचीत

इस सर्कुलर के खिलाफ एडवोकेट जहूर अहमद भट ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. अदालत के फैसले का स्वागत करते हुए एडवोकेट जहूर ने कहा कि अगर सरकारी आदेश जनहित में नहीं है तो आपको अदालतों का रुख करना होगा.

उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट की खंडपीठ ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया है. मामले की सुनवाई तेजी से की गई. हम फैसले से संतुष्ट हैं. सुप्रीम कोर्ट में भी एक याचिका दायर की गई है, ताकि अगर जम्मू-कश्मीर प्रशासन सुप्रीम कोर्ट जाए, हमें पहले से सूचित किया जाएगा.

एडवोकेट जहूर ने कहा, आरटीओ कश्मीर द्वारा सर्कुलर जारी करने के तुरंत बाद पुलिस ने वाहनों को जब्त करना शुरू कर दिया था. एक दिन मैंने देखा कि एक बीमार व्यक्ति के वाहन को जब्त किया जा रहा है. जिसके बाद उसे सार्वजनिक परिवहन में जाना पड़ा. यह देखकर, मैंने अदालत का दरवाजा खटखटाने का फैसला किया और तीन अप्रैल को याचिका दायर की.

उन्होंने आगे कहा कि कोर्ट ने मामले को फास्ट ट्रैक पर सुना. सुनवाई के दौरान आरटीओ कश्मीर और कमिश्नर ट्रांसपोर्ट को भी तलब किया गया था. हालांकि, अदालत सुनवाई के दौरान उनकी प्रतिक्रिया से संतुष्ट नहीं थी.

एडवोकेट जहूर ने कहा, हमें यकीन था कि फैसला हमारे पक्ष में होगा, लेकिन अगर कुछ और होता है, तो हम सुप्रीम कोर्ट जाने के लिए तैयार थे.

यह भी पढ़ें- 70 साल में मिली स्वास्थ्य संरचना की विरासत पर्याप्त नहीं, राजनीति न करें : कोरोना पर सुप्रीम कोर्ट

उन्होंने कहा, हाईकोर्ट ने अपने फैसले में हमारे साथ सहमति व्यक्त की कि आरटीओ कश्मीर के पास वाहनों को पंजीकृत करने का अधिकार नहीं है और उनके द्वारा जारी किया गया सर्कुलर मोटर वाहन अधिनियम के खिलाफ है. अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि दोहरा कराधान लगाना असंवैधानिक है. इसके अलावा, अदालत ने अपने फैसले में स्पष्ट किया है कि अगर कोई व्यक्ति अपना निवास पता बदलता है, तो उसे फिर से पंजीकरण करना होगा लेकिन कोई टैक्स नहीं देना होगा.

श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ने केंद्र शासित प्रदेश के वाहन मालिकों को राहत देते हुए आरटीओ कश्मीर द्वारा जारी सर्कुलर को रद्द कर दिया है. बता दें कि आरटीओ कश्मीर ने सर्कुलर जारी कर जम्मू-कश्मीर के बाहर से खरीदे जाने वाले वाहनों के लिए नया पंजीकरण कराना अनिवार्य कर दिया था.

एडवोकेट जहूर अहमद भट से बातचीत

इस सर्कुलर के खिलाफ एडवोकेट जहूर अहमद भट ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. अदालत के फैसले का स्वागत करते हुए एडवोकेट जहूर ने कहा कि अगर सरकारी आदेश जनहित में नहीं है तो आपको अदालतों का रुख करना होगा.

उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट की खंडपीठ ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया है. मामले की सुनवाई तेजी से की गई. हम फैसले से संतुष्ट हैं. सुप्रीम कोर्ट में भी एक याचिका दायर की गई है, ताकि अगर जम्मू-कश्मीर प्रशासन सुप्रीम कोर्ट जाए, हमें पहले से सूचित किया जाएगा.

एडवोकेट जहूर ने कहा, आरटीओ कश्मीर द्वारा सर्कुलर जारी करने के तुरंत बाद पुलिस ने वाहनों को जब्त करना शुरू कर दिया था. एक दिन मैंने देखा कि एक बीमार व्यक्ति के वाहन को जब्त किया जा रहा है. जिसके बाद उसे सार्वजनिक परिवहन में जाना पड़ा. यह देखकर, मैंने अदालत का दरवाजा खटखटाने का फैसला किया और तीन अप्रैल को याचिका दायर की.

उन्होंने आगे कहा कि कोर्ट ने मामले को फास्ट ट्रैक पर सुना. सुनवाई के दौरान आरटीओ कश्मीर और कमिश्नर ट्रांसपोर्ट को भी तलब किया गया था. हालांकि, अदालत सुनवाई के दौरान उनकी प्रतिक्रिया से संतुष्ट नहीं थी.

एडवोकेट जहूर ने कहा, हमें यकीन था कि फैसला हमारे पक्ष में होगा, लेकिन अगर कुछ और होता है, तो हम सुप्रीम कोर्ट जाने के लिए तैयार थे.

यह भी पढ़ें- 70 साल में मिली स्वास्थ्य संरचना की विरासत पर्याप्त नहीं, राजनीति न करें : कोरोना पर सुप्रीम कोर्ट

उन्होंने कहा, हाईकोर्ट ने अपने फैसले में हमारे साथ सहमति व्यक्त की कि आरटीओ कश्मीर के पास वाहनों को पंजीकृत करने का अधिकार नहीं है और उनके द्वारा जारी किया गया सर्कुलर मोटर वाहन अधिनियम के खिलाफ है. अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि दोहरा कराधान लगाना असंवैधानिक है. इसके अलावा, अदालत ने अपने फैसले में स्पष्ट किया है कि अगर कोई व्यक्ति अपना निवास पता बदलता है, तो उसे फिर से पंजीकरण करना होगा लेकिन कोई टैक्स नहीं देना होगा.

Last Updated : May 1, 2021, 2:09 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.