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समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान को HC से बड़ी राहत, इस मामले में मिली जमानत - हाईकोर्ट की लखनऊ शाखा

हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच (Uttar Pradesh High Court Lucknow Bench ) ने मानहानि के मामले में आजम खान की जमानत याचिका को मंजूर दे दी है.

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Published : Mar 8, 2022, 9:16 PM IST

लखनऊ: यूपी विधानसभा चुनाव 2022 (UP Elections 2022) में सभी चरणों के मतदान संपन्न होने के बाद आखिरकार मंगलवार को समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान (Azam Khan) को हाइकोर्ट से बड़ी राहत मिली है. हाईकोर्ट ने आजम खान की जमानत याचिका को मंजूरी दे दी है. जानकारी के मुताबिक सरकारी लेटर पैड व मोहर का गलत इस्तेमाल करते हुए, समुदायों के बीच घृणा पैदा करने के एक मामले में सपा सांसद और पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान की जमानत याचिका हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने मंजूर कर ली है. यह आदेश न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा की एकल पीठ ने आजम खान की जमानत याचिका पर पारित किया. इस मामले में आजम खान के विरुद्ध आईपीसी की धारा 505 (2) के तहत चार्जशीट दाखिल की गई थी. उक्त धारा के तहत मात्र तीन साल की सजा के प्रावधान को देखते हुए, न्यायालय ने आजम खान की याचिका मंजूर की है.

पढ़ें: धर्म संसद हेट स्पीच मामला : HC ने खारिज की आरोपी वसीम रिजवी की जमानत याचिका

वहीं, इस मामले की एफआईआर हजरतगंज थाने में 1 फरवरी 2019 को वादी अल्लामा जमीर नकवी ने दर्ज कराई थी. एफआईआर में कहा गया था कि घटना वर्ष 2014 से सम्बंधित है. लेकिन तत्कालीन सरकार के प्रभाव के चलते वादी की रिपोर्ट दर्ज नहीं की जा रही थी. वादी का कहना था कि उसने अपनी शिकायत सदस्य राज्य अल्पसंख्यक आयोग को भी भेजी थी. आजम खान के खिलाफ आरोप लगाया है कि आजम खान सरकारी लेटर हेड व सरकारी मोहर का दुरुपयोग करके भाजपा, आरएसएस व मौलाना सैयद कल्बे जव्वाद नकवी को बदनाम कर रहे हैं, जिससे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इन सभी की छवि धूमिल हो रही है. उनकी प्रतिष्ठा को घोर आघात पहुंच रहा है. वहीं आजम खान की ओर से दलील दी गई कि वह काफी समय से जेल में हैं और उनके विरुद्ध लगाए गए आरोप मजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारा परीक्षणनीय है. यह भी कहा गया कि वर्तमान मामला राजनीति से प्रेरित है.

लखनऊ: यूपी विधानसभा चुनाव 2022 (UP Elections 2022) में सभी चरणों के मतदान संपन्न होने के बाद आखिरकार मंगलवार को समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान (Azam Khan) को हाइकोर्ट से बड़ी राहत मिली है. हाईकोर्ट ने आजम खान की जमानत याचिका को मंजूरी दे दी है. जानकारी के मुताबिक सरकारी लेटर पैड व मोहर का गलत इस्तेमाल करते हुए, समुदायों के बीच घृणा पैदा करने के एक मामले में सपा सांसद और पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान की जमानत याचिका हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने मंजूर कर ली है. यह आदेश न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा की एकल पीठ ने आजम खान की जमानत याचिका पर पारित किया. इस मामले में आजम खान के विरुद्ध आईपीसी की धारा 505 (2) के तहत चार्जशीट दाखिल की गई थी. उक्त धारा के तहत मात्र तीन साल की सजा के प्रावधान को देखते हुए, न्यायालय ने आजम खान की याचिका मंजूर की है.

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वहीं, इस मामले की एफआईआर हजरतगंज थाने में 1 फरवरी 2019 को वादी अल्लामा जमीर नकवी ने दर्ज कराई थी. एफआईआर में कहा गया था कि घटना वर्ष 2014 से सम्बंधित है. लेकिन तत्कालीन सरकार के प्रभाव के चलते वादी की रिपोर्ट दर्ज नहीं की जा रही थी. वादी का कहना था कि उसने अपनी शिकायत सदस्य राज्य अल्पसंख्यक आयोग को भी भेजी थी. आजम खान के खिलाफ आरोप लगाया है कि आजम खान सरकारी लेटर हेड व सरकारी मोहर का दुरुपयोग करके भाजपा, आरएसएस व मौलाना सैयद कल्बे जव्वाद नकवी को बदनाम कर रहे हैं, जिससे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इन सभी की छवि धूमिल हो रही है. उनकी प्रतिष्ठा को घोर आघात पहुंच रहा है. वहीं आजम खान की ओर से दलील दी गई कि वह काफी समय से जेल में हैं और उनके विरुद्ध लगाए गए आरोप मजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारा परीक्षणनीय है. यह भी कहा गया कि वर्तमान मामला राजनीति से प्रेरित है.

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